Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिशिवसेना को मत दो सम​र्थन: कमलेश तिवारी के हत्यारों के मददगार मुस्लिम संगठन ने...

शिवसेना को मत दो सम​र्थन: कमलेश तिवारी के हत्यारों के मददगार मुस्लिम संगठन ने सोनिया गॉंधी को लिखा खत

यह पत्र ऐसे वक्त में लिखा गया है जब महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की शिवसेना की उम्मीदें धूमिल हुई है। कहा जा रहा है कि शिवसेना का समर्थन करने को लेकर सोनिया गॉंधी असमंजस में हैं।

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी सियासी उठापठक के बीच एक पत्र सामने आया है। यह पत्र कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखा गया है। पत्र जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख अरशद मदनी ने लिखा है। जमीयत वही मुस्लिम संगठन है जिसने हिंदुवादी नेता कमलेश तिवारी के हत्यारों को मदद की पेशकश की थी।

पत्र में सोनिया से शिवसेना को समर्थन नहीं देने की अपील की गई है। मदनी ने कहा है कि शिवसेना को समर्थन देना कॉन्ग्रेस के लिए घातक साबित होगा। मदनी ने पत्र में लिखा, “मैं आपका ध्यान महाराष्ट्र के राजनीति की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप शिवसेना का समर्थन करने की सोच रही हैं। यह कॉन्ग्रेस के लिए बहुत ही खतरनाक और घातक कदम साबित होगा। उम्मीद है कि आप मेरा निवेदन अच्छी भावना के साथ लेंगी।”

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोनिया गॉंधी को लिखा पत्र

बता दें कि यह वही इस्लामिक संस्था है, जिसने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े गला रेत कर, गोली मार कर हत्या करने वाले हत्यारों को कानूनी लड़ाई में साथ देने की घोषणा की थी। कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या का विरोध करने और हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात करने के बजाय जमीयत उलेमा-ए-हिंद हत्यारों के बचाव में सामने आया था। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को निर्मम हत्या कर दी गई थी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस मामले में गिरफ्तार पाँचों आरोपितों के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने में असमर्थता जताई तो जमीयत ने अपने खर्चे पर वकील और अन्य सहायता करने का भरोसा दिलाया था। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के इस कदम ने साबित कर दिया था कि वो इस तरह के कुकृत्य और नृशंस हत्या करने वालों के साथ है।

यह पत्र ऐसे वक्त में लिखा गया है जब महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की शिवसेना की उम्मीदें धूमिल हुई है। शुरुआत में ऐसी खबरें आई थी कि सरकार चलाने को लेकर तीनों दलों ने कॉमन मिनिमम एजेंडा तय कर लिया है और शिवसेना हिंदुत्व के अपने एजेंडे से पीछे हटने को तैयार है।

लेकिन, इसके बाद कहा जाने लगा कि शिवसेना का समर्थन करने को लेकर सोनिया गॉंधी असमंजस में हैं। इस संबंध में अंतिम फैसला सोमवार को दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और सोनिया के बीच हुई बैठक में होना था। लेकिन, बैठक के बाद पवार ने कहा कि सरकार गठन को लेकर कोई बात नहीं हुई। वैसे एनसीपी के बदलते स्टैंड का संकेत पवार ने दिल्ली पहुॅंचते ही दे दिया था। उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि शिवसेना ने विधानसभा चुनाव कॉन्ग्रेस एनसीपी के खिलाफ लड़ा था। ऐसे में उसके सरकार कैसे बनाई जा सकती है।

यह भी पढ़ें: फँस गई शिवसेना: सरकार बनाने पर सोनिया गाँधी से पवार ने नहीं की बात
यह भी पढ़ें: बिगड़ रही शिवसेना-कॉन्ग्रेस-NCP की बात?
यह भी पढ़ें: दिल्ली पहुँच पवार का यू टर्न: हमारे खिलाफ लड़ी शिवसेना, उसके साथ सरकार कैसे बना लें

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe