गुजरात के आनंद जिले में स्थित खम्बात में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई है। लगातार तीसरे दिन निकली उग्र भीड़ ने दो घरों को जला डाला और कई गाड़ियों में आग लगा दी। प्रताड़ित हिन्दुओं ने मंगलवार (फरवरी 25, 2020) को क्षेत्र में बंद का आह्वान किया था। स्कूल, कॉलेज व बाजार बंद रहे। पुलिस ने हिंसा की वारदात के बाद 5 लोगों को हिरासत में लिया है। हिन्दू संगठनों की माँग है कि रविवार और सोमवार को हुई हिंसक वारदातों में शामिल लोगों को सज़ा दी जाए। अहमदाबाद के आईजी आइके जडेजा ने बताया कि आरएएफ और एसआरपी की कुछ टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं।
हर टुकड़ी में 80 जवान शामिल हैं। 23 फरवरी को हुई हिंसा के बाद से अब तक कुल 85 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। इनमें से अधिकतर पत्थरबाजी और आगजनी करने वाले दंगाई हैं। रविवार को कई घरों को फूँक डाला गया था, जिसमें 50 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। सोमवार को तो हद ही हो गई, जब पुलिसकर्मियों को ही निशाना बनाया जाने लगा।
रविवार से लेकर अब तक कुल 20 घरों को आग के हवाले किया जा चुका है और इतनी ही गाड़ियों को भी फूँका जा चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जनवरी में भी हिंसा भड़की थी, जिसके बाद कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। अब उन्हीं लोगों ने जेल से बाहर आते ही ताण्डव मचाना शुरू कर दिया है।
वहीं प्रताड़ित हिन्दुओं ने बंद के दौरान अपने ऊपर हो रही हिंसा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि समुदाय विशेष ने हिन्दुओं को निशाना बनाया। अकबरपुर में मुस्लिम भीड़ ने पुलिसकर्मियों की तैनाती में कमी का फायदा उठाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के कारण अहमदाबाद में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिसका फायदा उठा कर हिन्दुओं के घरों व गाड़ियों को जला डाला गया। इस मामले में पुलिस ने कुल 4 एफआईआर दर्ज की है और उसके तहत कार्रवाई की जा रही है। सरफराज, युसूफ, ज़ाहिर, हनीफ और मोईनुद्दीन सहित कइयों को गिरफ़्तार किया गया है।
आनंद की एसपी इंचार्ज दिव्या कुमारी ने कहा कि खम्बात क्षेत्र का सांप्रदायिक हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि हिंसा कैसे शुरू हुई, ये स्पष्ट नहीं है लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए 6 लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।