Wednesday, April 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय70000 मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर का वॉल्यूम कम, ताकि लोग न हो चिड़चिड़े: जहाँ...

70000 मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर का वॉल्यूम कम, ताकि लोग न हो चिड़चिड़े: जहाँ सबसे ज्यादा मुस्लिम वहीं अभियान

लाउडस्पीकर्स के कारण बीमार होने वाली रीना ने इस मामले में शिकायत न करने की ठानी है। वो कहती है कि शिकायत करने का मतलब अपने लिए परेशानी खड़ी करना है। उनके मुताबिक, “मेरे पास ऐसे जीने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। वरना मुझे अपना घर बेचना पड़ेगा।”

मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर अक्सर स्थानीय लोगों के लिए परेशानी खड़ी करते हैं। ऐसे में बात जब इंडोनेशिया जैसे देश की हो जहाँ विश्व के सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं और पूरे देश में 750,000 मस्जिदें हैं तो सोचिए वहाँ हाल कैसा होगा। हाल में एक रीना (बदला हुआ नाम) नाम की महिला ने इसे लेकर मीडिया से खुलकर बात की। उसने बताया कि कैसे मस्जिदों में 5 दफा लाउडस्पीकर बजने के कारण उसे बीमारियों ने घेर लिया है। लेकिन बहुत चाहने के बाद भी वो कुछ नहीं कर पाती। उसे डर है की उसे जेल में डाल दिया जाएगा। जैसा ईशनिंदा के अन्य आरोपितों के साथ होता है।

इंडोनेशिया की रीना ने अपनी पहचान छिपाते हुए एएफपी एजेंसी को बताया कि उन्हें लाउडस्पीकरों से आने वाली आवाज के कारण रात में नींद नहीं आती और इसकी वजह से उन्हें एंजाइटी डिसॉर्डर हो गया है। वह कहती हैं कि तबीयत खराब होने के बावजूद इंडोनेशिया में कुछ नहीं बोल पाती थीं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उन्हें जेल न जाना पड़ जाए। लाउडस्पीकर नमाज से 30-40 मिनट पहले बजने शुरू हो जाते हैं ताकि लोग जग जाएँ। 

उनके मुताबिक 6 महीने तक शोर झेलने के बाद अब वह आगे कुछ सहने की स्थिति में नहीं हैं। उनके लिए रातों में होने वाला ये खलल स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक है। वह कहती हैं, “मुझे नींद नहीं आती है और हमेशा जागने के बाद मुझे एंजाइटी होने लगी है। अब मैं कोशिश करती हूँ कि जितना हो सके खुद को थकाऊँ ताकि शोर में भी सो सकूँ।”

जानकारी के मुताबिक पूरे इंडोनेशिया में कम से कम साढ़े 7 लाख मस्जिद हैं। एक मध्यम आकार वाले स्थान पर भी कम से कम दर्जनों लाउडस्पीकर लगते हैं, जहाँ 5 दफा नमाज  पढ़ी जा रही है। साल 2018 में ऐसे ही लाउडस्पीकर्स से तंग आकर बौद्ध महिला ने आवाज उठाई थी। उसने कहा था कि अजान से उसके कानों में दर्द होता है। इस शिकायत के बाद उन पर ईशनिंदा का आरोप लगा था और उन्हें जेल हो गई थी।

ऐसे तमाम मामलों को देखते हुए रीना जैसे कई लोग बिलकुल चुप थे। लेकिन अभी हाल में इसी संबंध में इंडोनेशिया मस्जिद काउंसिल को कुछ ऑनलाइन शिकायतें मिली जिसके बाद वहाँ के कर्मचारियों ने जकारता के मस्जिद की लाउडस्पीकर की आवाज को अडजस्ट करना शुरू किया ताकि लोगों को अजान की आवाज शोर न लगे। इंडोनेशियाई मस्जिद परिषद के अध्यक्ष जुसुफ कल्ला ने कहा कि उनका अनुमान है कि देश की लगभग आधी मस्जिदों में खराब आवाज आई, जिसने शोर की समस्या को बढ़ाया।

आईएमसी के ध्वनिकी कार्यक्रम समन्वयक अजीज मुस्लिम ने बताया, “वॉल्यूम को हाई सेट किया जाता है ताकि नमाज के समय ज्यादा से ज्यादा लोग उसे सुन सकें क्योंकि इसे इस्लाम में महानता का प्रतीक मानते हैं।” अब संगठन कोशिश कर रहा है कि वो जगह जगह जाएँ और शोर होने के कारण जो समुदाय की परेशानी है उसे साउंड सिस्टम रिपेयर करके ठीक करें और प्रशिक्षण दें कि ऐसा फिर न हो। 7000 टेक्निशियन इस प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे हैं और 70 हजार मस्जिदों में स्पीकरों का ऑडियो ठीक किया जा चुका है। 

हालाँकि ये कार्यक्रम अनिवार्य नहीं है, लेकिन जकारता के अल-इहकवान मस्जिद के अध्यक्ष अहमद तौफिक ने इसे करवाया क्योंकि वह सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करना चाहते थे। वह कहते हैं आवाज अब सॉफ्ट हो गई है इससे लोगों को दिक्कत नहीं होगी। 

बता दें कि विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम बहुल देश में ये परेशानी पहली बार नहीं सामने आई है। न जाने कितनी बार आवाज उठाने के कारण लोगों को ईशनिंदा का आरोप झेलना पड़ा। लोगों को सोशल मीडिया पर माफी माँगनी पड़ी। यही सब देखते हुए रीना ने इस मामले में शिकायत न करने की ठानी है। वो कहती हैं कि शिकायत करने का मतलब अपने लिए परेशानी खड़ी करना है। उनके मुताबिक, “मेरे पास ऐसे जीने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। वरना मुझे अपना घर बेचना पड़ेगा।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्कूल में नमाज बैन के खिलाफ हाई कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम छात्रा की याचिका, स्कूल के नियम नहीं पसंद तो छोड़ दो जाना...

हाई कोर्ट ने छात्रा की अपील की खारिज कर दिया और साफ कहा कि अगर स्कूल में पढ़ना है तो स्कूल के नियमों के हिसाब से ही चलना होगा।

‘क्षत्रिय न दें BJP को वोट’ – जो घूम-घूम कर दिला रहा शपथ, उस पर दर्ज है हाजी अली के साथ मिल कर एक...

सतीश सिंह ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन पर गोली चलाने वालों में पूरन सिंह का साथी और सहयोगी हाजी अफसर अली भी शामिल था। आज यही पूरन सिंह 'क्षत्रियों के BJP के खिलाफ होने' का बना रहा माहौल।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe