Friday, September 20, 2024
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किसी ने नहीं लिया नाम फिर भी मोहनलाल को टारगेट कर रही पत्रकार धन्या राजेंद्रन, ड्रग्स पार्टियों पर चुप्पी: क्या मलयालम इंडस्ट्री के ‘गुनहगारों’ को बचा रहा है ‘The News Minute’

गायिका सुचित्रा ने मलयालम अभिनेत्री रीमा कल्लिंगल पर ड्रग्स पार्टियाँ आयोजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों में ऐसी चीजें इस्तेमाल की गईं, जो एडल्ट पार्टियों में भी इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए।

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री एक कठिन दौर से गुजर रही है। पिछले कई दशकों से मोहनलाल, ममूटी, जयराम और सुरेश गोपी जैसे अभिनेता केरल सिनेमा की रीढ़ हैं। पृथ्वीराज सुकुमारन, फहाद फासिल और दिलकीर सलमान के रूप में युवा अभिनेताओं की एक खेप आई है जो खासी प्रतिभावान है। इन सबके बीच अचानक से इंडस्ट्री में यौन शोषण के मामले खुलने लगे। ये सब जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के बाद शुरू हुआ। पिछले 5 वर्षों से ये रिपोर्ट ठण्डे बस्ते में धूल फाँक रही थी।

WCC और हेमा कमिटी रिपोर्ट

मलयालम फिल्मों में महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज़ उठाने का दावा करने वाला एक संगठन है – ‘Women in Cinema Collective’ (WCC) नाम की, जिसे नवंबर 2017 में एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। इसका गठन उसी साल मई में हुआ था, जिसमें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियाँ, महिला निर्देशक और टेक्नीशियन शामिल थीं। मनु वॉरियर, पार्वती, भावना, अंजलि मेनन, गीतू मोहनदास, विधु विन्सेंट, रीमा कल्लिंगल रेम्या नम्बीशन, दीदी दामोदरन और सुरभि लक्ष्मी जैसी महिलाएँ इसमें शामिल थीं।

इन महिलाओं ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात कर अपनी माँगें सौंपी थीं। इनका कहना था ये ये संस्था मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए बनाई गई है। 2017 में केरल में एक मामला सामने आया। कार्तिका मेनन उर्फ़ भावना नामक अभिनेत्री का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया और चलती कार में उनका यौन शोषण हुआ। इसमें अभिनेता दिलीप का नाम आया। भावना को फिल्म इंडस्ट्री छोड़नी पड़ी थी।

इसके बाद WCC की पहल पर केरल उच्च न्यायालय की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जस्टिस हेमा कमिटी बनी, जिसने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी। अब तक इस पर कुछ नहीं हुआ था, अब इसे सार्वजनिक किया गया है। इसके बाद एक-एक कर के ऐसी कई घटनाओं की तह खुली और पीड़िताओं ने भी सार्वजनिक रूप से आवाज़ उठाई। एक तरह से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ठहर सी गई। अभी भी रोज कुछ न कुछ आरोप सामने आते ही जा रहे हैं।

एक के बाद एक आरोप, AMMA अध्यक्ष मोहनलाल का इस्तीफा

अभिनेत्री मीनू मुनीर ने अभिनेता जयसूर्या, मुकेश और एडवेला बाबू पर आरोप लगाए। अभिनेत्री शर्मिला ने फिल्म निर्देशक हरिहरन पर आरोप लगाया। एक युवा अभिनेता ने निर्देशक रंजीत पर आरोप लगाया। एक अभिनेत्री ने अभिनेता सिद्दीकी पर आरोप लगाया। CPI(M) विधायक M मुकेश का भी FIR में नाम है। मणियनपिल्लई राजू, निर्देशक VK प्रकाश और प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव विचू व नोबेल अन्य लोग हैं जिनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। इन सबके बीच एक और खबर आई।

वरिष्ठ अभिनेता मोहनलाल ने ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम फिल्म आर्टिस्ट्स’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। मोहनलाल ने सोशल मीडिया में चल रही बातों का जवाब देते हुए कहा कि वो नहीं भागे नहीं थे बल्कि काफी दिनों से केरल से बाहर से और अपनी आने वाली फिल्म Barroz 3D में व्यस्त थे। उन्होंने हेमा कमिटी रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा कि AMMA कोई ट्रेड यूनियन नहीं है बल्कि 500 लोगों का एक परिवार है। मोहनलाल ने कहा कि इंडस्ट्री में जो हो रहा है उसके लिए सभी लोग जवाबदेह हैं।

मोहनलाल ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को यहाँ तक पहुँचाया है, ऐसे में उन्होंने कहा कि इस एक मुद्दे को विषय बना कर फिल्म इंडस्ट्री को तबाह नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पुलिस और अदालत आरोपितों की धर-पकड़ के लिए हैं। इसे केरल से एक बड़े अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिए, अन्य भाषाओं के फ़िल्मी लोग मुझे फोन करते हैं तो मैं कहता हूँ कि वो भी ऐसी कमिटी बनाएँ। ये मलयालम फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है, दक्षिण भारतीय फ़िल्में दुनिया भर में अच्छा कर रही हैं। कानून अपना काम करे, इंडस्ट्री को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।”

मोहनलाल को बदनाम करने के लिए पीछे पड़ा ‘The News Minute’?

