Tuesday, March 4, 2025
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मोदी राज में वन्यजीव संरक्षण में भी मिसाल बना भारत, ‘वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे’ पर गिर-वनतारा में PM: जानिए कैसे बढ़ी लुप्त हो रहे बाघ-शेरों की संख्या, ‘प्रोजेक्ट चीता’ का होगा विस्तार

गिर में अभी 674 शेर हैं और ये नंबर बताता है कि शेरों की देखभाल अच्छे से हो रही है। तेंदुओं की संख्या में 75% की बढ़ोतरी हुई है और दुनिया के 75% बाघ अब भारत में रहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (3 मार्च 2025) को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर गुजरात के गिर नेशनल पार्क पहुँचे। वहाँ उन्होंने वन्यजीवों को बचाने के लिए कई बड़े ऐलान किए। सुबह-सुबह पीएम ने लॉयन सफारी की, शेर के बच्चों की तस्वीरें खींचीं और सूरज उगते हुए देखकर मजा लिया। इसके बाद उन्होंने नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की सातवीं बैठक की अगुवाई की। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और बाकी बड़े अधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक में पीएम ने ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ की तारीफ की, जिसके लिए 2,927 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ये प्रोजेक्ट एशियाई शेरों को बचाने और उनकी तादाद बढ़ाने के लिए है। उन्होंने बताया कि मई में शेरों की 16वीं गिनती होगी। साथ ही जूनागढ़ में नेशनल रेफरल सेंटर-वाइल्डलाइफ की नींव भी रखी गई, जो वन्यजीवों की सेहत और बीमारियों को देखने का बड़ा सेंटर बनेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बारदा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में शेरों के लिए खाने की अच्छी व्यवस्था और जंगल को बेहतर करने का काम होगा, क्योंकि वहाँ शेर अब अपने आप पहुँचने लगे हैं। उन्होंने नदी में रहने वाली डॉल्फिन पर एक किताब भी लॉन्च की। इसके अलावा, तमिलनाडु के कोयंबटूर में SACON यानी सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री खोलने का ऐलान किया। ये सेंटर इंसानों और जंगली जानवरों के बीच होने वाले झगड़ों को सुलझाने में मदद करेगा।

आँकड़ों के मुताबिक, गिर में अभी 674 शेर हैं और ये नंबर बताता है कि शेरों की देखभाल अच्छे से हो रही है। तेंदुओं की संख्या में 75% की बढ़ोतरी हुई है और दुनिया के 75% बाघ अब भारत में रहते हैं। भारत में गैंडों (राइनो) का शिकार भी लगभग बंद हो चुका है। इस दौरान पीएम मोदी ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ को और बड़ा करने की बात कही। अब चीतों को मध्य प्रदेश के गाँधीसागर सैंक्चुअरी और गुजरात के बन्नी ग्रासलैंड में भी बसाया जाएगा। इसके साथ ही घड़ियाल और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसे जानवरों को बचाने के लिए नए प्रोग्राम शुरू होंगे। टाइगर रिजर्व के बाहर बाघों की हिफाजत के लिए भी एक योजना बनी।

इस बैठक में प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट और प्रोजेक्ट डॉल्फिन की भी बात हुई। देश में पहली बार नदी की डॉल्फिन गिनी गईं, जिसमें 6,327 डॉल्फिन मिलीं। ये गिनती 28 नदियों में 8,500 किलोमीटर तक चली। सबसे ज्यादा डॉल्फिन उत्तर प्रदेश में मिलीं, फिर बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में। भारत में 106 नेशनल पार्क, 573 वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, 115 कंजर्वेशन रिजर्व और 220 कम्युनिटी रिजर्व हैं। ये सब मिलकर देश की 5.32% जमीन को कवर करते हैं। 2024-25 के बजट में पर्यावरण मंत्रालय को 3,330.37 करोड़ रुपये दिए गए। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी का बजट भी दोगुना होकर 35 करोड़ रुपये हो गया।

मोदी मोदी ने कहा कि स्थानीय लोग और ईको-टूरिज्म वन्यजीवों को बचाने में बड़ी मदद कर सकते हैं। भारत में जंगल का इलाका 16,000 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। 2022 में बाघों की संख्या 3,167 हो गई, जो दुनिया के कुल बाघों की संख्या का 70% से ज्यादा है। प्रोजेक्ट टाइगर 1973 में शुरू हुआ था, जब बाघों की संख्या सिर्फ 1,411 थी। अब ये बाघों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। प्रोजेक्ट एलिफेंट से 2022 तक 29,964 जंगली हाथी हो गए।

पीएम ने जंगल की आग रोकने के लिए फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया और BISAG-N को साथ काम करने को कहा। उन्होंने AI और मैपिंग का इस्तेमाल करने की सलाह दी। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए नेशनल एक्शन प्लान लॉन्च हुआ और भारतीय स्लॉथ बेयर को बचाने की भी बात हुई।

मोदी की अगुवाई में भारत का वन्यजीव संरक्षण दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है। शेर, बाघ, चीता, हाथी, डॉल्फिन और राइनो जैसे जानवरों की संख्या बढ़ रही है। जंगल और जैव-विविधता को बचाने की ये कोशिशें आगे भी जारी रहेंगी। आने वाले सालों में नए प्रोजेक्ट और तकनीक से भारत और बेहतर करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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