कनाडा ने सात लैटिन अमेरिकी अपराधी संगठनों को आतंकवादी समूह घोषित किया है। ये कदम फेंटेनाइल नाम की खतरनाक ड्रग की तस्करी रोकने के लिए उठाया गया है। इनमें मेक्सिको के सिनालोआ कार्टेल, जालिस्को न्यू जेनरेशन कार्टेल और ला नुएवा फमिलिया मिचोआकाना जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डेविड मैकगुइंटी ने कहा कि इससे ड्रग्स को कनाडा और अमेरिका की सड़कों पर आने से रोका जा सकेगा। ये घोषणा अमेरिका के आठ लैटिन अमेरिकी अपराधी समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के एक दिन बाद हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा से आने वाली फेंटेनाइल और अवैध प्रवास की शिकायत की थी। उन्होंने कनाडा पर 25% टैरिफ की धमकी दी थी, जो अब 4 मार्च तक टाल दी गई है। हालाँकि, अमेरिकी डेटा के मुताबिक, उत्तरी सीमा पर सिर्फ 1% फेंटेनाइल पकड़ी जाती है। फिर भी, कनाडा ने मदद का भरोसा दिया है। बाकी आतंकवादी संगठनों में मेक्सिको के कार्टेल डेल गोल्फो, कार्टेलेस यूनिदोस, वेनेजुएला का ट्रेन डे अरागुआ और अल सल्वाडोर में सक्रिय एमएस-13 शामिल हैं।
इस कदम से इन संगठनों की संपत्ति जब्त होगी। बैंक और ब्रोकरेज उनके खाते फ्रीज करेंगे, और उनकी गतिविधियों में हिस्सा लेना अपराध माना जाएगा। कनाडा की पुलिस आरसीएमपी के मुताबिक, इन कार्टेल्स का जाल कनाडा तक फैला है। कुछ कनाडाई लोग मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी में शामिल हैं।
इस बीच, कनाडा ने फेंटेनाइल रोकने के लिए केविन ब्रॉसो को अपना ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी बनाया है। साथ ही सीमा सुरक्षा के लिए 1.3 अरब कनाडाई डॉलर (लगभग 910 मिलियन अमेरिकी डॉलर, भारतीय मुद्रा में 7939 करोड़ रुपये) खर्च करने का ऐलान किया है, जिसमें नए हेलिकॉप्टर, तकनीक और कर्मचारी शामिल हैं।