Tuesday, April 23, 2024
Homeदेश-समाजबच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते, वे कैसी संस्कृति सीखेंगे: अधनंगे बदन पर...

बच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते, वे कैसी संस्कृति सीखेंगे: अधनंगे बदन पर पेंटिंग करवाने वाली रेहाना फातिमा से SC

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, "इस तरह के मामले में कोई दिलचस्पी नहीं है। आप इसके लिए बच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? बच्चे किस तरह की संस्कृति सीखेंगे?"

केरल की रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। मामला अर्ध नग्न शरीर पर अपने बच्चों से पेटिंग करवाते हुए एक वीडियो जारी करने से जुड़ा है।

इस संबंध में मामला दर्ज होने के बाद रेहाना ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहॉं अग्रिम जमानत नहीं मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट पहुॅंची थी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया में यह अश्लीलता फैलाने का मामला है। इससे नाबालिग बच्चों पर देश की संस्कृति को लेकर क्या प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने पूछा कि क्या वह सामाजिक कार्यकर्ता होते हुए कोई भी तर्कहीन हरकत करेंगी। इससे बच्चों पर क्या असर पड़ेगा?

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली एक शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा, “आप यह सब क्यों करती हैं? आप एक कार्यकर्ता हो सकती हैं लेकिन यह किस प्रकार की बकवास है? यह अश्लीलता फैला रही है क्या आप? यह समाज में एक बहुत बुरा असर छोड़ देगा।”

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “इस तरह के मामले में कोई दिलचस्पी नहीं है। आप इसके लिए बच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? बच्चे किस तरह की संस्कृति सीखेंगे?”

जवाब में रेहाना के वकील ने कहा कि वीडियो कामुकता को लेकर संकीर्ण विचारों पर जागरूकता फैलाने के इरादे से बनाया गया था। उन्होंने कहा, “उनका स्टैंड हमेशा से रहा है अगर कोई पुरुष आधा नग्न खड़ा है, तो उसके बारे में कुछ भी सेक्सुअल नहीं है, लेकिन अगर कोई महिला ऐसा करती है, तो यह अश्लील है। वह कहती हैं कि इसमें सुधार लाने का एकमात्र तरीका लोगों को इस बारे में संवेदनशील बनाना है।” इसके जवाब में न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “वे इन बातों को समझने के लिए काफी उम्रदराज हैं।”

क्या है मामला?

रेहाना फातिमा ने 19 जून 2020 को ही यूट्यूब वीडियो फेसबुक पर शेयर किया था। इसमें उनके बेटे और बेटी को उनकी सेमी न्यूड बॉडी पर पेंटिंग करते देखा जा सकता है। इस वीडियो के साथ उन्होंने हैशटैग #BodyArtPolitics पोस्ट किया था।

रेहाना के मुताबिक, यह वीडियो उन्होंने इसलिए बनाया था, ताकि महिलाएंँ सेक्स और अपने शरीर को लेकर ज्यादा खुल सकें, वो भी ऐसे समाज में जहाँ यह दोनों चीजें प्रतिबंधित हैं।

हालाँकि, एक भाजपा नेता की शिकायत के बाद फातिमा को पॉक्सो एक्ट की धारा 13, 14, 15, आईटी एक्ट की धारा 67 (B) और धारा 75 के तहत एर्नाकुलम पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

गौरतलब है कि रेहाना फातिमा अक्सर विवादों में रहती हैं। इससे पहले भी बहुत बार हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोप में उनपर मामला दर्ज हो चुका है। वहीं, केरल मुस्लिम जमात काउंसिल ने भी ‘लाखों हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाएँ आहत करने’ को लेकर फातिमा को मुस्लिम समुदाय से निष्कासित कर दिया था।

फातिमा ने 2018 में तरबूजों के साथ टॉपलेस फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। ये फोटो फातिमा द्वारा तब शेयर की गई थी जब कोझिकोड के एक प्रोफेसर ने महिलाओं के वक्ष की तुलना तरबूज से की थी। उस समय फातिमा की हरकत पर फेसबुक पर बहुत बवाल हुआ था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘नरेंद्र मोदी ने गुजरात CM रहते मुस्लिमों को OBC सूची में जोड़ा’: आधा-अधूरा वीडियो शेयर कर झूठ फैला रहे कॉन्ग्रेसी हैंडल्स, सच सहन नहीं...

कॉन्ग्रेस के शासनकाल में ही कलाल मुस्लिमों को OBC का दर्जा दे दिया गया था, लेकिन इसी जाति के हिन्दुओं को इस सूची में स्थान पाने के लिए नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने तक का इंतज़ार करना पड़ा।

‘खुद को भगवान राम से भी बड़ा समझती है कॉन्ग्रेस, उसके राज में बढ़ी माओवादी हिंसा’: छत्तीसगढ़ के महासमुंद और जांजगीर-चांपा में बोले PM...

PM नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस खुद को भगवान राम से भी बड़ा मानती है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा सरकार है, तब तक आपके हक का पैसा सीधे आपके खाते में पहुँचता रहेगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe