भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार (23 मार्च 2021) को ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस पर यह आरोप लगाया कि उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोका जा रहा है। शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि जैसे-जैसे चुनाव निकट आते जा रहे हैं, तृणमूल को अपनी पराजय निश्चित दिखाई दे रही है, जिस कारण यह हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) को बताया कि वे जब रामगढ़ पहुँचे, तब वहाँ बहुत अधिक मात्रा में बैरिकेड्स लगाए गए थे। इस संबंध में उन्होंने सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी से यह भी पूछा कि क्या उस क्षेत्र में धारा 144 लागू है?
भाजपा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव क्षेत्र में जाने के दौरान जो अड़चनें उत्पन्न की जा रही हैं, उस पर शुभेंदु अधिकारी कहते हैं कि राज्य पुलिस भले ही चुनाव आयोग के निर्देशों के अधीन है लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलना उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि तृणमूल का राजनैतिक धरातल अब संकुचित होता जा रहा है।
शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि इस बार के चुनावों में ममता ‘बेगम’ हारने वाली हैं। यही कारण है कि भाजपा के प्रत्याशियों को रोकने का कार्य टीएमसी द्वारा किया जा रहा है, किन्तु अब इससे कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।
आपको बता दें कि शुभेंदु अधिकारी तृणमूल काँग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरुद्ध नंदीग्राम में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में राजनैतिक हिंसा की बात करें तो अब यह सामान्य घटनाएँ लगने लगी हैं। हाल ही के कुछ दिनों में भाजपा नेताओं पर कई हिंसक हमले हुए, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
कुछ दिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की पदयात्रा एवं भाटपाड़ा से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के कार्यालय पर भी हमले हुए। इन हमलों में पत्थरों और बम का उपयोग तक किया गया। तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए फिरोज कमाल गाजी पर क्रूड बम से हमला किया गया। तृणमूल के ऐसे ही क्रियाकलापों के कारण उसके कई बड़े नेता और कार्यकर्ता पार्टी से अलग हो चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के लिए आठ चरणों में चुनाव होंगे, जो 27 मार्च से प्रारंभ होने वाले हैं। आखिरी चरण का चुनाव 29 अप्रैल को होगा। चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित किया जाएगा।