छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में संपत्ति विवाद के चलते एक पत्रकार के परिवार के तीन सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में पत्रकार संतोष कुमार टोपो के माता-पिता और भाई शामिल हैं। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये वारदात शुक्रवार (10 जनवरी 2024) को दोपहर करीब 1 बजे खड़गवाँ थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर गाँव में हुई। आज तक न्यूज चैनल के पत्रकार संतोष कुमार टोपो के माता-पिता माघे टोपो (57) और बसंती टोपो (55), तथा भाई नरेश टोपो (30) खेत में काम करने पहुँचे थे। तभी संपत्ति विवाद को लेकर परिवार के दूसरे पक्ष के छह से सात लोग वहाँ पहुँचे।
दोनों पक्षों में बहस होने लगी, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने माघे टोपो और उनके परिवार पर कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला कर दिया। सिर में गंभीर चोट लगने से बसंती और नरेश की मौके पर ही मौत हो गई। माघे टोपो को गंभीर हालत में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दौरान संतोष के दूसरे भाई उमेश टोपो ने भागकर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को घटना की सूचना दी।
पुलिस की शुरुआती जाँच में पता चला है कि विवादित पुश्तैनी जमीन पत्रकार के परिवार और उनके रिश्तेदारों के बीच लंबे समय से तनाव का कारण बनी हुई थी। जिस खेत पर पीड़ित परिवार काम कर रहा था, उस पर पहले हमलावर परिवार का कब्जा था, लेकिन कोर्ट केस में मिली जीत के बाद माघे टोपे और उनके परिवार को कब्जा मिला था और वो खेती करने पहुँचे थे। ऐसे में जब शुक्रवार (10 जनवरी 2025) को पत्रकार संतोष के परिवार ने खेत पर खेती शुरू की, तो यह विवाद हिंसक झगड़े में बदल गया।
घटना के बाद जगन्नाथपुर गाँव में डर और गम का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों पक्षों में पहले भी संपत्ति विवाद के चलते झगड़े हुए थे, लेकिन इसका अंजाम इतना भयावह होगा, किसी ने सोचा नहीं था।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी मौके पर पहुँचे। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वारदात के बाद से आरोपित लोग फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में कई जगह दबिश दी है और जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी। उस हत्याकांड में कॉन्ग्रेस नेता और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया था। मुकेश चंद्राकर को मार कर सेप्टिंक टैंक में चुनवा दिया गया था।