Sunday, April 20, 2025
Homeदेश-समाज2 साल तक अपनी ही नाबालिग बेटी का रेप करता रहा अब्बा, निचली अदालत...

2 साल तक अपनी ही नाबालिग बेटी का रेप करता रहा अब्बा, निचली अदालत ने मरते दम तक जेल में रखने को कहा: केरल हाई कोर्ट ने सजा 20 साल की कैद कर दी

अपनी ही बेटी से रेप का यह मामला केरल के कन्नूर का है। यहाँ एक बच्ची की माँ ने 2017 में आरोप लगाया था कि उसका शौहर उनकी 14 वर्षीय बेटी का कई मौकों पर रेप किया। उसने इस संबंध में पुलिस को बयान भी दिया था। उसने बताया कि 2017 में जब एक दिन वह घर पर नहीं थी तो उसका अब्बा उसे बेडरूम में ले गया और उसका रेप किया।

केरल हाई कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति की सजा घटा कर 20 साल कर दी है जिसे अपनी ही बेटी का रेप करने के कारण निचली अदालत ने मरते दम तक कैद की सजा सुनाई थी। वह 2 साल तक अपनी नाबालिग बेटी का रेप करने का दोषी पाया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि उसे अपनी बेटी की रक्षा करनी चाहिए थी लेकिन वह खुद ही रेप करने लगा, ऐसे में वह दया का पात्र नहीं है।

केरल हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति पी.बी.सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति सी.प्रतीप कुमार की एक बेंच ने यह सजा सुनाई है। बेटी के रेप के दोषी अब्बा ने हाई कोर्ट में निचली अदालत के फैसले के विरुद्ध अपील दायर की थी। कोर्ट ने उसे को POCSO और बलात्कार के मामले में दोषी पाया था।

हाई कोर्ट ने बेटी का बलात्कार करने वाले इस दोषी को 20 साल की कठोर सजा सुनाई। अब्बा अपनी बेटी के बयानों में अंतर का सहारा लेकर कोर्ट से बचना चाह रहा था। कोर्ट ने यह दलील नहीं मानी और कहा कि कोई भी बच्चा सामान्य तौर पर अपने अब्बा के विरुद्ध ऐसे आरोप नहीं लगाएगा।

कोर्ट ने कहा, “आरोपित कोई और नहीं बल्कि नाबालिग पीड़िता का पिता है, जिसे उसकी इस तरह के यौन उत्पीड़न से उसकी रक्षा करनी चाहिए। इसके बावजूद, उसने दो साल से अधिक समय तक अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ बार-बार बलात्कार/यौन उत्पीड़न किया। ऐसी परिस्थिति में, वह किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है।”

कोर्ट ने कहा, “इस मामले में सभी तथ्यों पर विचार करते हुए, हम मानते हैं कि पीड़ित पक्ष और आरोपित दोनों के लिए न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा पर्याप्त होगी।” कोर्ट ने यह मानने से भी इनकार किया कि पीड़ित बच्ची के बयानों में अंतर है।

अपनी ही बेटी से रेप का यह मामला केरल के कन्नूर का है। यहाँ एक बच्ची की माँ ने 2017 में आरोप लगाया था कि उसका शौहर उनकी 14 वर्षीय बेटी का कई मौकों पर रेप किया। उसने इस संबंध में पुलिस को बयान भी दिया था। उसने बताया कि 2017 में जब एक दिन वह घर पर नहीं थी तो उसका अब्बा उसे बेडरूम में ले गया और उसका रेप किया।

इसके बाद उसने कई बार अपनी बेटी को हवस का शिकार बनाया। एक दिन बच्ची की अम्मी जब घर आई तो दोनों को नग्न देखा। इसके बाद वह अपनी बेटी को लेकर शौहर घर से लेकर अपने भाई के घर चली गई। बच्ची ने यहाँ एक नए स्कूल में दाखिल लिया और इसी दौरान उसने एक दिन काउन्सलिंग के दौरान यह खुलासा एक टीचर से किया।

उन्होंने यह बात बाल हेल्पलाइन तक पहुँचाई। इसके बाद इस मामले में FIR दर्ज की गई। मामले में निचली अदालत ने बच्ची के अब्बा को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसके ऊपर कोर्ट ने ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया था। बच्ची के अब्बा ने इस मामले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था और राहत माँगी थी। हाई कोर्ट ने उसकी दलीलें नहीं मानी। हालाँकि, उसने सजा को आजीवन कारावास से बदल कर उम्रकैद में कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बलात्कारियों से सहानुभूति और रेप पीड़िताओं को दोषी ठहराने की प्रवृत्ति: भारत की अदालतें खोज रहीं नए-नए तरीके, अपराधियों की जमानत के कई खतरे

न्यायपालिका जब पीड़ितों को उनके मित्रों से मिलने या 'पर्याप्त' प्रतिरोध नहीं करने के लिए दोषी ठहराती हैं तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।

‘इस बर्बर घटना से हम व्यथित, खुलेआम घूम रहे अपराधी’: भारत ने हिंदू नेता की हत्या पर बांग्लादेश को फटकारा, कहा – ये चिंताजनक...

"यह घटना एक बड़े और चिंताजनक पैटर्न का हिस्सा है, जहाँ मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।"
- विज्ञापन -