Saturday, April 20, 2024

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इतिहास

पूना पैक्ट: समझौते के बावजूद अंबेडकर ने गाँधी जी के लिए कहा था- मैं उन्हें महात्मा कहने से इंकार करता हूँ

अंबेडकर ने गाँधी जी से कहा, “मैं अपने समुदाय के लिए राजनीतिक शक्ति चाहता हूँ। हमारे जीवित रहने के लिए यह बेहद आवश्यक है।"

हथियारों से लैस होना जरूरी, वरना भेड़िये तो राह चलते साधुओं पर भी अकारण झपट्टा मारते हैं: दिनकर ने क्यों कहा था ऐसा?

फ़रवरी 21, 1963 को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने समझाया था कि अहिंसा का अर्थ क्या होता है।

स्वामी विवेकानंद का शिकागो संदेश: 3 भविष्यवाणी में 2 पूरे, आखिरी को भी हकीकत बनाने की ओर भारत

127 साल पूर्व 11 सितंबर के दिन ही शिकागो शहर का ‘पार्लियामेंट ऑफ़ रिलीजन’ सभागार में स्वामी विवेकानंद ने अपना वह ऐतिहासिक भाषण दिया था।

दारा शिकोह: ‘धोखे’ से जिसकी 4 लाख की सेना 40000 वाले औरंगजेब से हारी और इतिहास ने जिसके साथ फिर किया ‘धोखा’

दारा शिकोह के एक हाथ में पवित्र कुरान थी और दूसरे हाथ में पवित्र उपनिषद। वो मानता था कि हिन्दू और इस्लाम धर्म की बुनियाद एक है। वो नमाज और...

गद्दार को खदेड़ कर गोली मारने वाले कन्हाई: वो जो भगत सिंह से भी कम उम्र में फाँसी पर चढ़े, जिनका खुदीराम से है...

दोनों के सिर्फ नाम व जन्मदिन ही समान नहीं हैं बल्कि कृष्ण की तरह कनाईलाल ने भी अपने लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।

नेपाल में मिली 3800 साल पुरानी किराट देवी की मूर्ति: धुलीखेल में सतह से 300 मीटर अंदर पाया गया, देख कर दंग हुए लोग

"धूलिकेल में एक प्राचीन नेपाली महिला की यह अद्भुत आकर्षक प्रतिमा नेपाली कला और इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।"

मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह: अंग्रेजों ने जिन्हें कहा था ‘खतरनाक बाघ’, दी थी खुली जगह पर फाँसी

बीर टिकेंद्रजीत सिंह को 13 अगस्त 1891 को आम जनता के सामने एक खुली जगह पर फाँसी लगाई ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके।

अतीत को गुरु मान कर सीखने की जरूरत: मातृभाषा अपनाएँ, प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन पर हो जोर

भारत में आज हमें अपनी मातृभाषा पर ध्यान देने और संस्कृत ग्रंथों के अध्ययन की ज़रूरत है। हमारा प्राचीन ज्ञान फिर से प्रासंगिक बने।

संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं… संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है

तुलनात्मक भाषा विज्ञान के अध्ययन में विद्वानों ने संस्कृत की ग्रीक, लैटिन आदि भाषाओं से समानता को प्रदर्शित किया है और संस्कृत भाषा को ही...

मंदिर निर्माण एक धार्मिक घटना ही नहीं, संस्कृति का पुनर्जागरण है

जन्मभूमि से इतनी दिक्कत क्योंकि विदेशियों की फेंकी हुई बोटियों पर पलने वाले कुत्तों की दशकों की मेहनत पर ये एक झटके में पानी फेर देता है।

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