Saturday, May 17, 2025
HomeराजनीतिPM मोदी की विदाई करवा रहा था मार्क जुकरबर्ग, लताड़ पड़ते ही META लगा...

PM मोदी की विदाई करवा रहा था मार्क जुकरबर्ग, लताड़ पड़ते ही META लगा गिड़गिड़ाने: कहा- अनजाने में हुई गलती के लिए माफ करें, भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण देश

मेटा की तरफ से उसके भारत के पब्लिक पॉलिसी के मुखिया शिवनाथ ठुकराल ने यह माफी एक्स (पहले ट्विटर) पर माँगी। उन्होंने अश्विनी वैष्णव के जुकरबर्ग की आलोचना वाले ट्वीट के नीचे इससे सम्बन्धित जवाब दिया है। उन्होंने मार्क जुकरबर्ग के बयान को लापरवाह और अनजाने में दिया गया बताया है।

फेसबुक और इंस्टाग्राम के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा ने भारत से माफी माँगी है। मेटा ने अपने सीईओ मार्क जुकरबर्ग के बयान पर सार्वजनिक रूप से यह माफी माँगी है। मेटा ने कहा है कि भारत उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है। मेटा की यह माफी उसे आईटी मामलों की संसदीय समिति द्वारा तलब किए जाने के ऐलान के बाद आई है।

मेटा की तरफ से उसके भारत के पब्लिक पॉलिसी के मुखिया शिवनाथ ठुकराल ने यह माफी एक्स (पहले ट्विटर) पर माँगी। उन्होंने अश्विनी वैष्णव के जुकरबर्ग की आलोचना वाले ट्वीट के नीचे इससे सम्बन्धित जवाब दिया है। उन्होंने मार्क जुकरबर्ग के बयान को लापरवाह और अनजाने में दिया गया बताया है।

शिवनाथ ठुकराल ने लिखा, “माननीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जी, मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियाँ दोबारा सरकार में नहीं लौटीं, कई देशों के संदर्भ में ठीक है लेकिन भारत के लिए नहीं। हम अनजाने और लापरवाही के चलते हुई इस गलती के लिए माफ़ी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए महत्वपूर्ण है और हम इसके इनोवेटिव भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।”

इससे पहले संचार और आईटी मामलों की स्थायी संसदीय समिति के मुखिया निशिकांत दुबे ने इस मामले में मंगलवार (14 जनवरी, 2025) को मेटा को तलब करने का ऐलान किया था। निशिकांत दुबे ने लिखा था, “मेरी कमिटी ग़लत जानकारी फ़ैलाने के लिए मेटा को बुलाएगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश की ग़लत जानकारी उसकी छवि को धूमिल करती है। इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहाँ की जनता से उस संस्था को माफ़ी माँगनी पड़ेगी।”

इस मामले को लेकर आईटी मामलों के केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने एक ट्वीट में भारत में हुए चुनावों की कुछ जानकारी देते हुए जुकरबर्ग के बयान पर निराशा जताई थी। अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि मेटा के मुखिया का ही गलत जानकारी देते हुए देखना एकदम निराशाजनक है। 

गौरतलब है कि मेटा मुखिया जुकरबर्ग हाल ही में जो रोगन के पॉडकास्ट में गए थे। उनका यह पॉडकास्ट 10 जनवरी, 2025 को रिलीज हुआ था। इस पॉडकास्ट के दौरान ही उन्होंने कंटेंट मॉडरेशन, सरकार पर भरोसा, COVID-19, एल्गोरिदम, सरकारी प्रभाव जैसे मुद्दों पर बात की थी। इसी बीच उन्होंने दावा किया था कि कोविड महामारी के बाद कई देशों की सरकारे गईं और इसी में भारत का उदाहरण दिया। जुकरबर्ग की गलत बयानी के ऊपर भारत में काफी आलोचना हुई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।

अब इकोनमी ही नहीं, डिफेंस सेक्टर में भी ग्लोबल पॉवर बनकर उभरा है भारत: ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा दम, नई डिफेंस पॉलिसी...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। जो खुद पहल कर के निर्णायक कार्रवाई करता है।
- विज्ञापन -