Sunday, September 8, 2024
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UP पुलिस ने ठोके 103 अपराधी, 17745 का डर से सरेंडर: मायावती ने कहा था हैदराबाद से सीखो

दिलचस्प यह है कि मायावती की टिप्पणी का हवाला देते हुए अलग-अलग मीडिया हाउस के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी पुलिस ने कई बार इन आँकड़ों को ट्वीट किया है। यूपी में तो कई मामलों में अपराधियों ने योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ही सरेंडर किया है।

रेप के बाद पशु चिकित्सक प्रीति रेड्डी (बदला हुआ नाम) की जघन्य हत्या करने के मामले के चारों आरोपितों को हैदराबाद पुलिस ने मार गिराया। इसके बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की पुलिस को हैदराबाद की पुलिस से सीख लेने को कहा। जवाब देने में यूपी पुलिस ने भी देरी नहीं की और आँकड़े जारी कर बताया कि दुर्दांत अपराधियों को मार गिराने में वह भी पीछे नहीं है।

जिन परिस्थितियों में हैदराबाद में एनकाउंटर हुआ उनको लेकर सवाल बने हुए हैं। बावजूद इसके ज्यादातर लोग, जिसमें नेता भी शामिल हैं इसका स्वागत कर रहे हैं। हैदराबाद में गैंग रेप के बाद प्रीति रेड्डी की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद आरोपितों ने उनके शव को जला दिया था। हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई का स्वागत करते हुए मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध पर काबू पाने के लिए इससे सीख लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार सो रही है। यहाँ और दिल्ली में भी हैदराबाद पुलिस से प्रेरणा लेनी चाहिए। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि यहाँ अपराधियों के साथ मेहमानों जैसा सलूक होता है। उन्होंने कहा कि यूपी में अब जंगलराज है। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने अपनी पार्टी के आरोपितों को भी जेल भेजा।

मायावती के दावों की पोल यूपी पुलिस के आँकड़ों ने खोल दी है। आँकड़ों के मुताबिक़, यूपी में पिछले दो साल में 5,178 मुठभेड़ों में पुलिस ने 103 अपराधियों को मार गिराया है। 1,859 अपराधी पुलिस कार्रवाई में जख्मी हुए। इसके अलावा, 17,745 अपराधियों ने डर से आत्मसमर्पण किया या खुद ही जमानत रद्द करा जेल पहुँच गए। जाहिर है, राज्य में अपराधियों के साथ मेहमान जैसा सलूक नहीं हो रहा।

दिलचस्प यह है कि मायावती की टिप्पणी का हवाला देते हुए अलग-अलग मीडिया हाउस के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी पुलिस ने कई बार इन आँकड़ों को ट्वीट किया है। यूपी में तो कई मामलों में अपराधियों ने योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ही सरेंडर किया है। इस साल जनवरी में यूपी सरकार की ओर से जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार मार्च 2017 से जुलाई 2018 के बीच 3000 से ज्यादा एनकाउंटर हुए। इनमें 78 अपराधी मारे गए और 800 से ज्यादा जख्मी हुए। इसी दौरान पुलिस के हाथों मारे जाने के डर से 11,981 से ज्यादा अपराधियों ने अपनी जमानत रद्द करवा कोर्ट में सरेंडर किया।

ग़ौरतलब है कि हैदराबाद के बाहरी इलाके शादनगर में पशु चिकित्सक प्रीति रेड्डी के साथ गैंगरेप कर निर्मम हत्या करने वाले चारों आरोपित पुलिस द्वारा गुरुवार (दिसंबर 5, 2019) की देर रात एनकाउंटर में मारे गए। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार एनकाउंटर उसी जगह पर हुआ, जहाँ उन दरिंदों ने पीड़िता के शव को जलाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ गुरुवार (5 दिसंबर) की देर रात पुलिस पूरे क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के लिए चारों आरोपितों को एनएच-44 पर लेकर गई थी। लेकिन, वहाँ पर चारों पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने चेतावनी देते हुए उन्हें रोका, लेकिन वो भागते रहे। अंततः पुलिस को उन पर गोली चलानी पड़ी और मौक़ा-ए-वारदात पर ही उन्हें वहीं ढेर कर दिया। खुद तेलंगाना के पुलिस कमिश्नर ने इस खबर की पुष्टि शुक्रवार (6 दिसंबर) की सुबह की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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