मोहनलाल कोई साधारण अभिनेता नहीं हैं। पिछले 44 वर्षों से वो फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। 1986 आते-आते उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में स्टार का तमगा हासिल कर लिया था। 90 के दशक में उन्होंने ममूटी के साथ खुद को मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार के रूप में स्थापित किया। उनके फैंस उन्हें प्यार से ‘Lalettan’ कहते हैं। 2016 में एक ऐसा समय आया जब उनकी फिल्मों ने मिल कर 378 करोड़ रुपए का कारोबार किया, उनसे आगे सिर्फ बॉलीवुड के आमिर खान, सलमान खान और अक्षय कुमार ही थे।

अब आते हैं दक्षिण भारत के एक मीडिया पोर्टल ‘The News Minute’ पर। ‘द न्यूज मिनट’ को धन्या राजेंद्रन नामक पत्रकार चलाती हैं। ये वही धन्या राजेंद्रन हैं जिन्होंने भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड्स में मिले पैसे को लेकर निशाना साधा था, वहीं DMK को मिले पैसों का बचाव किया था। जब मुस्लिम महिलाएँ वॉशरूम में हिन्दू महिलाओं के वीडियो शूट कर रही थीं तो इसे उन्होंने प्रैंक बताया था। उनका मीडिया संस्थान अक्सर भाजपा के खिलाफ लिखने के लिए जाना जाता रहा है।

आपने मोहनलाल के बारे में जाना, धन्या राजेंद्रन के बारे में जाना। अब असली बात पर आते हैं। असल में केरल की फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण की घटनाओं पर ‘The News Minute’ ने खबर छापी। इस खबर में मोहनलाल की तस्वीर लगा दी गई। न तो मोहनलाल पर यौन शोषण का कोई आरोप लगा है, किसी महिला अभिनेत्री ने उन्हें लेकर अपना खराब अनुभव साझा किया है और न ही उन्होंने किसी आरोपित का बचाव किया है – फिर भी उनकी तस्वीर के साथ यौन शोषण से जुड़ी खबर को प्रकाशित करने का तुक लोगों को समझ नहीं आया।

धन्या राजेंद्रन ने अपने मीडिया संस्थान का एक लिंक शेयर किया। इसमें फीचर इमेज मोहनलाल की लगी थी। शेयरिंग टेक्स्ट में उन्होंने लिखा कि अभिनेत्री राधिका शरतकुमार ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में पुरुषों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। खबर में तस्वीर मोहनलाल की लगी है लेकिन जब आप लिंक खोल कर देखेंगे तो पूरे पेज पर एक बार भी Mohanlal शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसे Character Assassination बताया जा रहा है, जो सही भी लग रहा है।

जिसे मान रहे भाजपा-RSS का करीबी उन सभी को बनाया जा रहा निशाना?

मोहनलाल के फैंस को ये बुरा लगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अभिनेता को बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया। वैसे समय-समय पर मोहनलाल भाजपा के साथ नजदीकियों के कारण भी चर्चा में रहे हैं, शायद इसीलिए भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा हो। सितंबर 2018 में मोहनलाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर अपने ‘विश्वशांति फाउंडेशन’ द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की जानकारी दी थी। जन्माष्टमी के दिन ये मुलाकात हुई थी। कई बार चर्चा चलती है कि RSS मोहनलाल को भाजपा के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करने का इच्छुक है।

मलयालम सिनेमा के एक अन्य दिग्गज अभिनेता सुरेश गोपी ने केरल के त्रिशूर से जीत दर्ज की है। ये पहली बार हुआ है जब भाजपा ने केरल में खाता खोला हो। केरल वामपंथ का गढ़ है जहाँ कई RSS-BJP कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। सबरीमाला मंदिर की परंपराओं को बचाने के लिए हुए आंदोलन में शामिल लोगों पर थोक में केस दर्ज हुए। वहाँ मुस्लिमों और ईसाइयों का प्रभाव बढ़ता ही चला जा रहा है। इन सबके बीच मलयालम फिल्म के एक बड़े स्टार्ट का भाजपा से जीत का अर्थ है कि और भी फ़िल्मी हस्तियाँ पार्टी के साथ आ सकती हैं।

दक्षिण भारत में फिल्मों का क्रेज है। तमिलनाडु में मुख्यमंत्री रहे MGR अभिनेता थे, करूणानिधि कहानी लेखक थे और जयललिता अभिनेत्री थीं। आंध्र प्रदेश में अभिनेता NTR मुख्यमंत्री बने, अभी पवन कल्याण डिप्टी CM हैं। केरल में पिछले कई दशकों से कॉन्ग्रेस और CPM गठबंधन की ही जीत होती रही है। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि मोहनलाल को बदनाम करने के पीछे ये मंशा भी हो सकती है कि उन्हें भाजपा का करीबी बताए जाने की चर्चाएँ बंद हों, बाकी अभिनेता भी डरें।

