Tuesday, April 30, 2024
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मध्यम व छोटे शहरों में 1200 स्टार्टअप्स को सहायता देगी सरकार, 12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर सिक्योरिटी कोर्सेज: मोदी सरकार ने ‘डिजिटल इंडिया’ को दिया विस्तार

'भाषिणी' नाम का एक AI (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) से लैस बहुभाषी टूल फ़िलहाल 10 भाषाओं में उपलब्ध है, इसे अब आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं से लैस किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ‘डिजिटल इंडिया’ योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी गई। इसके लिए, 14,903 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। इस योजना के लिए सवा 6 लाख आईटी प्रोफेशनलों का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। इसके तहत ‘फ्यूचरस्किल प्राइम प्रोग्राम’ चला कर उनका कौशल विकास चलाया जाएगा। साथ ही ‘इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी एन्ड एजुकेशन अवेयरनेस फेज (ISEA)’ प्रोग्राम को लेकर भी 2.65 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

‘डिजिटल इंडिया’ के नए युग में अब UMANG प्लेटफॉर्म पर 540 नई सेवाएँ उपलब्ध रहेंगी। बता दें कि ये भारत सरकार की सभी सेवाओं के लिए सिंगल डेस्टिनेशन प्लेटफॉर्म है। ‘नेशनल सुपर कम्प्यूटर मिशन’ के तहत 9 नए सुपरकम्प्यूटर की व्यवस्था की जाएगी। ‘भाषिणी’ नाम का एक AI (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) से लैस बहुभाषी टूल फ़िलहाल 10 भाषाओं में उपलब्ध है, इसे अब आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं से लैस किया जाएगा। इसे तहत लोग इंटरनेट सेवाओं का लाभ अपनी भाषा में उठा सकते हैं।

साथ ही ‘नेशनल नॉलेज नेटवर्क (NKN)’ को भी आधुनिक बनाने का निर्णय लिया गया है, जो 1787 शैक्षणिक संस्थाओं को एक साथ जोड़ता है। ‘DigiLocker’ के तहत डिजिटल डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन की सेवाएँ अब MSME और अन्य क्षेत्रों में भी उपलब्ध रहेंगी। मध्यम और छोटे शहरों, अर्थात टायर-2 और टायर-3 के शहरों में 1200 स्टार्टअप्स को सहायता दी जाएगी। AI को लेकर 3 ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ भी स्थापित किए जाएँगे – स्वास्थ्य, कृषि और सस्टेनेबल शहरें।

इसके साथ ही 12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर-अवेयरनेस के कोर्सेज लाने का भी ऐलान किया गया है। साइबर सिक्योरिटी पर खास ध्यान दिया जाएगा, मसलन ‘नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर’ से 200 से भी अधिक टूल्स और इंस्टेग्रेशन्स विकसित किए जाएँगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट का ये निर्णय तकनीकी रूप से सशक्त भारत की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आईटी सेवाओं तक पहुँच भी आसान होगी और हमारा आईटी इकोसिस्टम भी मजबूत होगा।

बता दें कि केंद्र सरकार ने जुलाई 2015 में ‘डिजिटल इंडिया’ योजना लॉन्च की थी। इसके तहत आम नागरिकों तक ज़्यादा से ज़्यादा ऑनलाइन सेवाएँ पहुँचाने, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने और डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया। गाँवों को इंटरनेट से जोड़ा गया। डिजिटल लाइब्रेरी बनी। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कई कार्य किए गए। ‘PMGDisha’ के तहत ग्रामीणों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा गया। इससे भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी बढ़ी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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