सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की बात कहने वाले ASI तनवीर खान को यूपी पुलिस ने सोमवार (मई 4, 2020) को गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर प्रदेश के सीएम के लिए अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में बिहार के इस पुलिसकर्मी को नालंदा जिले के दीपनगर थाना इलाके से यूपी की गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में उस पर कई धाराएँ लगाई गईं और फिलहाल उसको जेल भेज दिया है।
गाजीपुर एसपी डॉ ओमप्रकाश सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया है कि तनवीर खान गाजीपुर के दिलदारनगर क्षेत्र का रहने वाला है और बिहार के नालंदा में पुलिस विभाग में बतौर आरक्षी तैनात था। उस पर आरोप है कि उसने 24 अप्रैल को अपने फेसबुक पेज पर यूपी सीएम के खिलाफ रमजान में अजान के मामले को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी।
वहीं, नालंदा जिले के दीपनगर थाने के इंचार्ज धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक आरोपित पुलिसकर्मी तनवीर की तैनाती राजगीर के फॉरेस्ट हाउस के पास थी। सोमवार को यूपी के दिलदारनगर थाने की पुलिस टीम दर्ज एफआईआर की कॉपी के साथ नालंदा पहुँची और वहाँ तनवीर खान को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में यूपी पुलिस की टीम बिहार पुलिस के आरोपित को अपने साथ ले गई।
क्या लिखा था ASI ने?
24 अप्रैल को एक फेसबुक पोस्ट सामने आया। इस पोस्ट में अजान न होने पर योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की बात थी। जिस पर दिलदारनगर निवासी धनन्जय और विशाल ने स्थानीय पोस्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामला संज्ञान में आने के बाद पहले इस पोस्ट को देखकर अंदाजा लगाया गया कि ये किसी सिरफिरे का कारनामा है। मगर, बाद में जब इस मामले को गंभीरता से लिया गया तो मालूम चला कि सीएम योगी के लिए इतनी लापरवाही भरा पोस्ट लिखने वाले बिहार पुलिस का जवान है।
Nothing can be worse than people with such mentality joining our police personals or armed forces keeping in mind what happened with Indira Gandhi.
— Vivekk (@oyevivekk) April 30, 2020
Such individual deserves to be put behind bars, not to degred the uniform. pic.twitter.com/KS1qvkW4In
बता दें कि तनवीर खान ने अपने फेसबुक एकाउंट से पोस्ट किया था, “दिलदार नगर और पूरे कामसरोवर (कामसर) में अजान नहीं हो रही है। योगी को गोली मार दो **को।” मगर, 30 अप्रैल तक पोस्ट वायरल होने के बाद तनवीर खान ने अपना एकाउंट डिएक्टिवेट कर लिया। लेकिन कुछ लोगों ने ट्विटर पर उसके पोस्ट के स्क्रीनशॉट लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस से इस पर संज्ञान लेने की अपील की।
सोशल मीडिया पर विवेक भारद्वाज ने ऐसी मानसिकता के लोगों का पुलिस विभाग में होना दुर्भाग्य बताते हुए लिखा है, “इंदिरा गाँधी के साथ क्या हुआ था, यह जानने के बावजूद इस प्रकार की मानसिकता के लोगों का पुलिस और भारतीय सेना में होना आश्चर्यजनक है। ऐसे लोग सलाखों के भीतर होने चाहिए, ना कि वर्दी में।”