Wednesday, July 9, 2025
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कुँवारी लड़कियाँ देती थीं जिन नवजातों को जन्म, उन्हें सेप्टिक टैंक में फेंकती थीं नन: 100 साल बाद 796 बच्चों की हड्डियों की हो रही खोज, 2014 में खुला था आयरलैंड के चर्च का काला सच

आयरलैंड में एक जगह पर सेप्टिक टैंक में खुदाई शुरू हो रही है। इसमें 800 मृत शिशुओं और बच्चों के अवशेष होने का अनुमान है। कैथोलिक नन इस 'मदर एंड बेबी होम' को चलाती थीं। यहाँ अविवाहित माताओं को रखा जाता था। एक रिपोर्ट के मुताबिक आयरलैंड में ऐसे 'मदर एंड बेबी होम' में 9000 बच्चों की मौत हुई थी।

आयरलैंड में अविवाहित माँओं के लिए बने ‘बॉन सेकॉर्स मदर एंड बेबी होम’ की खुदाई की जा रही है। होम के सेप्टिक टैंक से मरे हुए 796 बच्चों के अवशेष मिले थे।

न्यूयॉर्क पोस्ट की ख़बर के मुताबिक ये बच्चे 1925 से 1961 के बीच यानी 35 साल के दौरान यहाँ फेंके गए। कैथोलिक चर्च इस आश्रम को चलाता था। इन बच्चों को यहाँ दफन कर दिया गया। इस जगह को सामूहिक कब्र के रूप में जाना जाता है। अब इसकी खुदाई की जा रही है। इससे कई ‘राज’ उजागर होने की उम्मीद है।

इस खुदाई से आयरलैंड के उस एक काले अतीत के बारे में पता चलेगा जब चर्च शक्तिशाली हुआ करते थे और समाज को नियंत्रित करते थे।

स्थानीय इतिहासकार कैथरीन कॉर्लेस ने स्काई न्यूज को बताया कि आशंका है कि कई नवजात के अवशेषों को एक साथ यहाँ फेंक दिया गया। केवल दो बच्चों को ही कब्रिस्तान में दफनाया गया। बॉन सेकॉर्स में हुए खौफनाक नरसंहार का पूरा मामला 2014 में कॉर्लेस ने ही दुनिया के सामने उजागर किया था।

कैथोलिक ईसाई धर्म की छवि को बनाए रखने के लिए इस ‘होम’ में अविवाहित गर्भवती महिलाओं को भेजा जाता था, जहाँ ये अपने बच्चे को जन्म देती थीं। इन बच्चों के देखभाल की जानकारी कैथोलिक नन करती थी।

‘बॉन सेकॉर्स मदर एंड बेबी होम’ को 1971 में तोड़ डाला गया और इसे चलाने वाली संस्था को 1972 में निलंबित कर दिया गया। माना जाता है कि नवजात बच्चों के अवशेष बॉन सेकॉर्स मदर एंड बेबी होम की जमीन के नीचे अभी भी हैं। हालाँकि अब इस जगह के आस-पास आधुनिक अपार्टमेंट्स बन गए हैं।

अविवाहित गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए इस होम में भेजा जाता था। इस दौरान एक साल तक बिना वेतन के काम करने के लिए इन्हें मजबूर किया जाता था। ये महिलाएँ पूरी तरह नजरबंद रखी जाती थीं।
यहाँ तक कि माँओं को उनके नवजात बच्चों से अलग कर दिया जाता था, जिन्हें नन तब तक पालती थीं जब तक कि उन्हें गोद नहीं ले लिया जाता। बच्चे को किसने गोद लिया? कब लिया? इसकी जानकारी भी माँ को नहीं दी जाती थी।

2014 में सामूहिक कब्र की जानकारी मिलने के बाद आयरलैंड की संसद ने 2022 में कानून पारित किया जिसके बाद टुअम में खुदाई का कार्य शुरू हो सका। एक दशक से भी अधिक समय बीतने के बाद जाँचकर्ताओं की एक टीम ने फोरेंसिक जाँच शुरू की। शिशुओं के अवशेषों की पहचान करने और उन्हें सम्मानजनक तरीके से फिर से दफनाने की पूरी प्रक्रिया में दो साल तक का समय लगने की उम्मीद है।

एनेट मैके नाम की महिला की बहन भी उन अविवाहित माँओं में शामिल थीं जिनके बच्चे को सेप्टिक टैंक में फेंका गया था। एनेट मैके ने स्काई न्यूज को बताया, “मुझे सामूहिक क्रब से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है। क्योंकि लोग बता रहे हैं कि बहुत अधिक अवशेष नहीं बचे होंगे। नवजात बच्चों के शरीर की हड्डी काफी मुलायम होती है और ये जल्दी नष्ट हो जाती है।”

मार्गरेट “मैगी” ओ’कॉनर नाम की एक महिला ने 17 साल की उम्र में बलात्कार के बाद होम में एक बच्ची को जन्म दिया। नवजात की छह महीने बाद मृत्यु हो गई। नन ने इसकी जानकारी माँ को नहीं दी। माँ मार्गरेट भी भी जिंदा हैं। वह यूके में रहती हैं। घटना की जानकारी मिलने के बारे में महिला ने बताया, “वह बाहर कपड़े धो रही थी और एक नन उसके पीछे आई। वह बोली “तुम्हारे पाप का बच्चा मर गया है।”

आयरलैंड सरकार और कैथोलिक चर्च द्वारा समर्थित बॉन सेकॉर्स एक संस्था थी जिसने आयरलैंड में उत्पीड़न का एक नेटवर्क बनाया था। इसकी वास्तविकता बाद के वर्षों में पता चली।

बॉन सेकॉर्स संस्था के होम में वैसी माताएँ भी रहती थीं, जो एक्सट्रा मेरिटल अफेयर के बाद बच्चे पैदा करने का ‘अपराध’ करती थीं। ऐसी महिलाओं को ‘मैग्डलीन लॉन्ड्रियों’ में भेज दिया जाता था। कैथोलिक आदेशों का पालन करने वाली ये तथाकथित “पतित महिलाओं” का इस्तेमाल करती थी। इन संस्थाओं को सरकारों का मौन समर्थन प्राप्त था।

इन “पतित महिलाओं” से वैश्यावृति कराई जाती थी। ये महिलाएँ भी नन के साथ समाज की बलात्कार की शिकार अविवाहित महिलाओं, अनाथ लड़कियों या परिवार से अलग हुए बच्चों को लेने आती थीं।

1990 में अंतिम ‘मैग्डलीन लॉन्ड्री’ को बंद कर दिया गया। आयरलैंड सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसके लिए 2014 में माफी माँगी थी। 2022 में मुआवजा स्कीम बनाया गया जिसके तहत 814 जिंदा बचे पीड़ितों को 28,384 करोड़ रुपए बाँटे गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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