अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (25 जून 2025) को नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के खत्म होने की बात कही। हालाँकि साथ में ही ये कहना नहीं भूले कि अगर फिर से युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो अमेरिका इस जंग का हिस्सा एक बार फिर से बनेगा।
नाटो की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने ईरान के साथ बातचीत कर समझौते पर हस्ताक्षर करने की बात कही। हालाँकि ट्रंप का ये भी मानना है कि ये जरूरी नहीं है। बातचीत को लेकर ईरान की ओर से कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।
उन्होंने कहा, “हम अगले सप्ताह ईरान के साथ बातचीत करने जा रहे हैं, हम एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। पर मुझे नहीं लगता कि यह आवश्यक है।” इस दौरान ट्रंप ने इस बात पर अधिक जोर दिया कि अमेरिका के हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम तबाह हो गया है।
ट्रंप ने ईरान के परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों की तुलना जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर हुए हमले से की है। अपने बयान में ट्रंप ने कहा, “अगर आप हिरोशिमा या नागासाकी को याद कर पाएँ तो की आपको पता लगेगा कि इससे भी युद्ध खत्म होता है।” ट्रंप ने आगे कहा कि इससे युद्ध का अंत एक अलग तरीके से हुआ पर यह बहुत भयानक और विनाशकारी था।
इस दौरान ट्रंप ने अपने उसे दावे पर सफाई भी पेश की जिसमें उन्होंने यह कहा था कि बंकर- बस्टिंग बमों के जरिए अमेरिका ने ईरान के अंडरग्राउंड बने दो न्यूक्लियर फैसिलिटी को ध्वस्त किया था।
अमेरिकी क्लासिफाइड इंटेलिजेंस रिपोर्ट की मानें तो ईरान पर हुए अमेरिकी हमले से ईरान का परमाणु प्रोग्राम काफी पीछे खिसक गया है। ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि इन हमलों से परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुँचा है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है। नाटो शिखर सम्मेलन में ही ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ाएगा। लेकिन ईरान ने यह साफ तौर पर कहा है कि अपने परमाणु कार्यक्रम से गए पीछे नहीं हटेंगे।
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच 22 जून 2025 को अमेरिकी सेना ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो के तीन परमाणु ठिकानों पर बमों से हमला किया था। जवाबी हमले में ईरान ने कतर, सीरिया और इराक में बने अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला किया था। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर का एलान कर दिया था।