गुजरात के पाटण जिले में मुस्लिमों ने अनुसूचित जाति के लोगों पर हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, सरस्वती तालुका के भीलवण गाँव में गुरुवार (15 मई 2025) को एक अनुसूचित जाति के परिवार की शादी के जश्न के दौरान स्थानीय मुस्लिमों ने उन पर हमला किया। यह घटना डीजे बजाने को लेकर शुरू हुई, लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि इसके पीछे 15 साल पुराना मंदिर निर्माण का विवाद भी है।
मुस्लिमों के इस हमले में 8 लोग घायल हुए, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और गहनों की लूट की शिकायत भी सामने आई। पुलिस ने 14 मुस्लिम हमलावरों के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया और ज्यादातर आरोपितों को हिरासत में ले लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला अहमदाबाद से आए अनुसूचित जाति के परिवार की बेटी की शादी से जुड़ा है, जो भीलवण गाँव में हो रही थी। शादी की तैयारियों के तहत 15 मई को स्थानीय माताजी मंदिर के पास रास-गरबा का आयोजन था, जिसमें डीजे बजाया जा रहा था। परिवार के अनुसार, डीजे की टेस्टिंग चल रही थी तभी हफीजा माणसिया नाम की महिला ने आपत्ति जताई। उसने कहा, “अजान के समय डीजे क्यों बजा रहे हो?” इसके बाद उसने मुस्लिमों की भीड़ इकट्ठी कर ली।
पीड़ितों के अनुसार, हफीजा ने न केवल डीजे बंद करने के लिए कहा, बल्कि जातिसूचक गालियाँ भी दीं। उसने कहा, “यहाँ #$$%^&* (दलितों) के घर कम हैं, फिर भी डीजे बजा रहे हो।” इसके बाद 400-500 लोगों का मुस्लिम टोला इकट्ठा हो गया, जिसमें पुरुष और महिलाएँ दोनों शामिल थे। उन्होंने लोहे की पाइप, लाठियाँ और पत्थरों से हमला बोल दिया। इस हमले में 8 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। इस मामले की एफआईआर की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है।
FIR के मुताबिक, हमलावरों ने न केवल मारपीट की, बल्कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उनकी आबरू लूटने की कोशिश भी की। एक पीड़िता ने बताया कि एक हमलावर ने उसे बाँह पकड़कर छेड़ने की कोशिश की, जबकि दूसरी महिला के गहने छीन लिए गए। परिवार का दावा है कि करीब 4 लाख रुपये के गहने लूटे गए। हमलावरों ने जातिगत गालियाँ दीं और कहा, “ये हिंदू सुधरेंगे नहीं, इनके हाथ-पैर तोड़ दो, इनकी औरतों की इज्जत लूट लो।”
हमलावरों ने यह भी कहा कि दलित परिवार ने मंदिर के सामने रास-गरबा आयोजित करके मुस्लिमों के वर्चस्व को चुनौती दी है। उन्होंने मंदिर के सामने बने मंडप में तोड़फोड़ की और मेहमानों पर हमला किया। हालात इतने बिगड़ गए कि परिवार को अपने घरों में छिपना पड़ा, लेकिन टोला वहाँ भी पहुँच गया और हमले जारी रखे।
डीजे सिर्फ बहाना, मंदिर निर्माण का बदला ले रहे थे मुस्लिम
पीड़ित परिवार का कहना है कि डीजे तो केवल बहाना था। असल विवाद भीलवण गाँव में अनुसूचित जाति के समुदाय द्वारा बनाए जा रहे मंदिर को लेकर है। करीब 15 साल पहले जब अनुसूचित जाति के समाज ने गाँव में माताजी मंदिर बनाने की योजना बनाई, तो मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध किया। मामला कोर्ट तक गया और 15 साल बाद अदालत ने मंदिर निर्माण की अनुमति दी। मौजूदा समय में वो मंदिर निर्माणाधीन है। इस शादी का रास-गरबा उसी मंदिर के सामने आयोजित किया जा रहा था, जिसकी कसक मुस्लिमों के दिलों में थी और उन्होंने पूरे समाज पर हमला कर अपनी भड़ास निकाली।
पीड़िता ने ऑपइंडिया को बताया कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मंदिर निर्माण से नाराज थे। उन्होंने पहले भी अनुसूचित जाति के परिवार को धमकी भी दी थी कि वे गाँव में मंदिर न बनाएँ और वहाँ से गुजरें नहीं। पीड़ितों का मानना है कि मंदिर को लेकर मुस्लिमों के मन में जो गुस्सा था, इसकी वजह से ये हमला किया गया।
साल 2009 में हुई थी हिंदू की हत्या, इसी गाँव के थे हत्यारे
FIR में दर्ज बयानों के अनुसार, हमलावरों ने 2009 की एक घटना का जिक्र भी किया। उस साल भीलवण गाँव में शिवसेना के तालुका प्रमुख रमेश प्रजापति की हत्या कर दी गई थी। हत्या के दोषी गाँव के ही कुछ मुस्लिम लोग थे। हमलावरों ने धमकी दी, “रमेश प्रजापति को मारने से भी तुम्हें सबक नहीं मिला। तुम्हारे हाथ-पैर तोड़ देंगे।” यह धमकी दर्शाती है कि हमले के पीछे पुरानी रंजिश भी थी।
घटना की सूचना मिलते ही वागडोद पुलिस स्टेशन की टीमें मौके पर पहुँचीं और स्थिति को नियंत्रित किया। रातभर पुलिस ने परिवार को सुरक्षा दी और अगली सुबह पुलिस सुरक्षा में वरघटो निकाला गया। शादी की रस्में पूरी करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस ने 14 नामजद आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें हफीजा माणसिया, आसिफ बादरपुरा (गाँव का उपसरपंच), आमीन मढिया, अब्दुल वहीद माणसिया, जावेद मरेडिया, रहीम मढिया, परोड मढिया, टूलियो मढिया, सईद अकबर, मोहम्मद मरेडिया, साबेदा वहीद मढिया, इम्तियाज, अशफाक उमर और मोहम्मद सईद चारोलियाँ शामिल हैं। इसके अलावा 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई।
वागडोद पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि SC/ST एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। ज्यादातर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पाटण SC/ST सेल इसकी जाँच कर रही है।
पीड़ित परिवार ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि हमलावरों में कई लोग नकाब पहने थे, जिससे उनकी पहचान मुश्किल थी। हमले में बच्चों को भी चोटें आईं। एक महिला ने कहा, “हम शादी का जश्न मना रहे थे, लेकिन हमें अपमानित किया गया, हमारे गहने लूटे गए और हमारी इज्जत पर हमला हुआ।” परिवार ने माँग की है कि सभी दोषियों को सख्त सजा दी जाए।