Thursday, April 25, 2024
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अमेरिका में ‘मोहब्बत की दुकान’ में मुस्लिमों के हाल पर सवाल, जवाब से राहुल गाँधी ने दादी इंदिरा से लेकर पप्पा राजीव तक की कॉन्ग्रेस के ‘कर्म’ उघाड़े

राहुल गाँधी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में यहाँ तक कह दिया कि भारत में आजकल कुछ मानते हैं कि पीएम मोदी भगवान से भी ज्यादा जानते हैं। वे भगवान के साथ बैठकर उनको समझा सकते हैं कि आखिर ब्रह्मांड कैसे काम करता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी अगर भगवान के साथ बैठ जाएँ तो भगवान भी चौंक जाएँगे कि उन्होंने क्या बना दिया है।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी आजकल अमेरिका में हैं। वे विदेश में देश की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इस चर्चा में वे वैसी बातें कर रहे, जिससे देश की छवि भी धूमिल हो रही है। राहुल गाँधी ने एक अमेरिका में कहा कि अभी भारत में मुस्लिमों की वही स्थिति है, जो 1980 के दशक में उत्तर प्रदेश में दलितों की थी। ‘

‘बे एरिया मुस्लिम कम्युनिटी’ ने राहुल गाँधी से कहा कि आज भारत में मुस्लिमों को झूठे मामलों में फँसाया जा रहा है और आज उनकी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है। इस पर राहुल गाँधी ने कहा कि आज भारत में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जैसा मुस्लिम आज महसूस कर रहे हैं, वैसा ही सिख, ईसाई, दलित, आदिवासी भी महसूस कर रहे हैं।

दरअसल, राहुल गाँधी ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ टैग लाइन से दुनिया में ये प्रचारित कर रहे हैं कि भाजपा के शासन में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है। वे सिखों और दलितों को भी इतना ही पीड़ित बता रहे हैं। हालाँकि, राहुल गाँधी जिस 1980 के दशक का हवाला देकर भाजपा को घेरने की कोशिश विदेश में कर रहे हैं, उस दौरान उनकी ही पार्टी की शासन था और उनकी दादी इंदिरा गाँधी और पिता राजीव गाँधी प्रधानमंत्री थे।

राहुल गाँधी ये भूल गए कि जिस 1980 दशक का वे जिक्र कर रहे हैं उस दौरान उत्तर प्रदेश में लगभग 8 साल कॉन्ग्रेस की ही सरकार थी। इतना ही नहीं, मणिपुर, बंगाल जैसे कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश पूरे भारत में कॉन्ग्रेस या कॉन्ग्रेस की सहयोगी सरकार थी। इतना ही नहीं, केंद्र में भी इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार थी।

इसी तरह देश में सिख समुदाय ने जब सबसे अधिक असुरक्षित महसूस किया, उस समय भी केंद्र में और दिल्ली सहित अधिकांश राज्यों में कॉन्ग्रेस की सरकार थी। 1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद राहुल गाँधी के पिता राजीव गाँधी ने कहा था कि ‘जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है’। इसके बाद दिल्ली सहित देश भर में कॉन्ग्रेस नेताओं की अगुआई में सिखों का कत्लेआम हुआ।

इसी तरह देश में दलितों के खिलाफ कई ऐसे नरसंहार हुए, जब केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार थी। आंध्र प्रदेश का करमचेदु नरसंहार, तमिलनाडु का किलवेनमनी नरसंहार, बिहार के दलेलचक में राजपूतों का नरसंहार आदि प्रमुख हैं। इसी तरह 1981 में तमिलनाडु के मिनाक्षीपुरम में अन्य पिछड़ा वर्ग के दबंगों से त्रस्त होकर 2000 दलितों ने इस्लाम अपना लिया था। केंद्र में इंदिरा गाँधी की सरकार थी, लेकिन सरकार इसे रोकने में नाकाम रही।

राहुल गाँधी भले ही आज राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर तरह-तरह के आक्षेप लगाने के की कोशिश करें, लेकिन सत्य यही है कि कॉन्ग्रेस के शासनकाल में जो उत्पीड़न, मुस्लिमों, दलितों, आदिवासियों, सिखों का हुआ, वैसा भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ।

राहुल गाँधी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में यहाँ तक कह दिया कि भारत में आजकल कुछ मानते हैं कि पीएम मोदी भगवान से भी ज्यादा जानते हैं। वे भगवान के साथ बैठकर उनको समझा सकते हैं कि आखिर ब्रह्मांड कैसे काम करता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी अगर भगवान के साथ बैठ जाएँ तो भगवान भी चौंक जाएँगे कि उन्होंने क्या बना दिया है।

ऐसा नहीं है कि राहुल गाँधी विदेश में इस तरह का बयान पहली बार दे रहे हैं। राहुल गाँधी अक्सर इस तरह का बयान देते हैं, जो देश की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है। दलितों और मुस्लिमों को लेकर उन्होंने जो भी बात कही, वह कॉन्ग्रेस की ही पोल-पट्टी खोलने वाला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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