Friday, April 18, 2025
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₹2000 से ऊपर के UPI लेनदेन पर 18% GST वसूलेगी सरकार? ET Now की ख़बर के बाद सोशल मीडिया में चर्चा, जानिए क्या है सच

ये भी जानने लायक बात है कि पेमेंट एग्रीगेटर्स 0.5% से लेकर 2% तक का चार्ज कैशलेश ट्रांजैक्शंस पर लेते हैं। इसको 'मर्चेंट डिस्काउंट रेट' नाम दिया जाता है।

क्या अब ₹2000 से अधिक के ऑनलाइन लेनदेन पर सरकार GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने जा रही है? इसमें कोई शक नहीं है कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने ऑनलाइन लेनदेन की दुनिया में क्रान्ति ला दी है। इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि अकेले 2024 में 17 हजार करोड़ से अधिक लेनदेन सिर्फ़ UPI के माध्यम से हुए। 2023 के मुक़ाबले इसमें 45% की उछाल देखी गई। UPI आज सब्जी के ठेलों से लेकर ऑटो स्टोर तक में इस्तेमाल में लाया जाता है।

UPI पेमेंट्स पर अब लगेगा GST?

मोदी सरकार की हर योजना को लेकर एक गिरोह विशेष में डर का माहौल बनाने की आदत घुस गई है। ठीक उसी पैटर्न का अनुसरण करते हुए अब ये भय फैलाया जा रहा है कि 2000 रुपए से अधिक के UPI लेनदेन पर अब केंद्र सरकार 18% GST वसूल करेगी। ऊपर से ‘ET Now’ ने एक लेख के जरिए इस अफवाह को और हवा दी, जिसका शीर्षक था – “₹2000 से अधिक के UPI लेनदेन पर GST? जानिए विशेषज्ञ क्या कहते हैं।” ये ख़बर शुक्रवार (18 अप्रैल, 2025) को प्रकाशित की गई।

इसके बाद भाजपा विरोधी गिरोह सोशल मीडिया पर सक्रिय हुआ और करदाताओं पर एक और बोझ डालने का आरोप लगाने लगा।

AAP से जुड़े कपिल नामक एक शख्स ने भी इस अफवाह को आगे बढ़ाया। कई पोस्ट्स में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अपमानजनक तस्वीरें शेयर की गईं। कपिल ने दावा किया कि जिनके पास व्हाइट मनी है, सिर्फ़ वही लोग UPI का इस्तेमाल करते हैं और अब सरकार उनपर भी टैक्स का बोझ डालने जा रही है।

ख़ुद को ‘क्रिप्टो एजुकेटर’ बताने वाले सुमित कपूर ने भी सायरन की इमोजी के साथ लिखा कि इस फ़ैसले से लोगों के रोज़ाना ख़र्च करने के तौर-तरीके, छोटे कारोबार और मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित होंगे। साथ ही उसने ‘डिजिटल इंडिया’ पर भी सवाल उठाया।

आइए, अब जानते हैं कि सच्चाई क्या है। असल में ‘ET Now’ बिना किसी सरकारी स्रोत का हवाला दिए हुए ये ख़बर प्रकाशित कर दी जो अटकलों के अलावा और कुछ भी नहीं है। ख़बर में ही उसने ये भी लिख दिया कि ये एक काल्पनिक स्थिति हो सकती है, क्योंकि सरकार आजकल डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रही है। इसने लिखा कि ऐसी सिर्फ़ चर्चा है। चर्चा कहाँ है, इसने नहीं बताया। लेनदेन पर GST की कोई चर्चा नहीं है टैक्स लगेगा भी तो सिर्फ सर्विस चार्ज पर – ट्रांजैक्शन पर नहीं।

2000 से ऊपर के पेमेंट्स पर GST: जानिए क्या है सच

ये भी जानने लायक बात है कि पेमेंट एग्रीगेटर्स 0.5% से लेकर 2% तक का चार्ज कैशलेश ट्रांजैक्शंस पर लेते हैं। इसको ‘मर्चेंट डिस्काउंट रेट’ नाम दिया जाता है। क्रेडिट कार्ड वगैरह पर इसे लिया जाता है, UPI पर ये फ़िलहाल लागू नहीं है। RuPay क्रेडिट कार्ड पर भी ऐसा कोई फी नहीं लगता। UPI सर्विस प्रोवाइडर आना ख़र्च निकाल सकें, इसीलिए UPI पर MDR लाने की चर्चा तो है लेकिन अभी बात आगे नहीं बढ़ी है। क्रेडिट कार्ड या वॉलेट से लिंक्ड प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) के माध्यम किए गए पेमेंट्स पर 1.1% का सर्विस चार्ज लगता है, लेकिन ये ग्राहक नहीं बल्कि मर्चेंट देते हैं।

1% से भी कम UPI पेमेंट वॉलेट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए जाते हैं, इसीलिए लगभग 99.9% पेमेंट्स पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाता। ये स्पष्ट कर दिया गया है कि P2P (पीयर टू पीयर) या P2M (पीयर टू मर्चेंट) ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। P2P का अर्थ हुआ 2 लोगों के बीच ट्रांजैक्शन, बिजनेस ट्रांजैक्शन इससे अलग है। 2000 रुपए से नीचे के क्रेडिट कार्ड या वॉलेट्स के माध्यम से होने वाले UPI पेमेंट्स पर MDR लगाने के लिए प्रस्ताव GST काउंसिल की बैठक में पिछले साल आया था, लेकिन इसे अबतक स्वीकार नहीं किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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