Tuesday, May 6, 2025
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‘अब भारत का पानी भारत के हित में बहेगा, भारत में रुकेगा और भारत के काम आएगा’: PM मोदी का ऐलान, दिया ‘नागरिक देवो भव’ का मंत्र

पीएम मोदी ने कहा, "10 साल पहले जब मैं 'डिजिटल इंडिया' की बात करता था तो कई लोग काफी आशंकाएँ व्यक्त करते थे लेकिन सस्ते डेटा और सस्ते 'मेड इन इंडिया' स्मार्टफोन के कारण एक नई क्रांति का जन्म हुआ है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (6 मई, 2025) को ‘ABP नेटवर्क’ के कार्यक्रम इंडिया@2047 समिट में कहा कि पहले कोई भी निर्णय लेने से पहले वोट बैंक को लेकर सोचा जाता था, लेकिन देश तब आगे बढ़ता है जब फ़ैसलों की एकमात्र कसौटी ‘राष्ट्र प्रथम’ हो। उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में इस नीति के परिणाम हम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक ऐसे फ़ैसले लिए गए जो दशकों से लटके, अटके और भटके हुए थे – जो राजनीतिक इच्छाशक्ति के आभाव में डिब्बों में बन हो गए।

उदाहरण के लिए उन्होंने बताया कि कैसे 2014 से पहले हमारे बैंक बर्बाद होने के कगार पर थे लेकिन आज भारत का बैंकिंग सेक्टर रिकॉर्ड प्रॉफिट में है और डिपॉजिटर्स को इसके फ़ायदे मिल रहे हैं – देशहित में छोटे बैंकों को मिलाने और उनका सामर्थ्य बढ़ाने से ये संभव हुआ। उन्होंने कभी डूब रही ‘एयर इंडिया’ का जिक्र करते हुए कहा कि हमने फ़ैसला लिया और देश को लगातार हो रहे हजारों करोड़ रुपए के नुकसान से बचाया क्योंकि हमारे लिए देश सर्वोपरि है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 1 रुपए में से 15 पैसे ही ग़रीब को मिलता है।

बकौल पीएम मोदी, सरकारें बदलती रहीं लेकिन इस दिशा में प्रयास नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकारी फाइलों में 10 करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थी थे जिनका कभी जन्म भी नहीं हुआ था और उन्हें पूरे ठाठ से सुविधाएँ मिल रही थीं – पहले वाले यही व्यवस्था बनाकर गए थे। पीएम मोदी ने बताया कि इन नामों को उनकी सरकार में सिस्टम से बताया गया और DBT के माध्यम से अब पूरा का पूरा पैसा ग़रीबों के बैंक खातों में जाता है जिससे साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा ग़लत हाथों में जाने से बचा है। उन्होंने कहा, “पैसा आपका बचा, गाली मोदी ने खाई।”

पीएम मोदी ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी खजाने पर बोझ पड़ने का बहाना बनाकर इसे अटकाया जाता है लेकिन आज OROP से देश के लिए जीवन खपाने वालों का फ़ायदा हो रहा है। अबतक सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक इसके तहत पूर्व सैनिकों को मिल चुके हैं। पीएम मोदी ने ग़रीब परिवारों को आरक्षण के संबंध में कहा कि पहले केवल बातें हुईं लेकिन उनकी सरकार ने इसे लागू किया। इसी तरह उन्होंने लोकसभा एवं विधानसभाओं में 33% आरक्षण महिलाओं के लिए सुनिश्चित किए जाने को भी अपनी उपलब्धि के रूप में गिनाया और कहा कि हमने नारी-शक्ति को सशक्त किया।

पीएम मोदी ने ‘तीन तलाक’ का जिक्र करते हुए कहा कि इससे अनगिनत मुस्लिम बहनों का जीवन बर्बाद हुआ लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को फ़र्क़ नहीं पड़ता था, लेकिन उनकी सरकार ने क़ानून बनाया। इसी तरह वोट बैंक को ख़ुश करने के लिए वक़्फ़ क़ानून में सुधार नहीं किए गए, अब जाकर वो संशोधन हुए हैं जो सही मायने में मुस्लिम माताओं-बहनों व ग़रीब पसमांदा मुस्लिमों के काम आएगा। पीएम मोदी ने नदियों को जोड़ने वाले कार्यों का भी जिक्र किया और कहा कि दशकों तक हमारे नदियों के पानी को तनाव व झगड़े का विषय बना रहे केन-बेतवा लिंक परियोजना व पार्वती-चम्बल योजना से फायदा होगा। नदियों को जोड़ने का महा अभियान चलाया गया।

उन्होंने कहा कि आजकल पानी की बहुत चर्चा है, लोगों द्वारा ताली बजाने पर बोले कि आपलोग बहुत जल्दी समझ गए। पीएम मोदी ने कहा कि पहले भारत का पानी बाहर जा रहा था, लेकिन अब भारत का पानी भारत के हित में बहेगा, भारत में रुकेगा और भारत के काम आएगा। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। पीएम मोदी ने डॉ बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के नाम पर नेशनल मेमोरियल बनाए जान का भी जिक्र किया, जिसके निर्माण का कार्य एक दशक तक लटका रहा था। इस तरह पीएम मोदी ने बताया कि कैसे बाबासाहब से जुड़े देश-विदेश के स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में विकसित किया।

