Saturday, November 23, 2024
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भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार ने कसी नकेल: 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन किया रिटायर

इससे पहले मोदी सरकार ने जून महीने में केंद्र प्रत्यक्ष बोर्ड के 12 अधिकारियों समेत 27 उच्च रैंकिंग आईआरएस अधिकारियों को भी मौलिक नियम 56 के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई करने का सिलसिला जारी है। इसकी कड़ी में आज केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों की वजह से फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया है।

जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्त किए गए ये सभी अधिकारी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, मेरठ और चेन्नई टैक्स यूनिट से जुड़े हुए हैं। इनमें कुछ पर हजार की लाइन में रिश्वत माँगने का आरोप है तो कुछ पर लाख की श्रेणी में रिश्वत माँगने का आरोप हैं। इसके अलावा बताया जा रहा है कि इनमें से एक पर कथित रूप से दुबई से 1224 ग्राम सोना लेकर आए एक युवक से दिल्ली हवाई अड्डे पर 58 ग्राम सोना लेने का भी आरोप है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जबरन रिटायर किए गए अधिकारियों के नाम वीपी सिंह, आरएस गोगिया, केसी मंडल, एमएस डमोर, केके उकई, एसआर पराते, कैलाश वर्मा, किशोर पटेल, जेसी सोलंकी, एसके मंडल, गोविंद राम मालवीय, एयू छापरगारे, एस अशोकाराज, दीपक एम गनेयन, प्रमोद कुमार, मुकेश जैन, नवनीत गोयल, अचिंत्य कुमार प्रमाणिक, वीके सिंह, डीआर चतुर्वेदी, डी अशोक, और लीला मोहन सिंह हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले मोदी सरकार ने जून महीने में केंद्र प्रत्यक्ष बोर्ड के 12 अधिकारियों समेत 27 उच्च रैंकिंग आईआरएस अधिकारियों को भी मौलिक नियम 56 के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था। इस हिसाब से अब तक मोदी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त 49 अफसरों को रिटायर कर चुकी है। जिनमें अधिकतर पर भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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