हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक और अमर्यादित टिप्पणी करने वाली हीर खान उर्फ़ सना को प्रयागराज पुलिस ने 25 अगस्त को गिरफ्तार किया था और आज (29 अगस्त) से इस घटिया मानसिकता की नफरती यूट्यूबर को अब 5 दिनों के लिए पुलिस रिमांड में ले लिया गया है। हीर खान को उसके यूट्यूब चैनल पर हिंदू विरोधी वीडियो पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 28 वर्षीय यूट्यूबर (YouTuber) पर धारा 153A / 505 IPC और 66 IT कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
#Prayagraj_Pol In News.#UPPInNews @Uppolice @ADGZonPrayagraj @igrangealld @dgpup @abishekdixitips pic.twitter.com/e65TakQM3Z
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) August 29, 2020
इन 5 दिनों में, पुलिस उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सख्ती से पूछताछ करेगा, जो इस यूट्यूबर के संपर्क में थे और जो उसके नफ़रत फैलाने वाले अभियान की फंडिंग कर रहे थे। यह माना जा रहा है कि हीर खान के कई इस्लामिक संगठनों और विदेशी कट्टरपंथी गिरोहों से जुड़ाव हो सकता है, जो भारत और खासतौर पर हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं और उसी के लिए हीर जैसी नफरती यूट्यूबर को उकसाते और फँसाते रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार (25 अगस्त) को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद खुल्दाबाद के एसएसपी ने खुद हीर खान से पूछताछ की थी। पूछताछ में हीर खान के सहयोग न करने के कारण, आतंकवाद-निरोधी दस्ते (एटीएस) को बुलाया गया, जिसने उससे पूछताछ करने की कोशिश की, इसके बाद भी उसके इस अपराध के पीछे के कारण का पता नहीं चल सका।
गौरतलब है कि हीर खान की गिरफ्तारी के बाद, प्रयागराज पुलिस ने उसके घर से कई भारत विरोधी और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री बरामद की थी और प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, उन्होंने उससे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जानकारियाँ हासिल की। पुलिस का मानना है कि कई अन्य चीजें भी हैं, जैसे: कौन हीर खान की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की फंडिंग कर रहा था? उसके घर से बरामद महँगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स उसे कहाँ से मिले? हर महीने उसके इस नफरत भरे अभियान पर कितना पैसा खर्च हो रहा था? इस्लामिक संगठनों और विदेशी गिरोहों के साथ हीर खान की क्या साँठगाँठ है? ऐसी कई बाते हैं जिसे जानने की जरूरत है।
इसके अलावा, प्रयागराज पुलिस उसके मामा और उसके अन्य सहयोगियों की भी तलाश में है। प्रयागराज पुलिस द्वारा साझा की गई रिपोर्टों में से एक के अनुसार, उसके चाचा, जिनकी इलाहाबाद के रोशन बाग इलाके में कपड़े की दुकान है। ऐसा माना जाता है कि वह वही था जिसने प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में हीर खान को सीएए और एनआरसी के विरोध में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था, जहाँ उसने सरकार और उसके फैसले के खिलाफ जहर उगली थी।
उसके चाचा के अलावा, पुलिस उसके एक रिश्तेदार की भी तलाश कर रही है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह जमात-ए-इस्लामी-हिंद से जुड़ा हुआ है और इस रिश्तेदार का बेटा भी है, जो छात्र इस्लामिक संगठन (Student Islamic Organization) का सदस्य है। खबरों के मुताबिक, इस पिता-पुत्र की जोड़ी ने हीर खान को कट्टरपंथी बना दिया था और उसे हिंदुओं, सरकार और भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाले इस अभियान के लिए भड़काया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस सऊदी अरब में रहने वाले हीर खान के एक अन्य सहयोगी की तलाश में भी है। वह कथित तौर पर इस घटिया मानसिकता वाली नफरती यूटूबर के लिए धन की व्यवस्था कर रहा था ताकि वह उससे इस तरह का घृणा-अभियान चलवा सके।
अभी तक के जाँच में यह भी पता चला है कि इस्लामिस्ट यूट्यूबर हीर खान सऊदी अरब के कुछ युवाओं के संपर्क में होने के अलावा, व्हाट्सएप पर दो पाकिस्तानी युवकों के साथ नियमित संपर्क में थी। वह हैदराबाद, कानपुर, दिल्ली के कुछ युवाओं के साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्रा और मौलाना के साथ भी नियमित रूप से बातचीत करती रहती थी।
पिछले रिपोर्ट में ऑपइंडिया ने बताया था कि पिछले दो वर्षों में, हीर खान ने देश भर में आयोजित कई डिबेट, विरोध प्रदर्शनों और भारत विरोधी अभियानों में भाग ले चुकी थी। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और खुफिया एजेंसी जिसने हिरासत में भेजे जाने से पहले यूट्यूबर से पूछताछ की थी, ने यह भी खुलासा किया कि हीर जैश प्रमुख आतंकी मसूद अजहर के वीडियो से प्रेरित होने के बाद सोशल मीडिया पर नफरत और जहर फैलाने में लिप्त हो गई थी।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को यूट्यूब चैनल ‘ब्लैक डे 5 अगस्त’ पर यह इस्लामी कट्टरपंथी महिला हीर खान ने एक ऐसा वीडियो शेयर किया था, जिसमें हिन्दू देवी-देवताओं को जम कर गालियाँ बकी गई थी। यूट्यूबर हीर खान ने इस वीडियो में माँ सीता के लिए ‘₹#डी’ शब्द का प्रयोग किया था और अयोध्या को एक ‘₹#डीखाना’ करार दिया था। सोशल मीडिया पर लोगों के आक्रोश के बाद आईपीएस अधिकारी संदीप मित्तल ने यूपी पुलिस और सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग कर नियमानुसार कार्रवाई की अपील की थी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाद में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और अब उसे गिरफ्तार कर लिया था।