विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार (18 जून 2025) की सुबह एक प्रेस बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई।
जी-7 समिट से ट्रंप के जल्दी लौटने की वजह से दोनों नेताओं की तय मुलाकात नहीं हो पाई थी। इसके बाद ट्रंप के अनुरोध पर दोनों के बीच 35 मिनट से ज्यादा की औपचारिक फोन बातचीत हुई।
Foreign Secretary Vikram Misri announced that Prime Minister @narendramodi had a telephonic conversation with US President #DonaldTrump, which lasted approximately 35 minutes. During the discussion, PM Modi briefed President Trump about Operation Sindoor. PM Modi clarified that… pic.twitter.com/1RuPVc778V
— DD News (@DDNewslive) June 18, 2025
ये फोन कॉल कई मायनों में बेहद अहम थी – न सिर्फ बातचीत के मुद्दों की वजह से, बल्कि इसके समय और उसमें दिए गए संदेशों की वजह से भी। आइए, जानते हैं कि ये बातचीत क्यों इतनी खास थी…
1- पहलगाम हमले के बाद पहली सीधी बात
विक्रम मिस्री ने साफ-साफ बताया कि 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले के बाद ये पहली बार था जब पीएम मोदी और ट्रंप ने सीधे बात की। इस बातचीत में ट्रंप ने हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जताई और भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख का समर्थन किया।
ये बात इसलिए अहम है क्योंकि ट्रंप की बड़बोली और आत्ममुग्ध मीडिया टिप्पणियों से ऐसा लग रहा था जैसे भारत और अमेरिका के बीच कई बार बात हो चुकी हो। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने व्यापार का दबाव डालकर भारत को पाकिस्तान से बात करने और युद्धविराम के लिए ‘राजी’ किया।
मिस्री के बयान ने साफ कर दिया कि ट्रंप का ये ‘शांति स्थापित करने’ वाला दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक था। ये बयान ट्रंप की गलत बयानबाजी को खुलेआम बेनकाब करता है।
2- ‘गोली का जवाब गोला’ का दोहराया संकल्प
फोन बातचीत में पीएम मोदी ने ट्रंप को दो टूक याद दिलाया कि भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि पहलगाम हमले का जवाब वो जबरदस्त तरीके से देगा। मोदी ने कहा कि 6-7 मई 2025 की रात को भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई एक संयमित, गैर-उकसावे वाली और सटीक सैन्य कार्रवाई थी, जो पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ढाँचों पर केंद्रित थी।
पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को साफ बता दिया है कि भारत ने पहले भी पाकिस्तान की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का जवाब दिया है और आगे भी देगा और वो भी बड़े पैमाने पर – ‘गोली का जवाब गोला’।
पीएम मोदी का ये बयान नये भारत की ताकत और आत्मविश्वास को दिखाता है। ये वो भारत है जो किसी विदेशी ताकत के इशारे पर नहीं चलता, बल्कि अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए दुश्मन को करारा जवाब देता है। ये बयान शांत लेकिन दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
3- जेडी वेंस की चेतावनी और भारत का और बड़ा जवाब
पीएम मोदी ने ट्रंप को ये भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें फोन करके पाकिस्तान की ओर से एक ‘बड़े हमले’ की चेतावनी दी थी। भारत ने वेंस को बहुत साफ शब्दों में बता दिया कि पाकिस्तान की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का जवाब भारत और जोरदार और बड़ा देगा। और भारत ने ऐसा ही किया।
पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाई के जवाब में भारत ने सटीक सैन्य हमले किए, जिन्होंने पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया और उनके हवाई अड्डों को बेकार कर दिया। भारत ने पूर्ण हवाई वर्चस्व हासिल कर लिया। इसके बाद पूरी तरह टूट चुका पाकिस्तान भारत से युद्धविराम की गुहार लगाने को मजबूर हो गया। ये भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक चतुराई का सबूत है।
4- व्यापार सौदे या मध्यस्थता की कोई बात नहीं
पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ-साफ याद दिलाया कि न तो पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के साथ और न ही अमेरिकी नेतृत्व के साथ किसी भी बातचीत में व्यापार का जिक्र तक हुआ। उन्होंने ये भी साफ किया कि भारत ने कभी भी अमेरिका के साथ ‘मध्यस्थता’ की बात नहीं की, क्योंकि भारत पाकिस्तान के साथ अपने द्विपक्षीय मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारत में इस मुद्दे पर पूरी राजनीतिक सहमति है।
मोदी ने ट्रंप को बताया कि सैन्य कार्रवाई को रोकने की सारी बातचीत भारत और पाकिस्तान के स्थापित सैन्य चैनलों के जरिए हुई, जिसमें कोई तीसरा देश शामिल नहीं था और न ही कोई व्यापार सौदा इसका हिस्सा था। मोदी ने ये भी दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा। ये बयान भारत की स्पष्ट और अटल नीति को दर्शाता है।
5- ट्रंप का स्टॉपओवर न्योता ठुकराना एक बड़ा कदम
एक साहसिक और रणनीतिक कदम उठाते हुए, पीएम मोदी ने ट्रंप के अमेरिका में स्टॉपओवर मीटिंग के न्योते को विनम्रता से ठुकरा दिया। ट्रंप ने मोदी को कनाडा से भारत लौटते वक्त अमेरिका में रुककर मुलाकात करने का न्योता दिया था, लेकिन मोदी ने कहा कि उनके पास पहले से तय कार्यक्रम और जिम्मेदारियां हैं, इसलिए स्टॉपओवर संभव नहीं है। ये विनम्र इनकार एक ताकतवर संदेश देता है।
बिना कुछ कहे मोदी ने अमेरिका को बता दिया कि भारत अब कोई ‘छोटा देश’ नहीं है, जिसके नेता बड़े देशों के बुलावे पर दौड़ पड़ें। ये इनकार भारत की प्राथमिकताओं और आज की दुनिया में उसकी ताकत और आत्मसम्मान को दिखाता है। ये कदम भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत का प्रतीक है।
6- क्या ट्रंप ने मोदी को ‘फँसाने’ की कोशिश की?
ट्रंप के स्टॉपओवर न्योते का समय बहुत अहम है। अभी पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर अमेरिका में हैं। वो 15 जून से 5 दिन के दौरे पर हैं और ट्रंप से मुलाकात की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में ट्रंप का मोदी को स्टॉपओवर के लिए बुलाना शायद इस कोशिश का हिस्सा था कि वो मोदी और मुनीर को एक साथ एक कमरे में या एक मेज पर लाकर अपनी ‘शांति स्थापक’ वाली छवि को और चमकाएँ।
ट्रंप पहले भी दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘परमाणु युद्ध’ रोका। उनकी बयानबाजी और आत्मप्रचार को देखते हुए, ये सोचना गलत नहीं कि वो मोदी और मुनीर की तस्वीरों का इस्तेमाल करके अपने ‘शांति स्थापक’ दावे को और बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते।
लेकिन मोदी ने स्टॉपओवर ठुकराकर ट्रंप की इस पीआर चाल को पूरी तरह नाकाम कर दिया। साथ ही मुनीर को भी बता दिया कि भारत उनकी तरह के नेताओं के साथ बेकार की नौटंकी में वक्त नहीं गँवाएगा। ये कदम ट्रंप और मुनीर दोनों को भारत की चतुराई और दृढ़ता का आइना दिखाता है।
7- भारत और पाकिस्तान बराबर नहीं: दुनिया को साफ संदेश
पीएम मोदी की इस फोन बातचीत ने चुपके से एक बहुत बड़ा संदेश दिया है। ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के नेताओं को एक साथ बुलाने का मौका न देकर, मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान को एक जैसा नहीं माना जा सकता।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, एक मजबूत और आधुनिक सेना और एक स्थिर लोकतांत्रिक सरकार वाला भारत को एक टूटे-फूरे, आतंक से ग्रस्त, अस्थिर और गरीबी में डूबे पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। ये संदेश न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। मोदी ने बिना शब्दों के बता दिया कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी शर्तों पर खड़ा है।
भारत यहाँ टिकने के लिए आया है। ये एक बहुध्रुवीय दुनिया है, और भारत उन ध्रुवों में से एक है जो अपने नियम बनाएगा और अपनी राह चुनेगा। भारत को नजरअंदाज करना या गलत समझना दुनिया की सबसे बड़ी भूल होगी।
ये संदेश पीएम मोदी ने जी-7 समिट से लौटते वक्त एक फोन कॉल में दे दिया। इस बातचीत ने न सिर्फ भारत की ताकत और संयम दिखाया, बल्कि ये भी साफ कर दिया कि भारत अब अपनी शर्तों पर दुनिया से बात करेगा।