Monday, September 30, 2024
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‘योगी जी से कहिए, रिश्ते में मैं उनका बाप लगता हूँ’: कॉन्ग्रेस नेता सलमान खुर्शीद

कॉन्ग्रेस नेता और फर्रुखाबाद से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद ने UP के CM योगी आदित्यनाथ के बारे में बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। खुर्शीद ने रविवार (अप्रैल 22, 2019) को कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि योगी आदित्यनाथ उनसे लड़ाई मानते हैं। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा है कि रिश्ते में मैं उनका बाप लगता हूँ।

दरअसल, फर्रुखाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान कहा था कि बाटला कांड के आतंकियों से सलमान के क्या संबंध थे, किस हैसियत से पैरवी करने गए थे? CM योगी जी के इस बयान से बौखलाए सलमान ने कहा, “मुझे खुशी है योगी मुझसे लड़ाई मानते हैं, अगर उन्होंने मेरे बारे में कुछ कहा है तो जब चाहे जहाँ चाहे मुझसे बहस कर लें। अगर हो सके तो किसी गौशाला में बहस कर लें, ताकि पता चले कि गाय उनके साथ है या हमारे साथ है।”

योगी आदित्यनाथ द्वारा बाटला कांड प्रकरण उजागर करने से तिलमिलाए सलमान खुर्शीद ने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा, “योगी जी से कहिए रिश्ते में मैं उनका बाप लगता हूँ। आप लोग क्या कहेंगे कि बेटा कितना नाकारा निकला। गौमाता को खाना भी पूरा नहीं पहुँचता। किसी और से चोरी करें तो समझ में आता है, लेकिन जिसको माँ कहा उससे चोरी किए, चारे की चोरी?”

सलमान खुर्शीद के इस बयान को लेकर विवाद हो सकता है। कॉन्ग्रेस पार्टी ने सलमान खुर्शीद को फर्रुखाबाद से चुनावी मैदान में उतारा है।

CM योगी ने बिजनौर में एक चुनावी जनसभा में कहा था, “आप देख सकते हैं कि राजनीति किस स्तर पर चली गई है। जो लोग बाबा साहेब का अपमान करते थे, आज उसके लिए मायावती चुनाव प्रचार कर रही हैं। जो लोग भारत का सम्मान नहीं करते हों, वो लोग वोट पाने लायक नहीं हैं।” 

8 धमाकों के बाद कोलंबो एयरपोर्ट के पास मिला 9वाँ बम, बाल-बाल बची ये भारतीय अभिनेत्री

श्रीलंका में 8 सीरियल बम धमाकों के बीच कोलंबो के मुख्य एयरपोर्ट के नजदीक एक और बम मिला, जिसे श्रीलंका की एयरफोर्स ने निष्क्रिय कर दिया। स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार यह एक IED पाइप बम था जो रविवार (अप्रैल 21, 2019) शाम कोलंबो एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल की ओर जाने वाले सड़के के करीब मिला। श्रीलंका एयरपोर्स के प्रवक्ता गिहान सेनेविरात्ने ने बताया कि संभवत: यह बम स्थानीय स्तर पर बनाया गया है।

यह बम श्रीलंका में हुए 8 सीरियल बम धमाकों के बाद मिला। एयरफोर्स के एक प्रवक्ता ने बताया, “यह करीब 6 फुट का एक पाइप बम था, जो सड़क के किनारे मिला। हमने इसे हटा दिया और निष्क्रिय कर दिया है।” पुलिस ने श्रीलंका में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद 13 लोगों को हिरासत में लिया है। साथ ही बम धमाकों के बाद कई जगह लगाये गये कर्फ्यू को भी सोमवार सुबह 6 बजे हटा लिया गया।

हमले में बाल-बाल बची भारतीय अभिनेत्री

तमिल फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस राधिका सरथकुमार रविवार को श्रीलंका के कोलंबो में हुए बम विस्फोटों से बाल-बाल बच गईं। राधिका सरथकुमार विस्फोट होने से कुछ ही मिनट पहले विमान से चेन्नई जाने के लिए होटल से निकली थीं। राधिका ने ट्वीट कर बताया कि वह इन हमलों की वजह से सदमे में हैं।

उन्होंने लिखा, “हे भगवान, श्रीलंका में बम विस्फोट हुए, भगवान सभी के साथ रहे। मैं अभी-अभी सिन्नामोन्ग्रैंड होटल से बाहर निकली हूँ और फिर विस्फोट होने की सूचना मिली। इस दुखद घटना पर विश्वास नहीं हो रहा है। कोलंबो में आतंकवादियों का यह हमला निदंनीय है। हमलों में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों के साथ हमारी संवेदनाएँ हैं।”

श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर रविवार को गिरजाघरों और पांच सितारा होटलों में एक के बाद एक सीरियल बम धमाकों में अब तक कम से कम 290 लोगों की मौत को पुष्टि हो चुकी है। श्रीलंका में यह धमाके ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन गिरजाघर और बट्टिकलोवा के जियोन गिरजाघर में हुए। वहीं, कोलंबो के तीन फाइव स्टार होटलों- शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी को भी निशाना बनाया गया।

इन धमाकों की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है। इस हादसे में 5 भारतीयों के भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के अनुसार इन सीरियल धमाकों में दो आत्मघाती हमले हैं। पुलिस की एक टीम जब कोलंबो के उत्तरी क्षेत्र में ओरुगोडवाटा में एक घर में तलाशी के लिए पहुंची तो वहां मौजूद एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। यह आठवां बम धमाका था जिसमें तीन पुलसवाले मारे गये। पहले धमाकों की खबर कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर और राजधानी के बाहर नेगोम्बो में सेंट सेबेस्टियन गिरजाघर से आयी।

मोहम्मद अज्जाम ईस्टर की सुबह नाश्ते के लिए सबसे आगे खड़ा था, उसके बाद किया बम ब्लास्ट

श्रीलंका में हुए 8 बम धमाकों में से एक होटल में ब्लास्ट करने वाले हमलावर के बारे में जानकारी सामने आई है। आत्मघाती हमलावर ब्लास्ट करने से कुछ वक्त पहले तक नाश्ते के लिए होटल की कैंटीन में लाइन में लगा था। सिनामो ग्रैंड होटल के एक अधिकारी के अनुसार हमलावर मोहम्मद अज्जाम मोहम्मद एक रात पहले ही वहाँ आकर ठहरा था। होटल के मैनेजर ने बताया कि वह आतंकी खचाखच भरे रेस्तरां में ईस्टर की सुबह नाश्ते के लिए लाइन में सबसे आगे आकर खड़ा हो गया और फिर बम ब्लास्ट कर दिया। 

मैनेजर ने बताया कि उस वक्त काफी भीड़ थी। इस हमले में होटल का एक कर्मचारी भी मारा गया, जो लोगों को ब्रेकफस्ट परोसने के काम में लगा था। इस होटल में वीकेंड के मौके पर आमतौर पर भारी भीड़ रहती है। मैनेजर ने बताया, “उसने हाथ में प्लेट पकड़ रखी थी और जब उसे खाना परोसा जाने वाला था, तभी उसने इस हमले को अंजाम दिया।”

फर्जी पते पर होटल में ठहरा था हमलावर मोहम्मद अज्जाम मोहम्मद

मैनेजर ने बताया, “उस वक्त सुबह के साढ़े आठ बज रहे थे और व्यस्तता थी। वहाँ काफी परिवार थे। हमलावर कतार में सबसे आगे आया और वहाँ विस्फोट कर दिया। हमारे प्रबंधकों में से एक, जो उस वक्त अतिथियों का स्वागत कर रहे थे, उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हमलावर की भी मौत हो गई। पुलिस उसके शव को मौके से ले गई।” होटल के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमलावर श्रीलंकाई नागरिक था और वह एक फर्जी पते पर होटल में ठहरा था। उसने बताया था कि वह कारोबार के सिलसिले में शहर में रुका था। 

200 से ज्यादा लोगों की मौत

होटल सिनामो ग्रैंड में जिस वक्त बम ब्लास्ट हुआ, उसी समय दो अन्य होटलों शंगरी-ला और किग्सबरी में भी धमाके हुए थे। इसके अलावा तीन चर्चों में भी ब्लास्ट से अफरातफरी मच गई। कुल 8 धमाकों में अब तक 290 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हैं। श्रीलंका की ऐतिहासिक सेंट एंथनी चर्च में हुआ विस्फोट इतना ताकतवर था कि उसकी छत का बड़ा हिस्सा नीचे आ गिरा। इन धमाकों में 5 भारतीयों समेत 35 विदेशी नागरिकों की भी मौत की खबर है।

Pak के ‘परमाणु बटन’ को लेकर PM मोदी ने ली चुटकी, कहा हमने न्यूक्लियर बम दिवाली के लिए रखे हैं क्या?

लोकसभा चुनाव की गहमागहमी जारी है। इसी बीच राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की धमकियों से डरने की नीति को छोड़ दिया है, वर्ना आए दिन बोलते रहते थे, हमारे पास न्यूक्लियर बटन है… हमारे पास न्यूक्लियर है बटन… तो हमारे पास क्या है भाई… क्या हमने इसे दिवाली के लिए रखा है?

पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दिया, ये ठीक हुआ ना? आप भी यही चाहते हैं ना? हमने आतंकियों के मन में डर पैदा किया, ये ठीक किया ना? हमने पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकाल दी, उसे कटोरा लेकर घूमने के लिए मजबूर कर दिया, ठीक किया ना?”

पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को मिली खुली छूट के कारण पहले हमारे देश में आतंकी हमले बहुत आम थे। इसे बदलते हुए आतंक के सरपरस्तों को सबक सिखाने के लिए, उन्हें उनके घर में घुसकर मारा। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि यहाँ अनेक पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में हिस्सा लिया था। तब हमारे सैनिकों के शौर्य के कारण पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा हमारे कब्जे में था, 90 हज़ार पाक सैनिक हमारे पास थे, लेकिन उसके बाद शिमला में क्या हुआ? दुनिया भर से जो दबाव भारत पर पड़ा, उसको तब की सरकार झेल नहीं पाई। 90 हज़ार सैनिक भी वापस कर दिए और सारी ज़मीन भी।

इसके अलावा रैली में पीएम मोदी ने और भी बातें कहीं और जनता ने भी उतने ही जोश के साथ उनका साथ दिया। प्रधानमंत्री ने बाड़मेर से देश को आश्वस्त किया कि अब देश बदल चुका है। भारत ने अब झुकने की नीति छोड़ दी है। आज देश एक मजबूत हाथों में है।

दिल्ली, पंजाब व MP की 7 सीटों के लिए BJP ने जारी की सूची, सुमित्रा महाजन नहीं लड़ेंगी चुनाव

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की 23वीं सूची जारी कर दी है, जिसमें दिल्ली की 4 सीटें भी शामिल हैं। दिल्ली की चारों सीटों पर वर्तमान सांसदों को ही टिकट दिया गया है। चाँदनी चौक से 2014 के आम चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को हराने वाले डॉक्टर हर्षवर्धन का टिकट बरकरार रखा गया है। भाजपा ने एक बार फिर उनकी साफ़-सुथरी छवि और सौम्य व्यक्तित्व के आधार पर इस सीट को जीतने की उम्मीद लगाई है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी नार्थ-ईस्ट दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट पर पूर्वांचलवासियों की अच्छी-ख़ासी तादाद है और पूर्वांचल के लोगों के बीच लोकप्रिय भोजपुरी गायक-अभिनेता के लिए ये सुरक्षित सीट मानी जा रही है।

भाजपा प्रत्याशियों की नई सूची

वेस्ट दिल्ली से वर्तमान सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा पर ही भरोसा जताया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने पिछले आम चुनाव में रिकॉर्ड 2,68,586 वोटों से जीत दर्ज की थी। ये दिल्ली आम चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था। प्रवेश ने इसका श्रेय अपने पिता द्वारा किए गए कार्यों और मोदी लहर को दिया था। साउथ दिल्ली से वर्तमान सांसद रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया गया है। अभी एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने उन पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाया था। पार्टी ने बिधूड़ी का रिपोर्ट कार्ड जारी कर उन पर कई आरोप लगाए थे।

इस सूची में मध्य प्रदेश की इंदौर सीट के लिए शंकर लालवानी का नाम तय किया गया है। वर्तमान सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की संगठनात्मक जिम्मेदारियों का हवाला देकर इस सीट से न लड़ने की बात कही थी। इसके बाद लम्बे समय से स्थानीय स्तर पर सक्रिय लालवानी का नाम फाइनल किया गया। इंदौर भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है क्योंकि यहाँ लगातार पिछले 8 चुनावों से ताई के नाम से पुकारी जाने वाली सुमित्रा महाजन का कब्ज़ा है और 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब वो चुनाव नहीं लड़ रही हैं।

पंजाब के अमृतसर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम तय किया गया है। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके पुरी को मंत्री बनाने के बाद राज्यसभा में निर्विरोध चुना गया था। अमृतसर में पिछले चुनाव में अरुण जेटली को हार मिली थी। ऐसे में भाजपा ने स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दा फिर से न उछले, इसी बात को ध्यान में रखकर पुरी को टिकट दिया है।

उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ समझौता न होने के कारण भाजपा ने हरिनारायण राजभर का नाम घोषित कर दिया। हरिनारायण ने 2014 में पहली बार इस सीट पर भगवा परचम लहराया था। राजभर की संसद में उपस्थिति 95% से भी अधिक रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दो टूक कह दिया था कि वो या उनके पुत्र भाजपा के चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ेंगे। पिछले सप्ताह ही उन्होंने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये थे। उपर्युक्त सभी सीटों पर छठे और सातवें चरण में मतदान होना है।

VIDEO: बेगूसराय में कन्हैया को दिखाए काले झंडे, वामपंथी गुंडों ने घर में घुसकर की मारपीट

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार का बेगूसराय सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। CPI ने यहाँ से कन्‍हैया कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। कन्‍हैया कुमार ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का प्रमुख चेहरा हैं। वह देशविरोधी नारों का आरोप झेल रहे हैं। कहते हैं कि पुराने कर्म फल देते हैं शायद यही कारण होगा कि उनके पुराने ‘कर्मों’ की तपिश जब-तब उन्हें झुलसा जाती है।

उनके ‘देश-द्रोही’ विचारों के कारण बेगूसराय में पहले भी उनका विरोध किया गया था। आज फिर ऐसी ही एक रैली में कन्‍हैया कुमार का कुछ स्थानीय लोगों द्वारा किया गया। गाँव वालों ने कन्‍हैया कुमार का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए। इसके बाद मामला गरमा गया और कन्‍हैया कुमार के समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विरोध और घृणा की राजनीति करने वालों से अपना विरोध बर्दास्त नहीं हुआ।

यह घटना उस समय हुई जब कन्हैया गढ़पुरा प्रखंड के कोरए गाँव से गुजर रहे थे। विरोध करने वाले लोगों और कन्‍हैया के समर्थकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। कुछ मीडिया रिपोर्टों में तो यह भी कहा गया कि कन्‍हैया के समर्थकों ने काले झंडे दिखाने आए लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसके अलावा कई लोगों के घर में घुसकर भी कन्हैया समर्थकों द्वारा मारपीट की गई।

बता दें कि बेगूसराय सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। इस सीट पर बीजेपी ने गिरिराज सिंह को उतारा है तो महागठबंधन ने इस सीट से तनवीर हसन को अपना चेहरा बनाया है। पिछले दिनों महागठबंधन के मंच से भी कन्हैया कुमार को देशद्रोही कहा गया था, जिस पर वामपंथी धड़े में आक्रोश की लहर है। वहीं बेगूसराय की जनता भी उनके ‘देशविरोधी’ विचारों की वजह से उनसे नाराज़ चल रही है, जिससे चुनाव प्रचार के दौरान झड़प और हाथापाई की खबरें भी आ रही हैं।

रोहित शेखर हत्या मामले में अपनों पर गहराया पुलिस का शक, पत्नी बार-बार बदल रही बयान

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व दिवंगत कॉन्ग्रेस नेता एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की हत्या के मामले में नित नए ख़ुलासे हो रहे हैं। अब पुलिस के शक की सूई रह-रह कर घरवालों पर ही टिक जा रही है। अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, रोहित शेखर की पत्नी अपूर्वा शुक्ला बार-बार अपना बयान बदल रही हैं। पुलिस के पास ऐसे अन्य कारण भी हैं, जिनसे उसका शक अपूर्वा पर गहराता जा रहा है। इस मामले को लेकर एक पड़ोसी ने भी चौंकाने वाला खुलासा किया है। रोहित शेखर के पड़ोसी ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही पति-पत्नी में ज़ोरदार झगड़ा हुआ था।

उधर रोहित की माँ उज्ज्वला ने अपूर्वा शुक्ला व उनके परिवार पर पर अपने दोनों बेटे रोहित और सिद्धार्थ की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए साज़िश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अपूर्वा की नज़र उस प्रॉपर्टी पर थी जो सुप्रीम कोर्ट के नज़दीक है और अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में ही प्रैक्टिस करती हैं। उज्जवला ने कहा कि अपूर्वा का परिवार मनी-माइंडेड है। उन्होंने कहा कि दोनों का प्रेम विवाह हुआ था और पहले दिन से ही सबकुछ ठीक-ठाक नहीं था। 16 अप्रैल को सुबह 2 बजे से 4 बजे के बीच रोहित के फोन से किए गए कॉल्स को पुलिस खंगाल रही है। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार रोहित की मृत्यु 1.30 बजे हो चुकी थी। घटना वाली रात अपूर्वा ढाई बजे तक जगी हुई थी, इस बात का खुलासा उसके मोबाइल की सीडीआर चेक करने से हुआ है।

रोहित-अपूर्वा के बीच हुआ झगड़ा इतना बढ़ गया था कि दिल्ली पुलिस को कॉल कर पीसीआर बुलाना पड़ा था। पुलिस इन सभी पहलुओं की बारीकी से जाँच कर रही है। पहले रोहित की माँ ने भी अपने बेटे की मौत को प्राकृतिक बताया था लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ और ही निकला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मालूम चला कि उनकी मौत हॉर्ट अटैक से नहीं, बल्कि गला, मुँह और नाक दबने के कारण हुई है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि रोहित को पहले नशीला पदार्थ दिया गया, उनके बेसुध होने पर उनकी हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित की गर्दन की दो हड्डियाँ टूटी हैं।

