Friday, October 4, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षामरने वाले का AADHAAR-PAN रोहिंग्या मुस्लिमों के नाम, गैंग ऐसे कर रहा भारत में...

मरने वाले का AADHAAR-PAN रोहिंग्या मुस्लिमों के नाम, गैंग ऐसे कर रहा भारत में काम: NIA कर रही पहचान, जुटा रही डेटा

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से भारत में घुसे रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुस्लिम अब देश के लिए नासूर बनते जा रहे हैं। वे ना सिर्फ अवैध रूप से देश में घुसकर काम-काज कर रहे हैं, बल्कि खुद को यहाँ का निवासी साबित करने के लिए आधार और वोटर कार्ड जैसे फर्जी दस्तावेज भी बना रहे हैं। अब वे मृत लेगों के आधार और वोटर कार्ड आदि दस्तावेज अपने नामों पर हस्तांतरण करा रहे हैं।

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से भारत में घुसे रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुस्लिम अब देश के लिए नासूर बनते जा रहे हैं। वे ना सिर्फ अवैध रूप से देश में घुसकर काम-काज कर रहे हैं, बल्कि खुद को यहाँ का निवासी साबित करने के लिए आधार और वोटर कार्ड जैसे फर्जी दस्तावेज भी बना रहे हैं। अब वे मृत लेगों के आधार और वोटर कार्ड आदि दस्तावेज अपने नामों पर हस्तांतरण करा रहे हैं।

ये घुसपैठिए भारत के अलग-अलग राज्यों में छिप कर रह रहे हैं और अपनी पहचान छिपाने के लिए ऐसे लोगों के पहचान पत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। इन नामों से ये घुसपैठिए ना सिर्फ अपना कारोबार चला रहे हैं कि बैंकों में खाते भी खुलवा लिए हैं। इस तरह के मामले सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियाँ भी सतर्क हो गई हैं।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) सहित भारत की अन्य एजेंसियों को हाल ही में इस तरह के कई सबूत मिले हैं, जिनमें इन्हें अवैध रूप से भारत में लाकर अलग-अलग राज्यों में बसाने वाले गिरोह का पता चला है।ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। कुछ बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या मुस्लिमों को राज्य के विभिन्न जगहों से पकड़ा भी गया है।

हाल ही में यूपी एटीएस ने विदेशी फंडिंग लेकर अवैध घुसपैठियों की मदद करने वाले एक सिंडीकेट से जुड़े कुछ लोगों को पकड़ा था। कानपुर से पकड़े गए गिरोह के सक्रिय सदस्य और बांग्लादेश निवासी मोहम्मद राशिद अहमद ने पूछताछ में बताया कि उसने पाँच अन्य बांग्लादेशियों को फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर देवबंद में ठिकाना दिलाया था।

इससे पहले पकड़े जा चुके बांग्लादेशी आदिलुर्रहमान को भी फर्जी दस्तावेज राशिद ने ही उपलब्ध कराए थे। एटीएस ने विदेशी फंडिंग के मास्टरमाइंड और एनजीओ चलाने वाले अबू सालेह मंडल को बीते दिनों लखनऊ से पकड़ा था। वह अपने एनजीओ में विदेशी फंडिंग लेता था और अवैध घुसपैठियों को भारत में बसाने में उनकी मदद करता था।

अबू सालेह ने ATS को बताया कि वह हरोआ-अल जमियातुल इस्लामिया दारूल उलूम मदरसा और कबीरबाग मिल्लत एकेडमी नाम से दो ट्रस्ट चलाता है। इन ट्रस्टों के FCRA खातों में ब्रिटेन के उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट से साल 2018-22 तक लगभग 58 करोड़ रुपए आए। उम्मा ट्रस्ट को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और उनकी मदद करने के कारण अमेरिका प्रतिबंधित कर चुका है।

उधर, दैनिक भास्कर ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि NIA ने कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु में मोहम्मद सोरीफुल बाबू मियां, शहाबुद्दीन हुसैन और मुन्ना उर्फ नूर करीम को गिरफ्तार किया था। ये तीनों लंबे समय से बांग्लादेश से भारत में लाए गए रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, मार्कशीट आदि बनाकर देते थे।

इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि रोहिंग्या मुस्लिमों को भारतीय पहचान देने के लिए वे मृतकों के दस्तावेज इस्तेमाल करते हैं। NIA को ऐसे लोगों की सूची आरोपितों से मिले हैं। इसकी पड़ताल और फर्जी दस्तावेज पर रह रहे घुसपैठियों की पहचान की जा रही है। NIA की जाँच में तमिलनाडु, हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, जम्मू सहित कई राज्यों में रोहिंग्या घुसपैठियों के रहने की जानकारी मिली है।

दरअसल, शहाबुद्दीन हुसैन सरकारी अधिकारियों से साँठ-गाँठ करके मृत लाेगाें का डेटा हासिल करता था। इसके बाद बाबू मियां और नूर करीम इनके आधार नंबर का इस्तेमाल करते हुए उस उम्र से मिलते-जुलते घुसपैठियों का डेटा उनमें अपडेट कराते थे। डेटा अपडेट होने के बाद वे उसमें पता बदलवाते थे। फिर आधार कार्ड के जरिए राशन कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार बनवाते थे।

इन सब फर्जीवाड़े को देखते हुए सरकार की ओर से अक्टूबर 2023 से जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया। अब मृत्यु प्रमाण-पत्र पाने के मृतक का आधार कार्ड देना होगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी उस आधार कार्ड की जानकारी UADAI को भेज देंगे। इसके बाद UADAI मृतक का आधार निष्क्रिय कर देगा और उसका नाम हर जगह से हट जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गिर सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई रोकने से हाई कोर्ट का इनकार, प्रशासन ने अवैध मस्जिदों, दरगाह और कब्रों को कर दिया था समतल: औलिया-ए-दीन...

गुजरात हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर को मुस्लिमों की मस्जिद, दरगाह और कब्रों को तोड़ने पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।

इतना तो गिरगिट भी नहीं बदलता रंग, जितने विनेश फोगाट ने बदल लिए

विनेश फोगाट का बयान सुनने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि राजनीति में आने के बाद विनेश कितनी सच्ची और कितनी झूठी हो गई हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -