Friday, April 19, 2024
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नाइजीरिया: फुलानी मुस्लिम आतंकियों ने 22 किसानों की हत्या की, 134 घरों को जलाया, कई हेक्टेयर फसलों को किया नष्ट

एक ने फुलानी नेता ने बताया, "फुलानी चरवाहे दक्षिणी कडुना राज्य के सभी ईसाई गाँवों पर बदले की भावना से हमले कर रहे थे। वे भूल गए कि हम में से अधिकाँश का जन्म और पालन-पोषण उनके बीच हुआ था।"

अफ्रीकी देश नाइजीरिया में मुस्लिम आतंकी संगठन फुलानी द्वारा 22 निर्दोष किसानों की हत्या कर दी गई और 134 घरों को जला दिया गया है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि यह घटना 3 अगस्त 2021 को दक्षिणी कडूना के चार गाँवों में हुई। सशस्त्र हमलावरों ने गाँवों में घुसकर खेत में पक कर तैयार हो चुकी फसलों को भी नष्ट कर दिया।

कडुना स्टेट पुलिस के कमांड के प्रवक्ता (एएसपी) मोहम्मद जलिगे ने मंगलवार (3 अगस्त 2021) दोपहर कडुना में द एपोच टाइम्स को बताया, “ये हमले संभवत: पड़ोसी पठारी राज्य बासा एलजीए (स्थानीय सरकार का क्षेत्र) में हुई हिंसा के कारण हो सकते हैं।” पुलिस अधिकारी ने हालात के नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने पड़ोसी राज्य में अपने समकक्ष बासा एलजीए में घटित घटनाक्रम के बारे में जानकारी माँगी है, ताकि कडुना में हुई वारदात को समझा जा सके।

इंटरनेशनल कमिटी ऑन नाइजीरिया (ICON) के सह-संस्थापक काइल एब्स ने कहा, “कडुना और पठारी राज्य दोनों में हुआ ये हमला कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह टारगेटेड अटैक है और फुलानी आतंकियों का यह कोई पहला हमला भी नहीं है।” एब्स का कहना है कि हाल के दिनों, हफ्तों और महीनों में हर गाँव को निशाना बनाया गया है और सरकार को समझना होगा कि यह व्यवस्थित तरीके से किया गया हमला है। ये लुटेरे न केवल घरों, समुदायों और फसलों को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में हत्याएँ भी कर रहे हैं।

पठारी राज्य बासा एलजीए में मियांगो जिले के इरिगवे लोगों की पहाड़ी सीमा चवई चीफडम के साथ लगती है। यहाँ के लोगों को बीते 3 दिनों में सिलसिलेवार घातक हमले झेलने पड़े हैं।

दक्षिणी कडुना पीपुल्स यूनियन (SOKAPU) के प्रेसीडेंट जोनाथन असके ने ‘द एपोच टाइम्स’ को बताया कि सौकड़ों की संख्या में आए हमलावरों ने घरों और फसलों को जलाकर नष्ट कर दिया। इस वारदात में 27 लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, “दक्षिणी कडुना में ईसाई आबादी को टारगेट बनाकर उनका नरसंहार किया जा रहा है। इसकी वजह उनका धर्म परिवर्तन कराना, उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल करना और डराना है।”

असके ने कहा, “बीते 6 सालों में किगाम और उन्गुवान मगजी जैसे कई गाँवों में कम से कम तीन बार हमला किया गया और लोगों की हत्याएँ की गई। यहाँ की सामूहिक कब्रें जो मैं कह रहा हूँ, उसकी गवाह हैं। यहाँ एक भी चर्च या स्कूल नहीं बचा है। बावजूद इसके इतने सालों में एक को भी नहीं पकड़ा गया।”

उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कडूना की राज्य सरकार और केंद्र सरकार अभी भी आँखें मूँदे बैठी है और पश्चिमी मीडिया को हमारा जीवन खबर के लायक नहीं लगता है।”

पीड़ित की कहानी

मुस्लिम आतंकियों के हमले में घायल उन्गुवान मगजी के मार्कस जोसेफ अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने एपोच टाइम्स को बताया कि भाग्य की वजह से उनकी जान बच गई। पीड़ित ने कहा, “हमें जानकारी मिली थी कि हमलावर पठारी राज्य के बासा एलजीए के रिकवे से भागकर चवाई चीफडोम की ओर जा रहे थे। हमारे पास स्थानीय रूप से बनाई गई डेन गन, माचे, भाले और पत्थरों के अलावा कोई हथियार नहीं हैं।”

मार्कस ने कहा, “हम उन पर हमले के लिए रात भर घात लगाकर बैठे रहे और सुबह करीब 3 बजे सबसे पहले भारी संख्या में उनके मवेशी आए। इसके बाद हमने गोलियों की आवाज गूँज सुनी तो लगा कि वो गायों के झुंड में छिप कर आए हैं। वे हमारे गाँव तक पहुँच चुके थे। हमने जवाबी फायरिंग की और दोबारा से गन लोड करने लगा इतने में दो गोलियाँ मेरी जाँघ पर लगी और मेरी हड्डियाँ टूट गईं।

SOKAPU के प्रेसीडेंट जोनाथन असके के अनुसार, मार्कस के गाँव उन्गुवान मगजी में पाँच लोग मारे गए हैं और एक व्यक्ति लापता है। 76 घरों को जला दिया गया था और लगभग 20 हेक्टेयर फसलों को नष्ट कर दिया गया। किकोबा-सामा गाँव में छह लोग मारे गए और 45 घर जला दिए गए। इसके अलावा 16 हेक्टेयर फसलों को तबाह कर दिया गया। वहीं, किगाम गाँव में पाँच लोगों की हत्या कर दी गई। किशिशो गाँव में छह मारे गए और 23 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट कर दी गई। जबकि, किशोहो गाँव में कम से कम 90 घर जल गए।

नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर एक फुलानी नेता ने द एपोच टाइम्स को बताया, “फुलानी चरवाहे दक्षिणी कडुना राज्य के सभी ईसाई गाँवों पर बदले की भावना से हमले कर रहे थे। वे भूल गए कि वे भाई और बहनों के रूप में उनके साथ रहते आए हैं, क्योंकि हम में से अधिकाँश का जन्म और पालन-पोषण उनके बीच हुआ था।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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