Thursday, November 7, 2024
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अमानतुल्लाह से पिंड छुड़ाने की कोशिश में केजरीवाल, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष की कुर्सी छीनी

ख़ान को पिछली बार चुनाव जीतने के बाद 7 सदस्यीय वक़्फ़ बोर्ड में नॉमिनेट किया गया था। उन्हें सितम्बर 2018 में बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था। अधिकारियों ने बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड का पुनर्गठन करेगी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों और शाहीन बाग के प्रदर्शन से साख को लगे बट्टे की भरपाई की कोशिशों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार लग गई है। दंगों और प्रदर्शन में पार्टी के कई नेताओं की भूमिका संदिग्ध बताई जाती है। पार्षद ताहिर हुसैन तो दंगों का मास्टरमाइंड बनकर उभरा है। हालॉंकि बाद में पार्टी ने उसे निलंबित कर दिया। बावजूद इसके अमानतुल्लाह ख़ान जैसे पार्टी विधायक उसका खुलकर बचाव करते रहे हैं। सीएए विरोध के नाम पर दिल्ली के जाकिर नगर में जब हिंसा भड़की थी तब भी अमानतुल्लाह मौके पर दिखा था। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि डैमेज कंट्रोल के तहत केजरीवाल सरकार उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश में है।

उसे दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। दिल्ली सरकार के रेवेन्यू विभाग ने इसकी जानकारी दी है। ओखला से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए अमानतुल्लाह को मुख्यमंत्री केजरीवाल का क़रीबी माना जाता है। उस पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।

रेवेन्यू विभाग के मुख्य सचिव कार्यालय ने कहा कि फ़रवरी 11, 2020 को छठी विधानसभा भंग होने के साथ ही ख़ान दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य नहीं रहे। इसके लिए ‘सेक्शन 14 (1) ऑफ वक़्फ़ बोर्ड 1995’ का हवाला दिया गया है। ख़ान को पिछली बार चुनाव जीतने के बाद 7 सदस्यीय वक़्फ़ बोर्ड में नॉमिनेट किया गया था। उन्हें सितम्बर 2018 में बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था। हालाँकि, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि ख़ान को उसके पद से हटा दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड का पुनर्गठन करेगी। हाल ही में दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के बाद अमानतुल्लाह बढ़-चढ़ कर कथित मुस्लिम पीड़ितों को मदद करने का दावा कर रहा था। उसने बोर्ड के माध्यम से कई ‘पीड़ित’ मुस्लिमों को वित्तीय मदद भी मुहैया कराई थी। सरकार के फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए विधायक ख़ान ने कहा कि सितंबर 2018 से 20 मार्च 2020 तक का दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड़ का सफ़र बहुत अच्छा रहा। मुझे खुशी है कि मैं ग़रीबों और ज़रूरतमंदों तक उनका हक़ पहुँचा पाया और उनकी मदद कर पाया।

हालाँकि, इस बात पर अब तक संशय बना हुआ है कि अमानतुल्लाह ख़ान ने हाल ही में जम कर वित्तीय मदद के नाम पर जो चेक बाँटे हैं, उनका क्या होगा? उसने कई हिन्दुओं की भी मदद करने का दावा किया है। अमानतुल्लाह ख़ान पर अपनी ही साली का यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज है, ऐसे में उसे फिर से इस पद पर बहाल किया जाएगा या नहीं, इसे लेकर सरकार ने फ़िलहाल चुप्पी साध रखी है। कहा जा रहा है कि कुछ ही दिनों में निर्णय होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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