रोहित की माँ ने मीडिया को बताया कि घटना की रात रोहित देर से लौटा था। पूछने पर उसकी पत्नी अपूर्वा ने बताया कि वो थक कर सो गया है। रोहित ने कमरे से निकलकर अपनी माँ से बातचीत भी की थी। इसके बाद उनकी माँ उज्जवला अपने सरकारी निवास के लिए निकल गई थी। अगले दिन उज्जवला जब पहुँचीं तो अपूर्वा ने बताया कि रोहित अभी तक सो ही रहा है। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल गई उज्जवला को फोन आया कि रोहित की तबियत ख़राब है। असपताल से एम्बुलेंस के साथ रोहित के घर पहुँचीं उनकी माँ उज्ज्वला ने देखा कि अपूर्वा अपने पति को कार में लिटा रही थीं।

चर्चा है रोहित के अवैध संबंधों के कारण पति-पत्नी में तनाव चल रहा था। अमर उजाला की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रोहित के किसी महिला के साथ अवैध सम्बन्ध थे। पुलिस द्वारा रोहित की पत्नी अपूर्वा के अलावा सौतेले भाई सिद्धार्थ, रोहित की भाभी कुमकुम, घर के नौकर मारथा से भी काफी देर पूछताछ की गई। रोहित के फोन से कुमकुम को कई बार कॉल किया गया था।

MCU के 20 प्रोफेसरों पर FIR, राकेश सिन्हा ने कहा ‘शिक्षाविदों की आवाज़ दबा रहे कमलनाथ’

भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के 19 प्रोफेसरों व पूर्व कुलपति के ख़िलाफ़ एफआईर दर्ज की गई है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के 19 प्रोफेसरों व एक पूर्व कुलपति के ख़िलाफ़ ये एफआईआर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई। सभी प्रोफेसरों पर धोखाधड़ी एवं आपराधिक षड़यंत्र का आरोप दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि 2003 से 2018 तक संस्थान में यूजीसी के नियमों को ताक पर रखते हुए नियुक्तियाँ की गई हैं। इन 15 वर्षों में मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार थी।

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह बघेल ने पत्र लिखकर इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन इस कार्रवाई के बाद उन्होंने भी कहा कि ईओडब्ल्यू को जाँच के बाद ही कोई क़दम उठाना चाहिए था। पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला और 19 अन्य प्रोफेसरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा है। सिन्हा ने कहा कि कमलनाथ सरकार शिक्षाविदों की आवाज़ दबाने का कार्य कर रही है।

आरएसएस विचारक सिन्हा ने कहा कि नए कुलपति दीपक तिवारी की नियुक्ति में मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया। जैसा कि नियम है, महापरिषद की बैठक बुलाकर अनुमोदन करना होता है, जो इस मामले में नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति ग़लत तरीके से हुई है। अकेडमिशियन्स फॉर फ्रीडम के बैनर तले बोलते हुए सांसद सिन्हा ने कमलनाथ सरकार पर एकपक्षीय कार्रवाई करने और आरोपितों का पक्ष नहीं सुनने का आरोप भी मढ़ा।

इस मामले को लेकर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन सौंपने के बाद राकेश सिन्हा ने पूरे मामले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को घेरते हुए कहा:

“कमलनाथ सरकार के सात विधायक विद्रोह पर उतर आए हैं। ये सातों विधायक विवि के ख़िलाफ़ कार्रवाई से नाखुश हैं। कॉन्ग्रेस के तीन अन्य विधायक भी मुझसे मिलने वाले हैं। यह लड़खड़ाती हुई सरकार कभी भी गिर सकती है। अगर विवि के प्रोफेसरों पर से एफआईआर वापस नहीं हुई तो पूरे देश के शैक्षणिक संस्थाओं के साथ आंदोलन करेंगे।”

माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्य कर चुके सिन्हा ने कहा कि ये दिल्ली विश्वविद्यालय और एमसीयू के बीच सर्विसेज के ट्रांसफर का मामला है। उनके इसके लिए दोनों जगहों से कोई सैलरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि उन्हें राष्ट्रपति की तरफ से पाँच लाख रुपए ज़रूर मिले लेकिन उन्होंने इन रुपयों से अपनी बीमार माँ का उपचार कराने की जगह एक एक दलित परिवार की मदद की। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस राशि को दलित परिवार को दान दे दिया।

राकेश सिन्हा ने कमलनाथ सरकार पर राज्य में आपातकाल जैसा माहौल पैदा करने का आरोप लगाया। राकेश सिन्हा पर बिना पढ़ाई भुगतान लेने का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि कुठियाला ने अपने कार्यकाल के दौरान एबीवीपी, राकेश सिन्हा सहित अन्य संस्थाओं व व्यक्तियों को फायदा पहुँचाया। सिन्हा ने कहा कि संघ से जुडी किसी भी संस्था को वित्तीय फ़ायदा नहीं पहुँचाया गया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ दलित विरोधी हैं क्योंकि इन 20 प्रोफेसरों में से कई दलित भी हैं।

इस्लाम बनाम ईसाई: श्री लंका बम धमाके, चर्च, 200 लाशें, जाहरान हाशिम, अबु मुहम्मद…

जुम्मे की नमाज़ पढ़ी जा रही थी, और न्यूज़ीलैंड में एक ईसाई आतंकवादी ने मस्जिदों को निशाना बनाया। बात लगभग एक महीने पहले की है। उसके बाद इंग्लैंड के बर्मिंघम इलाके के कुछ मस्जिदों पर कुछ लोगों ने हथौड़े चला दिए। बयान आया कि समुदाय विशेष की जनता डर कर जी रही है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार 2016-17 में कुल 80,393 हेट क्राइम, यानी घृणाजन्य अपराध, के मामले सामने आए जो कि 2015-16 में 62,518 थे।

न्यूज़ीलैंड के ईसाई आतंकी ने साफ शब्दों में लिखा था, “मुस्लिम शरणार्थी हमारी भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं। यह भूमि श्वेतों की है।” उसने यह चिंता जताई थी कि बाहर से आए मुस्लिम अधिक प्रजनन करके पश्चिमी देशों की धार्मिक जनसांख्यिकी को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं और पश्चिमी देशों की संस्कृति व शांति भंग कर रहे हैं। उसने इस्लामी आतंक द्वारा यूरोप में मची तबाही का भी ज़िक्र किया था।

जब मार्च में यह हमला हुआ और 50 लोग मरे, तब से यह एक शुरुआत की तरह देखा जाने लगा। हमें पोलिटिकली करेक्ट होकर स्वीकारने में भले ही अनंत काल लग जाए, लेकिन सत्य यही है कि बड़े आतंकी हमलों के केन्द्र में इस्लामी विचारधारा और आईसिस का झंडा है। विचारधारा से मतलब यह नहीं है कि पूरा मज़हब और हर मुस्लिम ही आतंकवादी हो गया, बल्कि यह कि जितनी भी ऐसी आतंकी घटनाएँ होती हैं, उसका सूत्रधार एक ही मज़हब का होता है। मैं मजहबी आतंक की बात कर रहा हूँ, न कि आतंक की परिभाषा में जाकर नक्सली और स्थानीय हिंसक झड़पों को इसमें शामिल कर रहा हूँ।

क्राइस्टचर्च की घटना के तुरंत बाद बर्मिंघम के मस्जिदों पर हमला और आज श्री लंका के चर्चों को निशाना बनाकर 200 जानें ले लेना, यह बताता है कि जो साम्राज्यवादी मज़हब, अब खुल कर सामने आ गए हैं। भले ही तमाम मीडिया हाउस और अतंरराष्ट्रीय संस्थाएँ श्री लंका की घटना को कवर करते हुए अंत में ‘लिट्टे’ आतंकी संगठन की बात कर देते हैं, लेकिन जाहरान हाशिम और अबु मुहम्मद नाम के आत्मघाती हमलावर, इसे मजहबी बात ही बनाते दिखते हैं। बाकी हमलावरों के नाम भी धीरे-धीरे सामने आएँगे, लेकिन अभी तक की सूचना के हिसाब से ये मसला इस्लाम बनाम ईसाई का ही लग रहा है।

दो मज़हब, जिनका इतिहास आक्रमण, उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद, हिंसा, युद्धों और आतंकी वारदातों से सना हुआ है, अब एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े दिखते हैं। आज भी इनका केन्द्रीय उद्देश्य लोगों को ईसाई और मुस्लिम बनाना ही है। भारत जैसा देश इन दोनों मज़हबों के लिए फ़ाइनल फ़्रंटियर रहा है जहाँ सैकड़ों सालों के शासन और अत्याचार के बाद भी इन दोनों मज़हबों के शासकों को यहाँ की हिन्दू आबादी को कन्वर्ट करा कर पूरी तरह से ईसाई या इस्लामी बनाने में बहुत ज़्यादा सफलता नहीं मिली।

लेकिन, कोशिशें जारी हैं। आतंकी वारदातों के आलोक में, आज आलम यह है कि यूरोप जैसे महादेश के लगभग हर बड़े शहर में इस्लामी आतंक की छाप पड़ चुकी है, और पोलिटिकली करेक्ट होने के चक्कर में ये देश न सिर्फ इस्लामी आतंक को इस्लामी कहने में शर्माते रहे बल्कि सीरिया जैसे मुल्कों के शरणार्थियों को अमेरिकी स्टेट-स्पॉन्सर्ड आतंक के बाद अपने देश में जगह देते रहे।

हालात ऐसे बिगड़े कि जर्मनी में नए साल पर इन शरणार्थियों ने महिलाओं के साथ रेप किया, छेड़छाड़ किया और स्वीडन को विश्व का रेप कैपिटल बना दिया। स्वीडन दुनिया के शांत जगहों में से एक था, फिर उन्होंने मानवतावश शरणार्थियों को जगह दी, और आज की तारीख़ में हर एक लाख की आबादी पर बलात्कार के प्रतिशत में यह दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है।

पैटर्न वही रहा, पहले शरण माँगी, फिर अपने इलाके बनाए, फिर इलाकों में दूसरों को आने से मना किया, फिर अपने अधिकारों की बात करने लगे, और फिर अपराध अचानक से बढ़ गए। फ़िलहाल, स्वीडन ने अब इन्हें स्किल ट्रेनिंग देकर कहीं और भेजने की नीति अपनाई है ताकि वो कहीं और जाकर रोजगार कर सकें, उन्हें स्वीडन की नागरिकता या रेज़िडेंसी नहीं दी जाती।

ज़ाहिर है कि यूरोप अपने ख़ूनी इतिहास के दौर से बाहर आने के बाद, पूरी दुनिया को लूटने और ग़ुलाम बनाने के बाद, आज स्वयं क़रीब-क़रीब निगेटिव ग्रोथ का शिकार है, जहाँ हर देश अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहा है। लूट का माल ब्रिटेन और स्पेन जैसों को पचास साल से ज्यादा मदद नहीं कर पाया। ग्रीस, इटली, स्पेन और बाकी कई देशों में बेरोज़गारी चरम पर है, लोग सरकारों से नाराज हैं।

और इन्हीं मौक़ों पर बेल्जियम से लेकर फ़्रांस तक, मैड्रिड, बार्सीलोना, मैन्चेस्टर, लंदन, ग्लासगो, मिलान, स्टॉकहोम, फ़्रैंकफ़र्ट एयरपोर्ट, दिजों, कोपेनहेगन, बर्लिन, मरसाई, हनोवर, सेंट पीटर्सबर्ग, हैमबर्ग, तुर्कु, कारकासोन, लीज, एम्सटर्डम, अतातुर्क एयरपोर्ट, ब्रुसेल्स, नीस, पेरिस में या तो बम धमाके हुए या लोन वूल्फ अटैक्स के ज़रिए ट्रकों और कारों से लोगों को रौंद दिया गया। हर बार आईसिस या कोई इस्लामी संगठन इसकी ज़िम्मेदारी लेता रहा और यूरोप का हर राष्ट्र अपनी निंदा में ‘इस्लामोफोबिक’ कहलाने से बचने को लिए इसे सिर्फ आतंकी वारदात कहता रहा।

पिछले पाँच सालों में यूरोप में 20 से ज़्यादा बड़े आतंकी हमले हुए हैं, जिसमें महज़ 18 महीने में 8 हमले सिर्फ फ़्रान्स में हुए। इस्ताम्बुल में तीन बार बम विस्फोट और शूटिंग्स हुईं। बेल्जियम, जर्मनी, रूस और स्पेन इनके निशाने पर रहे। यूरोपोल द्वारा 2017 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार आईसिस ने यूरोप में आतंकी हमलों के लिए वहाँ शरण पाने वाले मुस्लिमों की मदद ली। स्वीडन की न्यूज एजेंसी टिडनिन्गारनास टेलिग्रामबायरा के अनुसार पश्चिमी यूरोप में हुए 37 हमलों में दो तिहाई हमलावर (68 में से 44) घृणा फैलाने वाले लोगों के प्रभाव में आकर हमला करने को तैयार हुए। उनका रेडिकलाइजेशन ऑनलाइन नहीं था, बल्कि उन्हें निजी तौर पर मिलने के बाद ऐसा करने को कहा गया, और वो तैयार हुए।

ज़ाहिर है कि जो लोग सताए गए हैं, वो एक समय पर इन सबसे पक जाएँगे। शायद बड़ी संस्थाएँ भी पक जाएँगी क्योंकि दोनों में होड़ लगी है कि किसके मज़हब को सबसे ज़्यादा लोग अपनाएँ। ऐसे में पीड़ित आबादी का एक व्यक्ति व्हाइट सुप्रीमेसिज्म या ‘श्वेतों की धरती’ के लिए हथियार उठा कर, अगर न्यूज़ीलैंड के मस्जिदों पर हमला कर देता है, तो ज़ाहिर है कि वैसे लोगों को बल मिलेगा जो ऐसा करना चाहते थे।

कल को यह पता चले कि जैसे आईसिस एक आतंकी समूह की तरह दुनिया हर गैरमुस्लिम आबादी को निशाना बना रहा है, वैसे ही ईसाई भी इस्लामी मुल्कों की आबादी को अपना निशाना बनाने लगें। ऐसी स्थिति कोई नहीं चाहता लेकिन बर्मिंघम में पाँच मस्जिदों पर लोगों ने क्यों हमला किया? आखिर एक साल में हेट क्राइम में लगभग 30% की बढ़ोतरी क्यों हो गई?

