Thursday, May 2, 2024

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक भारत का न्यूक्लियर ट्रायड

"जल थल और नभ से परमाणु हथियार दागने की क्षमता को हम न्यूक्लियर ट्रायड विकसित कर लेने की संज्ञा देते हैं।"

सशस्त्र सेनाओं की संयुक्त साइबर, स्पेशल ऑपरेशन तथा स्पेस कमान

आज के समय में जहाँ युद्ध धरती, समुद्र और आकाश तक सीमित नहीं रह गए हैं और नेटवर्क सेंट्रिक युद्ध का सिद्धांत दिया जा चुका है वहाँ भारत के पास भी साइबर, स्पेशल ऑपरेशन और स्पेस की संयुक्त कमान होना समय की मांग है।

कश्मीर के पत्थरबाज़ों को चिन्हित करने में IIT मद्रास करेगा सेना की मदद

आईआईटी मद्रास में सेंटर फॉर इनोवेशन के स्टूडेंट एग्जीक्यूटिव हेड राघव वैद्यनाथन के अनुसार ‘एक्शन रिकग्निशन एल्गोरिदम’, ‘क्राउड डेंसिटी मैप’ और सीसीटीवी द्वारा प्राप्त लाइव इमेज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से जोड़ कर कश्मीर में पत्थरबाजी के दौरान होने वाली अप्रत्याशित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है

IIT खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने पता लगाया भारत में जीवन का प्रारंभिक स्रोत

वैज्ञानिकों के दल ने महाराष्ट्र में कोयना नदी के तट पर बसे करार गाँव में ऐसे सूक्ष्म जीवों का पता लगाया है जो उस क्षेत्र में तब से अस्तित्व में हैं जब पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन का घुलना प्रारंभ हुआ था।

‘गॉड पार्टिकल’ की खोज के बाद बनने जा रही है LHC से बड़ी मशीन

FCC एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है जिसमें यूरोपीयन यूनियन के राष्ट्र सम्मिलित हैं। भविष्य की इस परियोजना का अध्ययन 2014 में प्रारंभ किया गया था जिसके बाद अब इसकी ‘कॉन्सेप्चुअल डिज़ाइन रिपोर्ट’ प्रकाशित की गई है।

कोशिकाओं में ऊर्जा स्रोत की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक डॉ सुब्बाराव का भी आज है जन्मदिन

उन दिनों अमेरिका में बाहर से आने वालों को सरलता से वीसा नहीं मिलता था। डॉ सुब्बाराव 'फिज़िशियन' बनकर अमेरिका गए और उन्होंने वहाँ उन्होंने सायरस फिस्के के साथ मिलकर ATP की खोज की।

IIT-M के वैज्ञानिकों ने बेहद कम तापमान और दबाव पर पता लगाया भविष्य के ईंधन का स्रोत

प्रोफेसर थलप्पिल प्रदीप और डॉ रजनीश कुमार के मार्गदर्शन में शोधकर्ताओं के समूह ने पता लगाया है कि मीथेन गैस क्लैथरेट हाइड्रेट के रूप में बेहद कम तापमान और दबाव की परिस्थिति में भी मौजूद हो सकती है। क्लैथरेट हाइड्रेट कार्बन डाइऑक्साइड या मीथेन जैसे तत्वों के अणु होते हैं जो कि जल के अणुओं के बीच क्रिस्टल के रूप में विद्यमान होते हैं।

बेतुके बयानों से भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस की धूमिल होती छवि

कृष्णन के अनुसार सौर मंडल में सारे ग्रह सूर्य की परिक्रमा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नहीं करते बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि अन्तरिक्ष (space) उन्हें संकुचित करता है।

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