कुछ फैंस का कहना है कि सिनेमा के कोच्चि और तिरुवनंतपुरम समूह के बीच टकराव चल रहा है, इसीलिए इस मुद्दे से कोई वास्ता न होने के बावजूद मोहनलाल और सुरेश गोपी निशाना बनाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि मलयालम सिनेमा में जितना तिरुवनंतपुरम समूह का दबदबा कम होगा और कोच्चि समूह का बढ़ेगा, फिल्म इंडस्ट्री और भी Woke हो जाएगी। बड़ी बात ये है कि हेमा कमिटी रिपोर्ट में ड्रग्स और पार्टियों के जरिए फिल्म इंडस्ट्री में एक समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने की बातें हैं, उस पर कई मीडिया संस्थान चुप्पी साधे हुए हैं।

ड्रग्स माफिया पर चुप क्यों हैं धन्या राजेंद्रन और उनका ‘The News Minute’

आपको ‘The News Minute’ पर ऐसी खबरें नहीं मिलेंगी। क्या जानबूझकर मोहनलाल को इस पूरे मामले में उनका नाम न आने के बावजूद फँसाया जा रहा है और ड्रग्स कार्टेल वाले बड़े लोगों को बचाया जा रहा है? हेमा कमिटी की रिपोर्ट में इंडस्ट्री में अंदर तक जम चुके ड्रग्स माफिया की भी बातें हैं, कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ अधिकतर अपराध नशे में किए गए हैं। कई युवा अभिनेता ड्रग्स के आदी हैं। यौन शोषण के मामलों की जाँच तो हो रही है, ड्रग्स वाली बात पर अब तक सरकार भी चुप है।

ख़ुफ़िया विभाग ने भी बताया है कि कई हालिया मलयालम फिल्मों की शूटिंग के दौरान सेट पर ही ड्रग्स चलते हैं और शूटिंग खत्म होने के बाद होने वाली पार्टियों में खुलेआम ड्रग्स का इस्तेमाल होता है। स्थानीय मीडिया की खबरों की मानें तो पुलिस और एक्साइज विभाग के पास इसकी सूचनाएँ हैं फिर भी कार्रवाई नहीं होती। ड्रग्स का इस्तेमाल पिछले एक दशक से इस तरह से हो रहा है। मिमिक्री आर्टिस्ट व अभिनेता tini टॉम ने कहा था कि उन्होंने एक फिल्म में एक अभिनेता के बेटे के रोल के लिए अपने बेटे के पास आए ऑफर को ठुकरा दिया, क्योंकि सेट पर ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है।

अब देखिए, गायिका सुचित्रा ने मलयालम अभिनेत्री रीमा कल्लिंगल पर ड्रग्स पार्टियाँ आयोजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों में ऐसी चीजें इस्तेमाल की गईं, जो एडल्ट पार्टियों में भी इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इन पार्टियों में मादक पदार्थों के इस्तेमाल में पुरुष और महिलाएँ दोनों शामिल थे। निर्माता-निर्देशक आशिक बाबू पर भी ऐसे ही आरोप लगे। और जानने वाली बात ये भी है कि रीमा WCC की भी सदस्य हैं, जो संगठन यौन शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने का दावा कर रहा है।

‘The News Minute’ में इससे जुड़ी खबर आपको नहीं मिलेगी। कारण – धन्या और रीमा मित्र हैं। एक वैश्विक टूर के दौरान इन दोनों की एक तस्वीर भी आप नीचे देख सकते हैं। यानी, केरल फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा ये मुदा उनके लिए व्यक्तिगत है, व्यक्तिगत हित से जुड़ा प्रतीत होता है। मित्र-मंडली के खिलाफ लगे आरोपों को छिपाया जा रहा है और जिसका इन सब में कोई किरदार नहीं उसकी तस्वीर लगा कर कहबर बेचीं जा रही है ताकि इनका सब्सक्रिप्शन मॉडल सफल हो।

विदेश में साथ में हैंगआउट करती हुईं धन्या, रीमा और पार्वती

उन्होंने हेमा कमिटी रिपोर्ट मुद्दे पर अपने एक शो में रीमा से बातचीत भी की। धन्या राजेंद्रन और उनका मीडिया संस्थान ‘The News Minute’ इस पर चुप क्यों हैं? क्या मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर हिन्दू विरोधी समूह के आधिपत्य के लिए ऐसा खेल किया जा रहा है? धन्या राजेंद्रन और जैसे धूर्त जब मोहनलाल की तस्वीर का बिना अर्थ इस्तेमाल करें, तो इसका अर्थ सिर्फ क्लिकबेट नहीं हो सकता। इसके पीछे कुछ न कुछ बड़ी मंशा है। ड्रग कार्टेल के खिलाफ चुप्पी, भाजपा के करीबियों को धमकी – यही है उद्देश्य।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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