जहाँ एक तरफ संसद के दोनों सदनों से पारित होने और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम कानून बन गया है, वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में इसके खिलाफ हिंसा भी शुरू हो गई है। इस्लामी भीड़ इस कानून के खिलाफ सड़क पर उतरी। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है, जिसमें पुलिस की गाड़ियाँ भी शामिल हैं। कुछ पुलिसकर्मियों ने इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस को भी नहीं छोड़ा। कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
मुस्लिम संगठनों ने मुर्शिदाबाद में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। पुलिस ने जब उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की तो इन्होंने पुलिस पर ही पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। अंततः पुलिस को भी इन हिंसक उपद्रवियों को रोकने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। बता दें कि अब तक एक दर्जन याचिकाएँ नए वक्फ कानून के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी है। फ़िलहाल मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।
‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ (AIMPLB) ने भी 11 अप्रैल से देशभर में बंद का आह्वान किया है। भीड़ में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों को देखा जा सकता है। एक वीडियो में पुलिस का वाहन सड़क पर गिरा हुआ और धू-धूकर जलता हुआ दिखाई दे रहा है। कई अन्य वाहन भी फूँक दिए गए। बता दें कि इससे पहले मणिपुर में वक्फ बिल का समर्थन करने पर भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष का घर जला दिए जाने की ख़बर सामने आई थी।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी कई वीडियो शेयर करके दिखाया कि कैसे मुर्शिदाबाद में इस्लामी भीड़ उत्पात मचा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल में एक सप्ताह में इस तरह की 4 घटनाएँ सामने आ चुकी हैं – बेलडांगा, मोथाबाड़ी, नौदा और जंगीपुर। उन्होंने बताया कि जो मुर्शिदाबाद कभी गौड़ महाधिराज शशांक का स्थल था, ममता बनर्जी के राज में अब इस्लामी भीड़ यहाँ मनमानी करती फिर रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के एक बड़े हिस्से पर अपना नियंत्रण खो चुकी हैं।
The West Bengal Police is struggling to rein in the violent Islamist mob rampaging through the streets of Murshidabad—possibly under instructions from Home Minister Mamata Banerjee herself. Her inflammatory speeches have directly contributed to the current unrest.
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
As a so-called… pic.twitter.com/vKKVabeMnl
अमित मालवीय ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण इस तरह की घटनाओं का कारण हैं। उन्होंने याद दिलाया कि ये वही क्षेत्र है जहाँ कार्तिक पूजा के दौरान हिन्दुओं पर हमले किए गए थे। अमित मालवीय ने इस्लामी भीड़ की इस हरकत को संविधान का खुला अपमान व उल्लंघन करार दिया। बता दें कि मुर्शिदाबाद एक ऐसा इलाक़ा है जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक हैं। मुस्लिमों की जनसंख्या यहाँ 67% के पार चली गई है। वहीं हिन्दू यहाँ मात्र एक तिहाई रह गए हैं।
VIDEO | West Bengal: People hold protest against Waqf (Amendment) law in Jangipur, Murshidabad. Protest turned violent as they allegedly vandalised a police vehicle and set it on fire.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 8, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz pic.twitter.com/GUu0RsrQQo
ये भी याद करना चाहिए कि 2019 में CAA के खिलाफ हिंसा भी पश्चिम बंगाल से ही शुरू हुई थी। कई रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों के अलावा रेलगाड़ियों को भी निशाना बनाया गया था। दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों से ढाई महीने पहले 13 दिसंबर, 2019 को ही पश्चिम बंगाल में हिन्दू विरोधी हिंसा शुरू हो गई थी। एक ट्रेन में आग लगा दी गई थी। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। एक यात्री ने बताया था कि मस्जिद से घोषणा के बाद हजारों लोगों ने ट्रेन रोकी और तोड़फोड़ की।