अमेरिका में खालिस्तानी होने के सहारे शरण माँग रहे व्यक्तियों की बात सुनने से जजों ने इनकार कर दिया। अमेरिका गए इन घुसपैठियों को निकाल बाहर फेंका गया है। खालिस्तान के नाम पर शरण की बात करने वाले लोगों का साथ उन नेताओं ने नहीं दिया जो उन्हें पीड़ित होने का प्रमाण पत्र भारत में बना कर दे रहे थे। ऐसी ही आपबीती अमेरिका से निकाल बाहर किए जाने वाले ने सोशल मीडिया लिखी है और लोगों को फर्जी तरीके से अमेरिका जाने पर चेताया है।
खालिस्तान पर लगातार बोलते रहने वाले पुनीत सहनी ने यह पोस्ट साझा की है। इस सिख ने लिखा, “भाइयों, मुझे निर्वासित किए जाने के आदेश जारी हो चुके हैं। कल मेरी कोर्ट में सुनवाई थी। जज ने मुझे बताया कि आपको अगली दो फ्लाइट में वापस भेज दिया जाएगा। यह मेरी आखिरी पोस्ट है, मैं यह अकाउंट बंद करने वाला हूँ ताकि मुझे भारत में कोई परेशानी न हो।”
Was passed this message of a Punjabi guy who was just deported from 🇺🇸. Below I’ve translated it near word to word. This Khalistani SOB SimranjitMann is the most nihilistic shameless & dishonorable person. He has misled & brought suffering to so many Sikh youth & ordinary Pbis.… https://t.co/ywpP5jpRef pic.twitter.com/i4TbSixcFX
— Puneet Sahani (@puneet_sahani) February 6, 2025
इसके बाद उसने खालिस्तान को लेकर बात बताई। उसने लिखा, “जज ने पूछा, आपको भारत में क्या खतरा है? हमने बताया कि हम खालिस्तान का समर्थन करते हैं और भारत हम पर अत्याचार करता है। लेकिन जज ने कहा, आपके खालिस्तानी नेता ही वहाँ चुनाव जीत रहे हैं और सांसद बन रहे हैं – उन्होंने सिमरनजीत मान और भाई अमृतपाल का जिक्र किया।”
उसने अपनी पोस्ट में बताया कि अमेरिकी सरकार ने MP सिमरनजीत सिंह को फोन भी किया। सिमरनजीत सिंह ने ही उसे यह लिख कर दिया था कि अमेरिका में शरण माँगने वाले युवक भारत में खालिस्तान का समर्थन करने के लिए प्रताड़ित किए जाते हैं। सिमरनजीत सिंह जज के फोन पर पूरी तरह मुकर गए और कहा कि उनके लोगों को भारत में कोई भी खतरा नहीं है।
अमेरिका से वापस भेजे जाने वाले ने बताया, “मुझे मेरे वकील ने कहा था कि मैं खालिस्तान के बारे में बोलूँ। जबकि मेरा खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं था। मुझसे जज ने कहा, आपका मामला फर्जी है। आपने अदालत को गलत जानकारी दी। अपने वकील के कहने पर, तुम खालिस्तान के प्रदर्शनों में फोटो खिंचवाने चले गए थे जबकि भारत में अब कोई ऐसा आंदोलन नहीं है।”
अमेरिका ने निकाले जाने वाले शख्स ने अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की सोचने वालों को चेताया, “भाइयों, अब अदालतें और जज बहुत सख्त हो गए हैं और साथ ही जिन्होंने तुम्हें ये शरण वाले लेटर बेचे थे,वो भी अब तुम्हारी नहीं सुन रहे हैं। ये खरीदा हुआ पत्र अब काम का नहीं है।”
गौरतलब है कि बड़ी संख्या में विदेश जाने की चाह रखने वाले सिख युवा कई बड़े नेताओं या फिर ऐसी ही किसी मान्य संस्था से खुद के उत्पीड़न का एक झूठा प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं। अधिकांश मौकों पर इस पत्र में उस व्यक्ति के कथित तौर पर खालिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण पीड़ित होना बताया जाता है।
यह लोग फिर अधिकांश मौकों पर यूरोप, अमेरिका या फिर कनाडा आदि में इस पत्र के आधार पर शरण माँगते हैं। यह इन देशों में अवैध रूप से घुसते हैं। सांसद रहे खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान खुद स्वीकार चुके हैं कि वह पैसा लेकर ऐसे पत्र जारी करते थे।”