Friday, March 29, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'शक्ल से ही हवसी लगता है…ठरकी कहीं का' : प्रतीक सिन्हा पर MeToo लगने...

‘शक्ल से ही हवसी लगता है…ठरकी कहीं का’ : प्रतीक सिन्हा पर MeToo लगने के बाद नेटीजन्स ने पूछा- इसे कौन लड़की पसंद करती होगी

प्रतीक सिन्हा पर लगे आरोपों के बाद कुछ का कहना है कि उन्हें पहले से अंदाजा था कि कभी न कभी ऐसा होगा तो कुछ कह रहे कि क्या अब ऑल्ट न्यूज इस बात का भी फैक्टचेक करेगा कि उनसे संस्थापक पर लगाए इल्जाम कैसे फर्जी हैं।

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा पर गुमनाम महिला द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप के बाद अब सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। लोग 8 पन्नों का पत्र साझा कर करके प्रतीक सिन्हा से सवाल कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि उन्हें पहले से अंदाजा था कि कभी न कभी ऐसा होगा तो कुछ कह रहे कि क्या अब ऑल्ट न्यूज इस बात का भी फैक्टचेक करेगा कि उनसे संस्थापक पर लगाए इल्जाम कैसे फर्जी हैं।

एक यूजर ने प्रतीक सिन्हा पर लगे आरोपों को पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “शख्ल से ही हवसी लगता है।”

शैडो नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “मुझे कोई हैरानी नहीं होने वाली अगर ये अपना ही फैक्ट करके ये बोल दें कि प्रतीक सिन्हा ऐसा नहीं कर सकता…क्योंकि वो गे है।”

योगी रावत नाम के ट्विटर यूजर ने आरफा खानुम, रोहिणी सिंह, सायमा जैसे लोगों को टैग करके कहा, “तुम्हारा फैक्टचेकर तो ठरकी निकला।”

नीतेश लिखते हैं, “कुछ लोग पत्रकारिता की आजादी और साजिश वाला रोना रोएँगे। कुछ लोग बोलेंगे चौथा स्तंभ लोकतंत्र का गिर गया।”

कई यूजर्स ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएँ देते हुए प्रतीक सिन्हा के लिए टकले, गंजे जैसे शब्दों का प्रयोग किया। एक यूजर ने लिखा- “वैसे भी टकले को कौन लड़की पसंद करती है, एक दिन ये होना था।”

उल्लेखनीय है कि प्रतीक सिन्हा के खिलाफ अपने पोस्ट में गुमनाम महिला ने कई आरोप लगाए हैं। इस पोस्ट में बताया गया कि प्रतीक उस महिला को 2 वर्षों से जानते थे। वह उसे कॉल-टेक्स्ट करते थे। महिला ने अपने पोस्ट आरोप लगाया कि सिन्हा न केवल जोड़-तोड़ करने वाले और ‘यौन उन्मादी’ हैं, बल्कि वह अन्य महिलाओं के साथ उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी वही तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया, जो उसके साथ किया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘अच्छे दिन’ की आस में कॉन्ग्रेस में गए कन्हैया कुमार और पप्पू यादव, लालू यादव ने जमीन ही कर दी साफ: बेगूसराय लेफ्ट को,...

RJD ने पप्पू यादव के लिए पूर्णिया, सुपौल (सहरसा) और मधेपुरा तक नहीं छोड़ी। कन्हैया कुमार वाला बेगूसराय भी लालू की पार्टी ने झटक लिया।

8 दिन में तीसरी बार ‘CM की कुर्सी’ पर दिखीं सुनीता, किया ‘केजरीवाल को आशीर्वाद’ अभियान का ऐलान: मैसेज भेजने के लिए दिए नंबर,...

अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ कोर्ट के सामने कहा उसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए, वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, बिलकुल ऐसे ही हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की तानाशाही से लड़ते थे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe