Friday, March 29, 2024
Homeराजनीतिकेजरीवाल के 'सिंगापुर झूठ' की ढोल फटने के बाद भी AAP के दूसरे नेता...

केजरीवाल के ‘सिंगापुर झूठ’ की ढोल फटने के बाद भी AAP के दूसरे नेता कर रहे राजनीति: उल्टे-सीधे बयान पर चौतरफा लताड़

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इसी नैरेटिव पर अपना राग अलापा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पूरा ध्यान सिंगापुर पर है। आम आदमी पार्टी के नेता भाजपा के खिलाफ राजनीति करते हुए अब इस हद तक चले गए हैं कि उन्होंने भारत के साथ बेहतर संबंधों वाले देश को भी अपनी राजनीति में घसीट लिया।

कोरोना वायरस के ‘सिंगापुर वैरिएन्ट’ पर सिंगापुर के प्रतिनिधियों और भारतीय विदेश मंत्रालय से लताड़ लगाए जाने के बाद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बाज नहीं आ रहे हैं और उनके नेता अभी भी इस मुद्दे पर लगातार भारत को शर्मिंदा करने का काम कर रहे हैं।

वहीं केजरीवाल के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए भारत में सिंगापुर के राजदूत साइमन वॉन्ग ने कहा कि सिंगापुर में ऐसे झूठे दावों के लिए प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फाल्सहुड एण्ड मैनिपुलेशन ऐक्ट (POFMA) है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री पर लगाया जा सकता है लेकिन सिंगापुर भारत सरकार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट है।

आज दिन भर आप के बाकी नेताओं का भी इस मुद्दे पर बयान जारी रहा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि सिंगापुर से जुड़ा कोई कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में ही कई स्ट्रेन हैं और जल्दी ही सिंगापुर स्ट्रेन पर स्पष्टीकरण दिया जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इसी नैरेटिव पर अपना राग अलापा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पूरा ध्यान सिंगापुर पर है। आम आदमी पार्टी के नेता भाजपा के खिलाफ राजनीति करते हुए अब इस हद तक चले गए हैं कि उन्होंने भारत के साथ बेहतर संबंधों वाले देश को भी अपनी राजनीति में घसीट लिया। अरविन्द केजरीवाल के इस बयान पर सिंगापुर ने आपत्ति जताई।

अरविन्द केजरीवाल की भ्रामक खबर :

मंगलवार (18 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्विटर पर यह दावा किया था कि सिंगापुर में कोरोना वायरस का नया वैरिएन्ट मिल है और भारत सरकार से यह अपील की थी कि सिंगापुर से सभी प्रकार की उड़ानों को बंद किया जाए जिससे यह नया वैरिएन्ट भारत न पहुँच सके।

अरविन्द केजरीवाल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

केजरीवाल द्वारा यह दावा किए जाने के बाद सिंगापुर की सरकार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि सिंगापुर में कहीं भी कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएन्ट नहीं मिला है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह खुलासा किया कि सिंगापुर की सरकार ने उच्चायोग में फोन करके केजरीवाल के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि केजरीवाल को कोरोना वायरस के वैरिएंट्स की घोषणा करने या भारत की उड्डयन नीति के विषय में कोई अधिकार नहीं है।

सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने भी ट्विटर के माध्यम से यह सुझाव दिया कि राजनेताओं को तथ्यों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कोरोना वायरस का कोई ‘सिंगापुर वैरिएन्ट’ नहीं है।

केजरीवाल के गलत बयान के कारण विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी इस संबंध में ट्विटर पर स्पष्टीकरण देना पड़ा। भारतीय विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में सिंगापुर और भारत के मजबूत रिश्तों का हवाला दिया और कोरोना वायरस संक्रमण में ऑक्सीजन सप्लाई करने पर सराहा।

साथ ही उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “हालाँकि उनके द्वारा, जिन्हें मालूम होना चाहिए कि इससे लंबे समय से चली आ रही साझेदारी खराब हो सकती है, यह गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया गया। इसलिए मैं साफ कर देना चाहता हूँ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री भारत के लिए नहीं बोलते।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने AAP नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ CBI जाँच की अनुमति दी, जेल में बंद कैदी से ₹10 करोड़ की वसूली...

मामला 10 करोड़ रुपए की रंगदारी से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि सत्येंद्र जैन ने जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर से 10 करोड़ रुपए की वसूली की।

लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, स्वास्थ्य कारणों से फैसला: 83 वर्षों से सार्वजनिक जीवन में...

1951 में उन्हें जनसंघ ने राजस्थान में संगठन की जिम्मेदारी सौंपी और 6 वर्षों तक घूम-घूम कर उन्होंने जनता से संवाद बनाया। 1967 में दिल्ली महानगरपालिका परिषद का अध्यक्ष बने।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe