Wednesday, April 24, 2024
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‘देश में लड़कियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए सेक्स नहीं करतीं’: सहमति से यौन संबंध और बलात्कार मामले में एमपी HC का फैसला

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (इंदौर बेंच) के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय लड़के को इसके परिणाम का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 अगस्त) को कहा कि देश में अविवाहित लड़कियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए शारीरिक संबंध नहीं बनाती हैं। अदालत ने आगे कहा कि अविवाहित लड़कियाँ केवल तभी सेक्स करती हैं, जब उन्हें उनके साथी द्वारा शादी का आश्वासन दिया जाता है। अदालत ने शादी का वादा करने वाली लड़की के साथ सहमति से यौन संबंध बनाने और बाद में शादी करने से इनकार करने वाले बलात्कार के आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (इंदौर बेंच) के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय लड़के को इसके परिणाम का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

अदालत ने कहा कि भारत एक रूढ़िवादी समाज है। कुछ अपवाद छोड़कर देश अभी तक सभ्यता के ऐसे स्तर (निम्न या उच्च) पर नहीं पहुँचा है, जहाँ लड़कियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए लड़कों के साथ कामुक गतिविधियों में शामिल हों।” उन्होंने कहा कि जब तक लड़कियों से शादी का वादा नहीं किया जाता है, तब तक वह शारीरिक संबंध नहीं बनाती हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए हर बार पीड़िता द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना जरूरी नहीं है, जैसा कि इस मामले में है।

कोर्ट ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि उसने बलात्कार के अधिकांश मामलों में देखा है कि बचाव पक्ष का तर्क होता है कि ‌शिकायतकर्ता की सहमति से संबंध बने थे, जबकि ज्यादातर मामलों में आरोपित ही शादी का झूठा वादा कर इसका फायदा उठाते हैं।

आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2)(एन), 366 और बच्चों के यौन शोषण से रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 4, 5-1, 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने शादी का झाँसा देकर पीड़िता के साथ बलात्कार किया। वहीं, कोर्ट के समक्ष आरोपित के वकील ने दलील दी कि पीड़िता उस समय बालिग थी और दोनों इसके लिए सहमत थे।

आरोपित के ​वकील ने कहा कि लड़की के माता-पिता शादी का विरोध कर रहे थे, क्योंकि दोनों के धर्म अलग-अलग हैं। आरोपित हिंदू है, जबकि शिकायकर्ता मुस्लिम है। आरोपित ने कहा कि उसे इस मामले में फँसाया जा रहा है।

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि लड़के ने अक्टूबर 2018 से शादी के बहाने लड़की के साथ बार-बार बलात्कार किया और बाद में उससे शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद जब उसने पीड़िता को बताया कि उसकी शादी किसी और से हो रही है तो पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास किया, हालाँकि वह बच गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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