Wednesday, June 18, 2025
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ज्योति मल्होत्रा और मोहम्मद कासिम एक ही थैली के चट्टे-बट्टे, दोनों भारत से निकाले गए दानिश के इशारे पर कर रहे थे काम: बड़ा भाई हसीन भी पाकिस्तान जाकर ले चुका है ट्रेनिंग

कासिम का बड़ा भाई हसीन पुराना पाकिस्तानी एजेंट है। वो पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुका है। बाद में उसके वीजा से जुड़ी दिक्कतें आई, इसलिए उसने छोटे भाई कासिम को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा था।

राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग से पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद कासिम को पकड़ा गया है। मोहम्मद कासिम भी ज्योति मल्होत्रा से जुड़े पाकिस्तानी एंबेसी में तैनात ISI एजेंट एहसान-उर-रहमान उर्फ दानिश के संपर्क में था। वो दानिश को सेना से जुड़ी जानकारियाँ देता था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISI के ज्योति मल्होत्रा जासूसी नेटवर्क से जुड़ा कासिम 2 बार पाकिस्तान जा चुका है। कासिम पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने, भारतीय सेना के ठिकानों की जानकारी देने और भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान भेजने के आरोप है। कासिम का बड़ा भाई हसीन पुराना पाकिस्तानी एजेंट है। वो पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुका है। बाद में उसके वीजा से जुड़ी दिक्कतें आई, इसलिए उसने छोटे भाई कासिम को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा था।

पाकिस्तान जाकर ली जासूसी की ट्रेनिंग

मोहम्मद कासिम अगस्त 2024 और मार्च 2025 में दो बार पाकिस्तान गया। वहाँ उसने लाहौर के एक सैन्य अड्डे पर आईएसआई से जासूसी की ट्रेनिंग ली। वह करीब 90 दिन पाकिस्तान में रहा और वहाँ ‘शाह जी’, ‘ताऊ जी’ और वकास जैसे आईएसआई हैंडलर्स से मिला।

जाँच में पता चला कि कासिम ने भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान भेजे। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल पाकिस्तानी जासूसों ने व्हाट्सएप के जरिए भारतीय लोगों से संपर्क करने और सेना व सरकार की गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया।

कासिम का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है। वह दिल्ली में अपहरण के एक मामले में पाँच साल तिहाड़ जेल में सजा काट चुका है। जेल से छूटने के बाद वह अपने गाँव गँगौरा में झाड़-फूँक और तंत्र-मंत्र के बहाने अपनी हरकतों को अंजाम देता था।

कासिम की गिरफ्तारी के बाद उसके तीन भाई हसीन, अफजल मौलाना और इश्तियाक फरार हैं। सूत्रों के मुताबिक, हसीन भी पाकिस्तान जाकर आईएसआई से जासूसी की ट्रेनिंग ले चुका है। वह दोबारा पाकिस्तान जाना चाहता था, लेकिन वीजा की दिक्कतों की वजह से नहीं जा सका। इसके बाद उसने अपने छोटे भाई कासिम को पाकिस्तान भेजा।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गिरफ्तार

कासिम को ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के दौरान पकड़ा गया है। जो अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है। इस अभियान के दौरान ही देशभर में कई जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। अब तक हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से 11 लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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