पीएम मोदी ने ‘Democracy Can Deliver’ का नारा देते हुए कहा कि पिछले एक दशक में भारत में 25 करोड़ लोग ग़रीबी से बाहर आए हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रा के लाभार्थी भी यही सन्देश देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दर्जनों जिले पिछड़े का ठप्पा पाकर अपने हाल पर छोड़ दिए गए थे, आज वो Aspirational बनकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे देश में कई अति-पिछड़ी जनजातियों तक विकास का लाभ नहीं पहुँचा था, अब पीएम जन-मन योजना से उनतक सरकारी सुविधाएँ पहुँची हैं।

पीएम मोदी ने देश के आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुँचाने की बात करते हुए का कि आज एक ऐसे भारत का निर्माण हो रहा है जिसके विकास की गति तेज़ हो जो संकल्प, सोच और संवेदना से समृद्ध हो – मानव केंद्रित वैश्वीकरण का रास्ता हमें चुना है जहाँ विकास सिर्फ़ बाजार नहीं बल्कि लोगों को गरिमा का जीवन मिलने और उनके सपने पूरे होने को विकास का पैमाना माना जाता है। यानी, GDP नहीं GEP केंद्रित (ग्रॉस एम्पावरमेंट ऑफ पीपल) के तहत आगे बढ़ रहे हैं। जैसे, ग़रीबों को अच्छा घर मिलने से वो सशक्त होते हैं, जब उन्हें शौचालय मिलता है तो वो खुले में शौच के अपमान से मुक्त होते हैं, ‘आयुष्मान भारत’ से मुफ्त इलाज पाने से उनके जीवन की चिंता कम होती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘नागरिक देवो भव’ को अपनी सरकार का मूल विचार बताते हुए कहा कि हम जनता में जनार्दन देखते हैं लेकिन पहले माई-बाप कल्चर लागू था। उन्होंने युवाओं से कहा कि पहले हर फॉर्म ऑनलाइन भरे जाते हैं, पहले अपनी ही कागजों को अटेस्ट कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे लेकन अब खुद ही सेल्फ-अटेस्ट करते हैं। बुजुर्गों को पहले ख़ुद के जीवित होने का प्रमाण देने के लिए अपने ख़ुद के पुराने ऑफिस या बैंक जाना पड़ता था, लेकिन अब वरिष्ठ नागरिक कहीं से भी डिजिटली अपना जीवन प्रमाण-पत्र दे सकते हैं – बिजली, पानी, गैस सबमें पहले बार-बार कहना पड़ता था और लोग इन कामों के लिए छुट्टी लेते थे पर अब ये सारे काम ऑनलाइन हो जाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टैक्स रिफंड से लेकर पासपोर्ट तक का काम सिंपल और तेज़ हो, अच्छी तरह हो – इसपर जोर है। 2047 तक विकसित भारत की बात करते हुए पीएम मोदी ने ‘विकास भी, विरासत भी’ का नारा करते हुए ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी के समन्वय का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि योग-आयुर्वेद को हम दुनिया में ले जा रहे हैं, डिजिटल लेनदेन में भी हम टॉप पर हैं। चोरी की गई कलाकृतियाँ वापस आ रही हैं, रिकॉर्ड विदेशी निवेश भी आ रहा है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फोन निर्माता है, मिलेटस सुपरफूड के उत्पादन में हम सबसे आगे हैं। 100 गीगावॉट की कैपेसिटी हमने सोलर एनर्जी में हासिल कर ली है, हम सूर्य मंदिर वाले देश हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सरकार जो निर्णय आज ले रही है उसका कई गुना असर कितना बड़ा और दूरगामी होगा – कई लोग ये समझ नहीं पाते। 10 साल पहले जब मैं ‘डिजिटल इंडिया’ की बात करता था तो कई लोग काफी आशंकाएँ व्यक्त करते थे लेकिन सस्ते डेटा और सस्ते ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन के कारण एक नई क्रांति का जन्म हुआ है। इससे Ease Of Living बढ़ी, कंटेंट व क्रिएटिविटी का नया संसार बना। आज गाँव में अच्छा भोजन बनाने वाली महिला मिलियन सब्सक्राइबर वाली सूची में शामिल है। मुंबई में WAVES समिट में पता चला कि अकेले यूट्यूब ने पिछले 3 साल में भारत के कंटेंट क्रिएटर्स को 21,000 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है। आज हमारा फोन कम्यूनिकेश नहीं बल्कि क्रिएटिविटी और कमाई भी बहुत बड़ा टूल बन गया है।”

पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता को भारत की आर्थिक DNA का हिस्सा बताते हुए कहा कि पहले हमें मेकर नहीं मार्केट बताया जाता था पर ये ठप्पा अब हट रहा है – अब हमारे रक्षा उत्पाद 100+ देशों में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। पीएम मोदी ने INS विक्रांत की बात करते हुए कहा कि कई युद्धपोत हमने स्वदेश में बनाया। उन्होंने जानकारी दी कि इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में भारत बड़ा एक्सपोर्टर बनकर उभरा है, हमारे लोकल प्रोडक्ट्स ग्लोबल हो रहे हैं। भारत का एक्सपोर्ट बीते वर्ष 825 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है, एक दशक में दोगुना। पीएम मोदी ने बताया कि इसे और गति देने के लिए मिशन मैन्युफैक्चरिंग का ऐलान किया गया।

पीएम मोदी ने कहा कि ये देश का नया भाग्य लिखने का कालखंड है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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