Monday, November 11, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकौन हैं 25 साल की डॉक्टर सवीरा प्रकाश, पाकिस्तान के चुनावों में एक हिंदू...

कौन हैं 25 साल की डॉक्टर सवीरा प्रकाश, पाकिस्तान के चुनावों में एक हिंदू महिला की इतनी चर्चा क्यों: जानिए सब कुछ

पाकिस्तान में साल 2024 में आम चुनाव होने हैं। इसके लिए एक हिंदू महिला ने नामांकन दाखिल किया है। इस हिंदू महिला का नाम डॉक्टर सवीरा प्रकाश है। इसके साथ ही डॉक्टर प्रकाश वहाँ की आम चुनावों में नामांकन दाखिल करने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला बन गई हैं।

पाकिस्तान में साल 2024 में आम चुनाव होने हैं। इसके लिए एक हिंदू महिला ने नामांकन दाखिल किया है। इस हिंदू महिला का नाम डॉक्टर सवीरा प्रकाश है। इसके साथ ही डॉक्टर प्रकाश वहाँ की आम चुनावों में नामांकन दाखिल करने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला बन गई हैं। वो खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले की रहने वाली हैं और MBBS की पढ़ाई की है।

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर प्रकाश ने इस मुस्लिम मुल्क में सामान्य सीट पर बिलावल भुट्टो जारदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) से नामांकन दाखिल किया है। कौमी वतन पार्टी से जुड़े एक स्थानीय राजनेता सलीम खान ने कहा कि सवीरा प्रकाश बुनेर सीट पर पहली बार कोई महिला चुनाव लड़ेगी।

वहीं, 25 साल की सवेरा प्रकाश ने डॉन को बताया कि उन्होंने 23 दिसंबर 2023 को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सवीरा बुनेर में पीपीपी की महिला विंग की महासचिव हैं। सवीरा के पिता भी डॉक्टर हैं। वे हाल ही में रिटायर हुए हैं। वे भी पिछले 35 सालों से PPP के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।

डॉक्टर सवीरा प्रकाश ने साल 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने नक्शे-कदम पर चलते हुए क्षेत्र के गरीबों के लिए काम करना चाहती हैं। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने, उनके लिए सुरक्षित जगह पक्की करने की इच्छा जाहिर की है।

सवीरा का कहना है कि पाकिस्तान में महिलाओं को दबाया गया है, उनकी उपेक्षा की गई है। विकास के क्षेत्र में उनकी अनदेखी की गई है। उन्होंने महिलाओं को उनका हक दिलाने में मदद करने की बात कही है। उनके मुताबिक, बिलावल भुट्टो ने उनके पिता से उन्हें सामान्य सीट से चुनाव लड़ाने का अनुरोध किया था।

उनका कहना था कि एक डॉक्टर की हैसियत से उन्होंने पाकिस्तान के सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और बदहाल स्थिति को देखा। इसके बाद उनके दिल में एक चुनाव लड़ने का ख्वाब पलने लगा। उन्होंने कहा कि खुद का मेडिकल बैकग्राउंड की वजह से इंसानियत की खिदमत करना उनके खून में है।

डॉन ने बुनेर के एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर इमरान नौशाद खान के हवाले से लिखा है कि उन्होंने राजनीतिक पार्टी की परवाह किए बगैर सवीरा का तहे दिल से समर्थन किया है। नौशाद का कहना था कि सवीरा पारंपरिक पितृसत्ता की कायम रूढ़ियों को तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बुनेर के पाकिस्तान में विलय के बाद एक महिला को आगे बढ़ने और चुनाव लड़ने में 55 साल लग गए।

बताते चलें कि पाकिस्तान चुनाव आयोग के हालिया संशोधनों के मुताबिक, सामान्य सीटों पर पाँच फीसदी महिला उम्मीदवारों को शामिल करना जरूरी है। पाकिस्तान में नामांकन की आखिरी तारीख 24 दिसंबर 2023 थी और वहाँ 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव के लिए मतदान होना है। 11 जनवरी को उम्मीदवारों की सूची जारी होगी और 12 जनवरी तक इच्छुक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

साकेत गोखले ने जहाँ बंद करवाया जागरण, वहाँ भजनों के बिना हुई आरती, भंडारा में भी आने से डर रहे थे स्थानीय: ऑपइंडिया से...

दिल्ली में जहाँ TMC सांसद साकेत गोखले ने रुकवाया दुर्गा जागरण, वहाँ के हिन्दुओं ने कहा कि अगर आज चुप रहे तो कल रोकी जाएगी होली और दीवाली भी।

स्विट्जरलैंड में 1 जनवरी से नहीं पहन सकेंगे बुर्का-नकाब, मुँह ढकने पर देना पड़ेगा 97000 रुपए तक जुर्माना: नया कानून बना, जानें क्या होंगे...

ये कानून स्विस संसद के निचले सदन में 151-29 वोट से पारित हुआ है। स्विट्जरलैंड में इस कानून को 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -