राजनीति नहीं, सांस्कृतिक उत्सव पर आधारित प्रस्ताव
प्रस्तावित सीनेट प्रस्ताव संख्या 2024/2025-042 एक कैरेबियाई हिंदू छात्र द्वारा पेश किया गया था। यह मुख्य रूप से यूसी बर्कले और अमेरिकी समाज में हिंदुओं के योगदान को सराहने के लिए लाया गया था। प्रस्ताव में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर कला और शिक्षा तक के क्षेत्रों में उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। इसमें कहीं भी भारत का नाम नहीं लिया गया था। इसके बावजूद कई छात्र सीनेटरों ने इस पर आपत्ति जताई। इनका कहना था कि ये हिन्दू राष्ट्रवादी विचारधारा को सही ठहराने की कोशिश है।
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CYAN) ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “भारतीय और गैर-भारतीय मूल के हिंदू छात्रों में कई ऐसे हैं जो हिंदू राष्ट्रवाद के बारे में बहुत कम जानते हैं। ऐसे में हिन्दू हैरिटेज का जश्न मनाकर हम छात्रों को भारतीय राजनीति पर अपना रुख साफ के लिए मजबूर नहीं कर सकते।”
वहीं CYAN ने 5 मार्च 2025 को सार्वजनिक सीनेट बैठक के दौरान छात्र सीनेटरों द्वारा दिए गए “हिंदू विरोधी बयानों” की भी निंदा की। संगठन ने सीनेटर ईशा चंदर की आलोचना की, जिन्होंने कथित तौर पर एक सांस्कृतिक घोषणा का राजनीतिकरण किया और सीनेटर जस्टिन टेलर को धमकाने की कोशिश का विरोध किया। CYAN ने छात्र चुनावों के दौरान फेसबुक से बैठक की रिकॉर्डिंग को अस्थायी रूप से हटाने पर भी चिंता जताई, उन्होने कई सीनेटरों से हिंदू समुदाय और सीनेटर टेलर से माफी माँगने की बात कही।
CYAN ने प्रस्ताव और सीनेटरों के वक्तव्यों को किया साझा
चर्चा का एक वीडियो CYAN ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया है। इसमें अजीबोगरीब बातचीत सुनाई दे रही है, इसमें एक छात्र खुद का गला घोंट रहा है और ऐसे इशारे करता हुआ दिखाई दे रहा है जैसे कि उसे घुटन महसूस हो रही हो।
कुछ वक्ताओं ने कहा कि चूंकि हिंदू हैरिटेज माह दूसरे जगहों पर राजनीतिक आंदोलनों से जुड़ा रहा है, इसलिए सतर्कता जरूरी है। जबकि हिन्दू हेरिटेज माह का समर्थन करने वाले लोगों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि ये गैर-राजनीतिक है और इसे भारतीय राजनीति के साथ जोड़ कर हिंदू समुदाय को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान विरोधाभास साफ नजर आया। हिन्दू हेरिटेज माह का समर्थन करते हुए एक वक्ता ने कहा कि तीन धर्मों यहूदी, मुस्लिम और ईसाई को ASUC में औपचारिक प्रतिनिधित्व मिला हुआ है जबकि हिंदू अलग-थलग हैं। यूसी बर्कले यहूदी, मुस्लिम, ईसाई और लैटिन पहचान का जश्न मनाने पर गर्व करता है, लेकिन जब हिंदुओं की बात आती है, तो ASUC में विरोध के स्वर उठते हैं। एक सीनेटर ने इसकी तुलना “विचार को शौचालय में फ्लश करने” से की।