Sunday, November 3, 2024
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जहाँ 98% मुस्लिम, वहाँ रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं: भड़का छात्रों का गुस्सा, कहा- इन्हें बाहर फेंको

इंडोनेशिया के अचेह राज्य में अवैध रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया है। लगातार समुद्र के रास्ते नावों में भर-भर कर आ रहे रोहिंग्याओं के खिलाफ यहाँ छात्रों ने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है और इन्हें देश से बाहर फेंकने की माँग उठाई है।

इंडोनेशिया के बांदा अचेह राज्य में अवैध रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया है। समुद्र के रास्ते नावों में भर-भर कर लगातार देश में घुसपैठ कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ यहाँ के छात्र-छात्राओं ने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। इस विरोध प्रदर्शन में विद्यार्थियों ने रोहिंग्याओं को देश से बाहर फेंकने की माँग की है।

इस मामले को लेकर सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने 27 दिसम्बर 2023 को इंडोनेशिया के अचेह राज्य की राजधानी बंडा अचेह में स्थित एक सामुदायिक केंद्र की इमारत पर धावा बोल दिया। इस इमारत में म्यांमार और बांग्लादेश से घुसपैठ करके इंडोनेशिया में आए हुए हजारों रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे थे। प्रदर्शन करने वाले इन विद्यार्थियों ने हरी जैकेट पहनी हुई थी।

छात्र-छात्राओं ने इन घुसपैठी रोहिंग्याओं के विरुद्ध नारे लगाए और उनसे देश छोड़ने के लिए कहा। इसके बाद गुस्साए छात्र-छात्राओं ने कुछ रोहिंग्या को दो ट्रक में भर कर एक अन्य जगह भी शिफ्ट कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो अब वायरल हो रहा है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में हिजाब पहनी हुई छात्राएँ भी शामिल थीं।

ये छात्र-छात्राएँ लगातार इंडोनेशिया में अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर आने वाली नावों का विरोध कर रहे हैं। अचेह राज्य में इन्होंने पिछले माह भी प्रदर्शन किया था। इनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों के लिए काम करने वाली एजेंसी उनके राष्ट्र के खिलाफ साजिश रच रही है।

रोहिंग्या घुसपैठियों की इंडोनेशिया में आवक बीते कुछ महीनों से बहुत तेजी से बढ़ी है। ये लोग नावों में भर-भर कर बांग्लादेश और म्यांमार से समुद्र के रास्ते इंडोनेशिया में घुसपैठ कर रहे हैं और वहाँ अवैध रूप से रह रहे हैं। स्थानीय जनता अब इन अवैध घुसपैठियों से त्रस्त हो चुकी है।

गौरतलब है कि रोहिंग्या घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के पीछे मानव तस्करों का भी हाथ माना जा रहा है। हाल ही में इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जोको विडोडो ने भी कहा था कि उनके देश में बढ़ती रोहिंग्या मुस्लिमों की संख्या के पीछे मानव तस्करी का हाथ है।

रोहिंग्या मुस्लिम मूल रूप से म्यांमार के हैं। ये म्यांमार की सरकार के खिलाफ लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों की आतंकी गतिविधियों की वजह से म्यांमार की सेना इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसके कारण ये म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश, भारत और अन्य देशों को भाग रहे हैं।

जिस राज्य अचेह में ये प्रदर्शन हो रहे हैं, वहाँ की 98.5% जनता मुस्लिम है और रोहिंग्या भी मुस्लिम हैं। हालाँकि, यहाँ इस्लामी भाईचारा काम नहीं आ रहा है और यहाँ के समुद्री तट पर आने वाली घुसपैठी रोहिंग्याओं की नौकाओं को यहाँ के निवासी वापस भेज रहे हैं और यहाँ की जमीन पर उतरने पर मारने-पीटने की धमकी भी दे रहे हैं।

कुछ वर्षों पहले तक यहाँ भी घुसपैठी रोहिंग्या को शरण मिलती थी, लेकिन इनके आचरण के चलते अब इनके विरुद्ध यहाँ भी माहौल बन गया है। दरअसल, जिन रोहिंग्या मुस्लिमों को यहाँ शरण दी गई वे शरणार्थी कैम्प से भाग गए। कुछ ने स्थानीय लोगों के साथ बदतमीजी भी की।

इंडोनेशिया की सरकार ने भी इन रोहिंग्या घुसपैठियों की कोई मदद करने से इनकार कर दिया है। सरकार का कहना है कि ये घुसपैठिये इंडोनेशिया के लोगों की अच्छाई का फायदा उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री विडोडो का कहना है कि उनकी दयालुता के आधार कुछ लोग पैसा बना रहे हैं।

जकार्ता पोस्ट ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पिछले महीने के दौरान 1,200 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम ने आचेह प्रांत में प्रवेश किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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