Monday, October 7, 2024
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‘कुत्तों का वक्त’ वाले सलमान अजहरी को बेल, पर राहत नहीं: अब कच्छ हेट स्पीच में हो सकती है गिरफ्तारी, आतंकी लिंक के भी दावे

सलमान अजहरी की 1 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद उसको जूनागढ़ कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ कोर्ट ने उसे जमानत दे दी। पर, चूँकि उसके खिलाफ एक एफआईआर कच्छ में भी दर्ज है इसलिए उसे रिहा करने की बजाय कच्छ पुलिस को सौंपा जा सकता है।

जूनागढ़ में भड़काऊ भाषण देने वाले मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात की जूनागढ़ कोर्ट ने जमानत दे दी। हालाँकि, इससे उसे राहत नहीं मिली क्योंकि कच्छ के समखियाली में भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है जिसके कारण कच्छ पुलिस उसे पकड़ने की तैयारी कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, सलमान अजहरी की 1 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद उसको जूनागढ़ कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ कोर्ट ने उसे जमानत दे दी। पर, चूँकि उसके खिलाफ एक एफआईआर कच्छ में भी दर्ज है इसलिए उसे रिहा करने की बजाय कच्छ पुलिस को सौंपा जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कच्छ पुलिस ट्रांसफर वारंट मिलने के बाद पाने के बाद अजहरी को हिरासत में लेगी। तब तक जूनागढ़ के बाद अजहरी को राजकोट जेल में रखा जाएगा।

गौरतलब हो कि मुफ्ती अज़हरी ने जिस दिन जूनागढ़ में अपना भाषण दिया था, उसी दिन उसने कच्छ के समखियाली में भी एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस कार्यक्रम में भी उसने भड़काऊ शब्द कहे थे। इसके बाद पुलिस ने मुफ्ती और कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। फिर बुधवार (फरवरी 7, 2024) को आयोजक ममद खान मुर को गिरफ्तार कर लिया गया।

बताया जा रहा है कि आयोजक की गिरफ्तारी के बाद कच्छ पुलिस की एक टीम जूनागढ़ आएगी और मुफ्ती अज़हरी को हिरासत में लेगी। इसके बाद उसे समखियाली में दर्ज अपराध के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा और रिमांड की माँग की जाएगी। जहाँ मुफ्ती को जमानत के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।

मुस्लिम संगठन के अध्यक्ष ने की अजहरी की गिरफ्तारी का स्वागत

सलमान अजहरी की गिरफ्तारी को लेकर सूफी ख्वानखाह एसोसिएशन के अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन का भी बयान आया। उन्होंने इस कार्रवाई की तारीफ करते हुए बताया कि अजहरी सांप्रदायिक तनाव भड़काने और मुस्लिम युवाओं के बीच मजहबी नफरत को बढ़ावा देने में शामिल था। उन्होंने सलमान अजहरी पर आरोप लगाया कि वो तबलीगी जमात के पैटर्न को फॉलो करके हिंदू-मुस्लिम करता है। इसके अलावा वो ‘गजवा-ए-हिंद’ प्रोजेक्ट की गतिविधियों में भी संलिप्त है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अजहरी ने अपनी तालीम मिस्र में ली है और हमास जैसा तंत्र भारत में लाना चाहता है। उन्होंने ये भी बताया कि अजहरी के विरुद्ध तो हुबली और धारवाड़ में दंगे करवाने के मामले में भी केस दर्ज है। उन्होंने गुजरात पुलिस की कार्रवाई को सराहते हुए बताया कि मजहब के नाम पर घृणा फैलाने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाने चाहिए।

उन्होंने गुजरात के सीएम, गृहमंत्री और डीजीपी को अपील को पत्र भी लिखा है। उन्होंने ये भी अपील की है कि अजहरी का पाकिस्तान कनेक्शन पर जाँच की जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जो लोग भारत में रहकर पाकिस्तानी आतंकियों को समर्थन देते हैं उनपर नजर रखनी चाहिए।

बता दें कि जहाँ सूफी ख्वानखाह के अध्यक्ष ने अजहरी के खिलाफ ऐसा दावा किया है वहीं इंडिया टीवी की रिपोर्ट कह रही है कि गुजरात एटीएस हेट स्पील मामले में पकड़े गए मुफ्ती के खिलाफ आतंकी एंगल से जाँच कर सकती है।

सलमान अजहरी की गिरफ्तारी

मालूम हो कि 31 जनवरी 2024 को जूनागढ़ में मुस्लिम समुदाय के एक कार्यक्रम में मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसका वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की और अज़हरी और 2 आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। आयोजकों ने कार्यक्रम को नशामुक्ति का कार्यक्रम बताते हुए अनुमति माँगी थी।

हालाँकि भाषण में अजहरी ने “अभी तो कर्बला का मैदान बाकी है” और “आज कुत्तों का वक़्त है, कल हमारा दौर आएगा” जैसी बातें कहते दिखे। ऑपइंडिया ने इस भाषण पर एक विस्तृत रिपोर्ट की थी। बताया था कि एक 53 मिनट की स्पीच में अजहरी ने कितना जहर उगला।

हमारी रिपोर्ट के बाद गुजरात एटीएस ने इस पर एक्शन लिया। उन्होंने पहले आयोजकों को अरेस्ट किया उसके बाद सलमान अजहरी को लेने मुंबई गए, जहाँ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने थाने का घेराव भी किया। हालाँकि पुलिस ने सूझ-बूझ से अजहरी से उन्हें समझाने को कहा और बवाल शांत होने के बाद वह अजहरी को हिरासत में लेकर जूनागढ़ लाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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