आडवाणी के मरने की दुआ कर रहा और खुशियाँ मनाने की बात करने वाला यह आदमी तय करता है कि फेसबुक पर कौन सी ख़बरें जाएँगी और कौन सी नहीं। अंदाजा लगाइए नकारात्मकता भरने के लिए ये कैसी ख़बरें आप तक पहुँचाता होगा।
"सिर्फ़ भारत के यूज़र्स के लिए आपत्तिजनक विषयवस्तु को निष्क्रिय या ब्लॉक करना काफ़ी नहीं होगा क्योंकि यहाँ रह रहा यूज़र उस विषयवस्तु को किसी अन्य माध्यम से भी देख सकता है। इसलिए वैश्विक स्तर पर आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित वीडियो लिंक्स को निष्क्रिय किया जाए।"
पुलिस अधीक्षक सरकार एमडी कैसर ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें मदरसा छात्र महबूब (14 वर्षीय), कॉलेज छात्र शाहीन (23 वर्षीय), महफूज़ (45 वर्षीय) और मिज़ान (40 वर्षीय) शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि जो लोग मारे गए थे, वे उन्हीं के आदमी थे।
एक ही तरह के पोस्ट पर दो नीति अपनाने का अर्थ यह हुआ कि किसी खास संस्था पर इनका काँटा ज्यादा संवेदनशील हो जाता है, और वो भी शायद तब जब किसी खास पहचान वाले लोग एक साथ ऐसी खबरों को रिपोर्ट करते हैं।
फेसबुक कंपनी के मुताबिक उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानव विशेषज्ञता की मदद से इन आतंकी पोस्ट्स को डिलीट किया हैं। इसके अलावा आतंकी ग्रुप्स के अकाउंट्स पर भी बैन लगाया है।
फेसबुक ने वादा किया है स्टडी ऍप के ज़रिए इकट्ठा जानकारी का वह न तो विज्ञापन दिखाए जाने के निर्धारण के लिए प्रयोग करेगा, न ही इसे किसी अन्य के साथ बाँटेगा।
यह पहली बार नहीं है कि ममता ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में वोट की अपील की हो। इस महीने की शुरुआत में, दो बांग्लादेशी अभिनेताओं को पश्चिम बंगाल में ममता की TMC के लिए प्रचार करते हुए पाया गया था। बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद और गाज़ी अदबुन नूर बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में TMC के लिए प्रचार कर रहे थे।
प्रीतिश नंदी ने राज ठाकरे की प्रशंसा करते हुए वीडियो को यह कहते हुए संदर्भित किया कि कोई तो है, जो यह जानता है कि कैसे भक्तों को उसी की भाषा में सूद सहित वापस दिया जाए। मतलब नेता राज ठाकरे के साथ कोई पंगा नहीं ले सकता। हद तो यह कि ऐसे लोग खुद को बड़े पत्रकार मानते हैं।