पंजाब के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु का कहना है कि डीएसपी पिछले तीन महीने से उन्हें गालियाँ दे रहे हैं, वह इस इंतज़ार में थे कि डीएसपी उन्हें गालियाँ देना कब बंद करेंगे, उनका यह सिलसिला रुका ही नहीं।
अमरिंदर सिंह के गृह नगर के चार पार्टी विधायकों ने बगावती रुख अपना रखा है। नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाते हुए इन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे। आप का दावा है कि बागियों के साथ कॉन्ग्रेस के 40 विधायक हैं।
बागी विधायक मुख्यमंत्री के गृह जिले के हैं। इन्हें कैप्टन के खेमे का भी माना जाता है। ऐसे में इनकी बगावत ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी है। राज्य के अन्य हिस्सों और अन्य खेमों के विधायकों की नाराजगी को लेकर भी पार्टी सशंकित है।
इस मामले में कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी किया है। अपने नोटिस के ज़रिए कोर्ट ने लोगों को पीने का साफ़ पानी और साफ़ हवा मुहैया न करा पाने पर मुआवज़ा देने की बात भी कही है।
मृतक जसप्रीत के बड़े भाई ने भागकर आरोपितों की बहन से शादी कर ली थी। आरोपितों के परिजनों के मुताबिक वे इस शादी से खुश नहीं थे और चाहते थे कि उनकी बेटी दोबारा इस इलाके में नहीं लौटे।
पंजाब पुलिस ने जब इस मॉड्यूल को चला रहे लखविंदर सिंह और उसके अन्य साथियों से पूछताछ की तो यह पता चला कि उन लोगों को शामली ज़िले का राज सिंह नामक व्यक्ति हथियारों के साथ दस हैंड ग्रेनेड, 1 पिस्टल और 20 कारतूस की सप्लाई देने वाला था।
यह पंजाब के लिए स्वतंत्रता के समर्थन में कम से कम 5 मिलियन वोट प्राप्त करना चाह रहा था। जिसके बाद वह संयुक्त राष्ट्र से सम्पर्क करने की योजना बनाता। पंजाब पुलिस का कहना है कि SFJ और रेफरेंडम 2020 दोनों ही पाकिस्तान द्वारा समर्थित हैं।
इस घटना से राज्य के दलित बेहद आक्रोशित हैं। राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पुलिस से रिपोर्ट मॉंगी है। मृतक युवक की पत्नी ने बताया कि उसके पति के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था।
जिन खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ़्तार किया गया है, उन्हें पंजाब में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विदेश से फंड मिल रहे थे। हिंदुवादी नेताओं की हत्या सहित किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश दोनों रच रहे थे।