नैनीताल शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। 12 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप शहर के मशहूर और करोड़पति ठेकेदार उस्मान पर लगा है। 72 साल के उस्मान की रईसी और रसूख की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। वह कई लग्जरी कारों का मालिक है, उसके बच्चे अच्छी-अच्छी सरकारी नौकरियों में सेट हैं, और वह खुद करोड़ों के ठेके लेता है।
पुलिस के मुताबिक, 12 अप्रैल 2025 की शाम को बच्ची बाजार में थी। उस्मान ने उसे 200 रुपये का लालच देकर अपने घर बुलाया। वहाँ उसने अपने गैराज में खड़ी एक कार में बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची ने जब विरोध किया, तो उस्मान ने चाकू दिखाकर उसे डराया और मुँह पर कपड़ा बाँध दिया। उसने धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया, तो पूरे परिवार को जान से मार देगा। डर की वजह से बच्ची कई दिन चुप रही और गुमसुम रहने लगी।
बच्ची की बड़ी बहन को उसकी चुप्पी खटकी। उसने पहले नानी को बुलाया, फिर माँ को फोन किया। माँ ने प्यार से पूछा तो बच्ची ने सारी बात उगल दी। 30 अप्रैल 2025 की रात मल्लीताल कोतवाली में उस्मान के खिलाफ केस दर्ज हुआ। पुलिस ने उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली प्रभारी हेमचंद्र पंत ने बताया कि उस्मान के गैराज में कई गाड़ियाँ हैं। इनमें से किसी एक में दुष्कर्म हुआ होगा, इसलिए सभी गाड़ियों को फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा जा रहा है।
आरोपित उस्मान की जिंदगी किसी राजा से कम नहीं थी। चार दशक पहले वह एक मामूली राजमिस्त्री था। मेहनत और चालाकी से उसने छोटे-मोटे ठेके लेने शुरू किए। फिर लोक निर्माण विभाग में सी क्लास ठेकेदार बना। आज वह नगर पालिका और कई सरकारी विभागों में बड़े-बड़े ठेके लेता है। हाल ही में उसे ढाई करोड़ का एक मोटा ठेका मिला था। उसकी दो शादियाँ हुई हैं। तीन बच्चों में से एक सरकारी डॉक्टर है, दूसरा लोक निर्माण विभाग में अभियंता। तीसरा बच्चा भी अच्छी जिंदगी जी रहा है। कई लग्जरी कारों और आलीशान घर का मालिक उस्मान अब जेल की सलाखों के पीछे है।
नैनीताल कांड की पीड़ित से डॉक्टरों की बेरुखी, 10 दिन घुटनों पर रेंगी
नैनीताल में 12 साल की मासूम की चीखें गूँज रही हैं। डॉक्टरों की बेरुखी ने उसे तड़पने को छोड़ दिया। 72 साल के ठेकेदार उस्मान ने बच्ची को 200 रुपये का लालच देकर अपने घर बुलाया और दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत की। डर और दर्द से टूटी बच्ची 10 दिन तक घुटनों के बल रेंगती रही। उसका नन्हा शरीर असहनीय पीड़ा से कराहता रहा, मगर वह ठीक से बैठ भी नहीं पाई।
उस्मान की धमकी ने उसे चुप करा दिया था। बड़ी बहन ने उसकी हालत देख माँ को संभल से बुलाया। 23 अप्रैल को माँ आई, मगर बच्ची दो दिन तक कुछ न बोली। 25 अप्रैल को माँ उसे हल्द्वानी के महिला अस्पताल ले गई। वहाँ डॉक्टरों ने ओपीडी पर्चा तो बनाया, मगर इलाज से पहले पुलिस में शिकायत की शर्त रख दी।
बेबस माँ अपनी तड़पती बेटी को बिना इलाज घर लौट आई। मोहल्ले में अनहोनी की बातें होने लगीं। एक महिला की सलाह पर माँ समाजसेवी के पास पहुँची। बच्ची ने माँ से लिपटकर सारी दास्ताँ रो-रोकर सुनाई। 30 अप्रैल को मल्लीताल कोतवाली में केस दर्ज हुआ। डीएम वंदना ने बच्ची को हर मदद का भरोसा दिया है। डॉक्टरों की लापरवाही की जाँच होगी।
हाई कोर्ट ने लगा दी घर गिराने पर रोक
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लिया और सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। प्रशासन ने उस्मान के घर पर अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा किया, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। शहर के लोग उस्मान को सख्त सजा देने की माँग कर रहे हैं। इस मामले ने नैनीताल की शांति को तोड़ दिया है। अब सबकी नजरें जाँच और इंसाफ पर टिकी हैं।
इस घटना ने नैनीताल में तनाव पैदा कर दिया। गुस्साए लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया, दुकानों में तोड़फोड़ की और मस्जिद पर पथराव हुआ। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। भारी पुलिस बल तैनात है। डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हालात काबू में हैं और चार धाम यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है।