Tuesday, November 12, 2024
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उइगरों के शोषण को अमेरिका ने बताया चिंताजनक: कहा- अंतरराष्ट्रीय जाँचकर्ताओं को आने दे चीन, वरना भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

संयुक्त राज्य अमेरिका का कहना है कि चीन को अंतरराष्ट्रीय जाँचकर्ताओं को वहाँ जाने की अनुमति देनी होगी और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे अमानवीय बर्ताव को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका चिंतित नजर आ रहा है। हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि वहाँ किस तरह री-एड्यूकेशन के नाम पर उइगर महिलाओं का एक सिस्टम के तहत बलात्कार किया जाता है और कैसे शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन का मकसद किसी समुदाय में कोई सुधार करना नहीं, बल्कि उन्हें पूरी तरह बर्बाद करना है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का इन महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर कहना है कि ये जानकारियाँ परेशान करने वाली हैं। उन्होंने इन डिटेंशन कैम्प में नियोजित तरीके से उइगर व अन्य मुस्लिम महिलाओं पर होने वाले यौन शोषण को घोर अमानवीय बताया है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका पहले ही शिनजियांग प्रांत की घटनाओं को मानवता के खिलाफ और नरसंहार की संज्ञा दे चुका है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का कहना है कि चीन को अंतरराष्ट्रीय जाँचकर्ताओं को वहाँ जाने की अनुमति देनी होगी और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर कम्युनिस्ट राष्ट्र के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति चीन की इस प्रवृत्ति के कारण उस पर पहले ही कई प्रकार के प्रतिबंध आरोपित कर चुके हैं।

इस मामले को लेकर, अमेरिका में चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के जबरदस्ती जनसंख्या नियंत्रण प्रयासों और शिनजियांग उइगर क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन के बारे में संयुक्त राज्य के कानून मंत्री एंटनी ब्लिन्केन और सुलिवन के पास 45 कानूनविदों ने लिखित रूप में चिंता व्यक्त की है।

इन सदस्यों ने लिखा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। इस चुनौती का सामना करने के प्रशासन के प्रयास के तहत, हम आपसे शिनजियांग में चल रहे नरसंहार के लिए चीनी सरकार को जवाबदेह ठहराने का आग्रह करते हैं। यह सभी लोगों के लिए जीवन, मानव गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के लिए।”

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने भी बृहस्पतिवार को जरी एक बयान में कहा कि वो चीन की विभिन्न क्षेत्र में की जा रही मनमानियों और गुस्ताखियों पर फैसला लेगा लेकिन जहाँ अमेरिका को फायदा होगा, वो उसे भी प्रभावित नहीं होने देंगे। बायडेन सरकार के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन को लिखे एक पत्र में, सीनेटर रिक स्कॉट ने लिखा है कि कम्युनिस्ट चीन की धमकी पेंटागन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

सीनेटर स्कॉट ने ऑस्टिन को लिखा, “कम्युनिस्ट चीन निस्संदेह हमारे सबसे बड़े दुश्मन हैं और उन्हें इस तरह से माना जाना चाहिए। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने उइगरों के खिलाफ नरसंहार की नीति, अमेरिकी तकनीक की चोरी, अपनी सैन्य उपस्थिति और संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा को खतरा पैदा करने के लिए खतरनाक कार्रवाई की हैं। इसके सहयोगियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”

गौरतलब है कि इससे पूर्व, चीन द्वारा ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री रहे माइक पोंपियो के उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के संबंध में दिए गए बयान को ‘रद्दी कागज’ बताया था। चीन ने इन तमाम बातों को निराधार बताते हुए कहा था कि पोंपियो का शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर अत्याचार का आरोप दुर्भावना से और महज सनसनी फैलाने के लिए दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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