सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने के हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह फैसला दिल्ली सरकार की याचिका पर आया, जिसमें वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि हाईकोर्ट किसी राज्य सरकार को किसी योजना के एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। दिल्ली सरकार ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 60% फंड केंद्र और 40% राज्य सरकार को देना है, लेकिन केंद्र आगे के खर्च के लिए बजट नहीं देगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र, एम्स और दिल्ली नगर निगम को भी नोटिस जारी किया। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उसने बताया था कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना पहले से प्रभावी दिल्ली आरोग्य कोष (DAK) योजना को कमजोर करने जैसा होगा।
दिल्ली सरकार ने तर्क दिया था कि उसकी योजना अधिक व्यापक और प्रभावशाली है। आयुष्मान भारत योजना केवल दिल्ली की सीमित आबादी को लाभ पहुँचाएगी, जबकि DAK योजना हर नागरिक को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती है।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली सरकार और केंद्र को निर्देश दिया था कि वे 5 जनवरी तक आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करें। कोर्ट ने कहा था कि जब 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस योजना को लागू कर चुके हैं, तो दिल्ली में इसे न लागू करना उचित नहीं है।
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर को दिल्ली सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया था। हालाँकि, दिल्ली सरकार ने इसे लागू नहीं किया है और अपनी दिल्ली आरोग्य कोष योजना को इससे बेहतर बताते हुए इसे प्राथमिकता दी है।