आज श्री लंका में चर्चों को निशाना बनाया गया। यहाँ तो उद्देश्य स्पष्ट है कि ईसाई निशाने पर थे। कुछ बड़े होटलों को भी निशाना बनाया गया जहाँ ईस्टर की प्रार्थनाएँ हो रही थीं, और कुछ विदेशी मौजूद थे। श्री लंका के लोग तो बाहर जा कर किसी दूसरे देश में आतंक नहीं मचाते, फिर इनके यहाँ के ईसाईयों को क्यों निशाना बनाया गया?

ज़ाहिर है कि यहाँ देश तो पिक्चर में है ही नहीं, यहाँ दूसरे मज़हब को टार्गेट करना था, वो जहाँ मिला इन्होंने कर दिया। श्री लंका जैसा छोटा देश ऐसी वारदातों के लिए उपयुक्त लगा होगा क्योंकि उन्हें लिट्टे की समाप्ति के बाद कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं झेलना पड़ा था, और उन्हें इसकी भनक भी न लगी हो।

इसी समय, एक और बात ज़रूरी है कहनी। वो यह कि हमें हर ऐसी आतंकी घटना के बाद अपने देश की सुरक्षा एजेंसियों को धन्यवाद देना चाहिए कि हमारे यहाँ वैसा हमला नहीं हुआ। ऐसे हमले हर दिन होते हैं, और कहीं न कहीं दसियों लोग मारे जाते हैं। चूँकि हमारी सुरक्षा में हमारे देश का सूचना तंत्र और एजेंसियाँ लगी होती हैं, तो हम ऐसे ख़तरों से बच जाते हैं। दो सालों में एक चूक होती है, और पुलवामा घटित हो जाता है। आतंकियों को एक दिन चाहिए आरडीएक्स का कार लेकर भिड़ जाने में, सरकारों को हर दिन मुस्तैद होना पड़ता है क्योंकि हमले की योजना हर दिन बनती है।

टीम मोदी बनाम ‘महामिलावट’: BJP ने जारी किए कुछ मजेदार एनिमेटेड वीडियो

सात चरणों के लोकसभा चुनाव में तीसरे चरण का चुनाव प्रचार लगभग थमने वाला है। भाजपा अभी तक अपनी बढ़त बनाए हुए है न सिर्फ राजनीतिक धरातल पर बल्कि प्रचार अभियान में भी। जबकि विपक्षी गठबंधन के भीतर नेतृत्व की कमी साफ दिखाई दे रही है। जिसे टारगेट करते हुए बीजेपी ने कुछ अनूठे एनिमेटेड वीडियो जारी किए हैं।

भाजपा के ट्विटर हैंडल ने अवसरवादी महागठबंधन के निहित विचारों को लक्षित करने के लिए एनिमेटेड वीडियो की एक श्रृंखला पोस्ट की है। भाजपा ने आईपीएल और विश्व कप के साथ क्रिकेट की थीम और फुटबॉल जैसे अन्य खेलों का उपयोग करते हुए अपने सन्देश को आसान कर मतदाताओं को यह बताने की कोशिश की है कि कैसे भाजपा के पास एक निश्चित नेतृत्व और महागठबंधन के भीतर नेतृत्व शून्यता है।

वीडियो की एक श्रृंखला में, भाजपा ने उन्हें मिलावटी गठबंधन बताते हुए महागठबंधन पर कटाक्ष किया है। एनिमेटेड वीडियो में दर्शाया गया है कि गठबंधन के नेता बनने के लिए अवसरवादी क्षेत्रीय नेता आपस में कैसे लड़ रहे हैं। वीडियो की टैगलाइन है – “ये महामिलावट की टीम जाएगी हार, फिर एक बार मोदी सरकार।

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर कटाक्ष करते हुए, भाजपा ने उनके अदूरदर्शी और दिशाहीन नेतृत्व को लेकर भी कुछ वीडियो जारी किए हैं।

अपने वीडियो के माध्यम से, भाजपा ने लोगों को यह बताने का प्रयास किया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमले करने के साथ आतंक पर कड़ी कार्रवाई की है। इसमें मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की भी आतंक और पाकिस्तान के प्रति नरमी बरतने के लिए आलोचना की गई है।

कल कॉन्ग्रेस ने ‘भक्त चरित्र’ जारी कर बीजेपी पर वॉर करना चाहा था लेकिन कॉन्ग्रेस का वह वीडियो बीजेपी कम हिंदुत्व पर प्रहार ज़्यादा था – और यही बैक फायर कर गया। आज बीजेपी ने खेल-खेल में विपक्ष पर करारा हमला भी किया और खेलों का प्रचार भी। जिसे सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ लिया गया। अभी तो चुनाव प्रचार के चार महत्वपूर्ण चरण बाकी हैं। पता नहीं बीजेपी ने अभी कितने रहस्य बचाकर रखे हैं। लेकिन जो भी हो 2019 का लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे और दिलचस्प होता जा रहा है।