Friday, May 3, 2024
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सोनिया गाँधी के सचिव ने कब्जा लिया था सरकारी बंगला, 3 करोड़ रुपए का बकाया भी: केंद्र सरकार ने बेदखली का भेजा नोटिस

मोदी सरकार ने साल 2019 में बंगले खाली कराने के लिए एक कानून भी बनाया था। इसमें प्रावधान है कि अगर कोई बंगला समय पर खाली नहीं करता है तो उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना नोटिस मिलने के तीन दिन के बाद आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (Housing and Urban Development Ministry) ने चाणक्यपुरी स्थित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए कॉन्ग्रेस को नोटिस भेजा है। यह बंगला कॉन्ग्रेस को अलॉट किया गया था, लेकिन इसमें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के सचिव विंसेंट जॉर्ज अवैध रूप से रह रहे हैं।

मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय (DEO) ने बताया कि दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित बंगला (नंबर C-ll/109) को कॉन्ग्रेस को अलॉट किया गया था और इसका बकाया 3.08 करोड़ रुपए हो गया है। निदेशालय का कहना है कि यह पैसा अभी तक जमा नहीं किया गया है। वहीं, पिछला भुगतान अगस्त 2013 में किया गया था।

DEO द्वारा 25 मार्च को कॉन्ग्रेस को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “आपने सार्वजनिक परिसर पर अनधिकृत कब्जा लिया है। आपको उक्त परिसर से बेदखल कर दिया जाना चाहिए… पत्र संख्या 7/259/94- द्वारा 26-06-2013 से आवंटन रद्द होने के बाद भी आप सार्वजनिक परिसरों पर कब्जा करना जारी रखे हुए हैं।”

नोटिस में सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1971 की धारा 3 बी की उप-धारा (1) के तहत कारण बताओ नोटिस किया गया है। कारण बताओ नोटिस में पार्टी से पूछा गया है कि आखिर इस बंगले से बेदखली का आदेश क्यों न दिया जाए? अगर संतोषजनक कारण नहीं दिया गया तो निर्धारित समय के भीतर बेदखल की कार्रवाई की जाएगी। 

इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा कॉन्ग्रेस पार्टी को उसके कार्यालय, सोनिया गाँधी के आधिकारिक निवास और उनके सचिव के कब्जे वाली संपत्तियों के लंबित किराए का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा था।

बता दें साल 2014 साल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से लंबे से अवैध कब्जा किए सरकारी बंगलों को खाली करवाने पर ध्यान दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार के पहले साल में 460 नेताओं के सरकारी बंगले को खाली करा लिया गया था। 

उस दौरान कब्जाधारियों की आनाकानी को देखते हुए मोदी सरकार ने साल 2019 में बंगले खाली कराने के लिए एक कानून भी बनाया था। इस कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई बंगला समय पर खाली नहीं करता है तो उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही नोटिस मिलने के तीन दिन के बाद आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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