21 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हर शख्स उस वक्त हैरान रह गया, जब उन्हें आतंकी सरगना यासीन मलिक दिखा। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का सरगना इस समय टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। कड़ी सुरक्षा में वह जेल से सुप्रीम कोर्ट आया था। लेकिन उसकी व्यक्तिगत पेशी को लेकर शीर्ष अदालत की तरफ से कोई निर्देश नहीं दिया गया था। ऐसे में उसकी पेशी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर इसे गंभीर सुरक्षा चिंता का मामला बताया है। सूत्रों के अनुसार तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी जाँच के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में रुबैया सईद के अपहरण मामले में जम्मू की निचली अदालत द्वारा 20 सितंबर 2022 को पारित आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई थी। जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच को मामले की सुनवाई करनी थी। इस दौरान अदालत में यासीन मलिक भी मौजूद था। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब यासीन मलिक को कोर्ट में पेश करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है तो उसे यहाँ क्यों लाया गया है? यदि यासीन मलिक को अपनी बात रखनी होगी तो वह वर्चुअली ऐसा कर सकता है।
जस्टिस दत्ता ने अब इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। नई बेंच चार हफ्ते बाद इस मामले की अब सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान मलिक की पेशी से पैदा हुए सुरक्षा चिंता को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को भरोसा दिलाया कि भविष्य में उसे इस तरह बाहर न लाया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएँगे। एसजी ने इसको लेकर केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि यह सुरक्षा में कमी का गंभीर मामला है। वह भाग सकता था। उसका अपहरण या उसकी हत्या हो सकती थी।
JUST IN: Tihar Jail officials say that producing Yasin Malik physically before Supreme Court today prima facie seems like a “lapse on the part of Jail officials”. DG Prisons has ordered an inquiry to fix the responsibility of erring officials. Report to be submitted in 3 days. pic.twitter.com/Iv9KkntOYJ
— Law Today (@LawTodayLive) July 21, 2023
एनबीटी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि तिहाड़ जेल ने इस घटना की जाँच के आदेश दिए हैं। जेल के डीआईजी खुद इसकी जाँच करेंगे। यह पता लगाया जाएगा कि यासीन मलिक को जानबूझकर बाहर ले जाया गया था या ऐसा भूलवश हुआ था।
यासीन मलिक से जुड़ी यह घटना ऐसे समय में हुई है जब उसकी 11 साल की बेटी का एक जहरीला वीडियो वायरल है। उसकी बेटी रजिया सुल्तान का यह वीडियो मुजफ्फराबाद में रिजनल लेजिस्लेटिव असेंबली में संबोधन का है। इसका इस्तेमाल पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा के लिए कर रहा है। इसमें यासीन मलिक की बेटी कह रही है कि उसके अब्बा कश्मीर के हित की लड़ाई के दीप-स्तंभ हैं। अगर उसके अब्बा को कुछ भी नुकसान पहुँचता है तो वो इसका दोष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देगी। उसके अब्बा को फर्जी मामले में फँसाया गया है और उसे उम्मीद है कि जल्द ही वो जेल से निकलेंगे।
यासीन मलिक 1988 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चला गया था और वहाँ से भारत के खिलाफ सशस्त्र आतंक चला रहा था। इसके बाद वो वापस आ गया और अलगाववादी बन कर रहने लगा। उसके ऊपर वायुसेना जवानों की हत्या समेत 60 मामले दर्ज हैं। 2009 में पाकिस्तान जाकर उसने मुशैल हुसैन से निकाह कर ली थी।
यासीन मलिक वो आतंकी है, जो कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल था। इसके बावजूद मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते उससे मुलाकात की थी और उससे हाथ मिलाया था। उस पर ‘अलगाववादी नेता’ के मुखौटे में कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का भी आरोप है। साथ ही उसे भारत में टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों के मामले में हिरासत में भी लिया गया था। यासीन मलिक पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
अपडेट: शुरुआती जाँच के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल ने उप महानिरीक्षक (जेल मुख्यालय) राजीव सिंह को विस्तृत जाँच रिपोर्ट सोमवार तक सौंपने के निर्देश दिए हैं।