Saturday, November 2, 2024
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‘बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को चुकानी होगी बड़ी रकम’: मीडिया में चल रही ख़बरों की ये है सच्चाई

इस वायरल दावे की जाँच करते हुए हमें वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा का एक बयान मिला। इस बयान में उन्होंने इस इस तरह की खबरों को गलत बताया है।

सोशल मीडिया पर आए दिन नए-नए दावे होते रहते हैं। इन दावों की मीडिया द्वारा भी हवा दी जाती है। जिससे ये दावे अफवाह का रूप ले लेते हैं। ऐसा ही एक दावा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर किया जा रहा है। वायरल दावे में कहा जा रहा है कि अब मंदिर में भगवान विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को शुल्क देना पड़ेगा। यहाँ हम आपको बताएँगे कि इस दावे की असलियत क्या है।

दरअसल, सोशल मीडिया से लेकर मीडिया संस्थानों द्वारा काशी विश्वनाथ धाम में स्पर्श दर्शन को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। ‘जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड’ ने अपनी रिपोर्ट की हेडलाइन में कहा है, “काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए चुकानी होगी बड़ी रकम, VIP सुविधा की जगह हर श्रद्धालु को मिलेगा मौका”।

(फोटो साभार: Zee Up-Uk का स्क्रीनशॉट)

इसी तरह, ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट की हेडलाइन है, “काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के स्पर्श दर्शन का लगेगा शुल्क, न्यास परिषद ने दी हरी झंडी”।

(फोटो साभार: दैनिक जागरण की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट)

‘भारत समाचार’ ने भी ट्विटर अकाउंट पर 500-1000 रुपए शुल्क लगने का दावा किया है। साथ ही कहा है कि शुल्क देने के बाद ही गर्भ गृह में भक्तों को प्रवेश मिलेगा।

(फोटो साभार: भारत समाचार क ट्विटर अकाउंट)

‘UP Tak’ ने भी ट्विटर पर कहा है, “काशी विश्वनाथ बाबा के स्पर्श दर्शन कर के के लिए आपको जल्द देना पड़ सकता है शुल्क। भक्तों से ₹500-₹1000 ले सकता है मंदिर प्रशासन काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की तरफ से भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है।”

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और समाजवादी पार्टी नेता आशुतोष मिश्रा ने भी इसको लेकर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने पहले काशी विश्वनाथ मन्दिर में ‘आरती शुल्क’ लगाकर आम-जनमानस को आरती से दूर किया। अब ‘स्पर्श शुल्क’ लगाकर गरीब व वंचितवर्ग को दर्शन से दूर कर रही है। हम इस भाजपाई षड्यंत्र को निरंतर बेनकाब करते रहेंगे।”

(फोटो साभार: आशुतोष मिश्रा का ट्विटर अकाउंट)

वंदना कालरा नामक यूजर ने एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा था, “श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के स्पर्श दर्शन का लगेगा शुल्क! क्या जब सब कुछ खत्म हो जाएगा तभी सरकार और देश की जनता मानेगी?”

(फोटो साभार: वंदना कालरा का ट्विटर अकाउंट)

इस वायरल दावे की जाँच करते हुए हमें वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा का एक बयान मिला। इस बयान में उन्होंने इस इस तरह की खबरों को गलत बताया है। वाराणसी कमिश्नर ने कहा है, “एक दिन ट्रस्ट की मीटिंग हुई थी। एक-दो दिन बाद भी ऐसी ही बात सामने आई थी। तब भी स्पष्ट किया गया था। पुरानी ही बैठकों में हुए डिस्कशन के पॉइंट ट्रस्ट के अलग-अलग लोगों के हवाले से बता दिए जाते हैं। सोशल मीडिया में कई मैसेज ऐसे भी सर्कुलेट हो जाते हैं तो पुरानी बातें होती हैं।”

उन्होंने आगे कहा है “भारत के अलग-अलग मंदिरों की अलग-अलग व्यवस्थाएँ हैं। उसका तुलनात्मक अध्ययन किया गया था। उसकी ही चर्चाएँ हुई थी, उन्हीं चर्चाओं में यह बात आई थी कि बाकी मंदिरों में इस प्रकार का शुल्क लगता है। लेकिन, वाराणसी के मंदिर में कोई शुल्क लगाने का अभी निर्णय नहीं हुआ है और ऐसा कोई निर्णय भविष्य में अगर होगा तो उसकी जानकारी दी जाएगी। फिलहाल मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है।”

इस तरह सोशल मीडिया से लेकर मीडिया संस्थानों तक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन को लेकर किया जा रहा यह दावा हमारे फैक्ट चेक में पूरी तरह फेक पाया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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