Wednesday, October 9, 2024
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मंदिर से लेकर माँ सरस्वती पर जिस राजद MLA ने की अभद्र टिप्पणी, उसके बचाव में आए बिहार के शिक्षा मंत्री: कहा- आहुति देंगे नहीं, लेना जानते हैं

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने हिंदुओं की भावना को आहत करने वाले अपने विधायक नेता फतेह बहादुर के बयान का समर्थन किया है। बहादुर ने मंदिर को लेकर कहा था कि यह गुलामी का रास्ता होता है जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का होता है।

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने हिंदुओं की भावना को आहत करने वाले अपने विधायक नेता फतेह बहादुर सिंह के बयान का समर्थन किया है। फतेह बहादुर ने कुछ दिन पहले एक पोस्टर में मंदिर को लेकर विवादित बातें छपवाई थीं। इसमें कहा गया था कि मंदिर गुलामी का रास्ता होता है जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का होता है। उनकी इसी हरकत का बचाव करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि ये बात फतेह बहादुर की कही नहीं है बल्कि सावित्री बाई फुले की है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘मंदिर गुलामी का रास्ता है…’ इस बात को फतेह बहादुर ने खुद से नहीं कहा बल्कि इस बात को तो देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले ने कहा था। फतेह बहादुर ने तो बस उस बात को दोहराया है। फिर भी षड्यंत्रकारियों ने उनके गले की कीमत लगा दी।

चंद्रशेखर सिंह बोले अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं करेगा, शहीद जगदेव का बेटा अब आहूति नहीं देगा, क्योंकि वह अब आहूति लेना जानता है। चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बहुजन लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समुंंदर बन जाएगा और सारे विरोधी उस समंदर के पार खड़े दिखेंगे।

इससे पहले फतेह बहादुर खुद भी उस बयान को सावित्री बाई फुले का बयान बताकर पूरे मामले में पल्ला झाड़ चुके हैं। वहीं जिस कार्यक्रम में चंद्रशेखर सिंह ने यह बात कही है उसी के पोस्टर लालू यादव के घर के बाहर लगाए गए थे और उनपर लिखा था-

“मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की तरफ बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए?”

लालू यादव के आवास के बाहर लगे पोस्टर

इस पोस्टर में साइड में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की भी फोटो थी। इसके अलावा पोस्टर में बड़ा सा फतेह बहादुर का फोटो लगा था। कार्यक्रम के मुख्य आयोजकों में भी फतेह बहादुर सिंह कुशवाहा का नाम था, जो कुछ दिन पहले ही माता सरस्वती पर विवादित बयान देने के कारण चर्चा में आए थे।

हर बार दूसरे के हवाले से विवादित टिप्पणी करना, हिंदू आस्था को ठेस पहुँचाना फतेह बहादुर सिंह का काम हो गया है। कुछ समय पहले कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखने वाले और बिहार के रोहतास जिले के डेहरी से सत्ताधारी RJD के विधायक फतेह ने कहा था,

“आप ही के ग्रंथ में लिखा हुआ कि सुरसती (सरस्वती) जो है, ब्रह्मा की बेटी है और ब्रह्मा जी का अपनी ही पुत्री पर नियत खराब हुआ और उन्होंने (ब्रह्मा) उनके साथ शादी कर लिया। आप खुद समझिए… पूजा किसका होता है, चरित्रवान का या चरित्रहीन का?”

आरजेडी विधायक ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा था, “ये चरित्रवान-चरित्रहीन वाली बात मैं नहीं बोल रहा हूँ, ये संत कबीरदास ने कहा है। मैं उनका कहा हुआ बात कह रहा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में सरस्वती जी की प्रतिमा नहीं लगाई जानी चाहिए।”

उनके इन्हीं बयानों के बाद कई लोग उनसे काफी नाराज हुए थे। हिंदू शिवभवानी सेना की ओर से ऐलान किया गया था कि जो फतेह बहादुर की जीभ काटकर लाएगा उसे 10 लाख रुपए का इनाम मिलेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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