Friday, April 19, 2024

सामाजिक मुद्दे

33 साल पहले निकला था सलमान रुश्दी की मौत का फरमान, अब हुआ जानलेवा हमलाः मोहम्मद जुबैर के कारण इसी खतरे में नूपुर शर्मा...

सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद नुपूर शर्मा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। लगातार ऐसे संदिग्ध मिल रहे हैं जिनका मकसद नुपूर की हत्या का है।

सितारे गर्त में… क्योंकि दूध का जला भारत अब दही भी फूँक-फूँक कर खा रहा: राजनीति हो या फिल्म आपका ‘चुनाव’ ही इनकी निर्लज्जता...

राजनीति हो या खेल। साहित्य हो या मनोरंजन। प्रशासन हो या न्यायपालिका। शिक्षा हो या खेती-किसानी... कोई क्षेत्र निर्लज्ज विशेषज्ञता से वंचित नहीं है।

स्वतंत्रता के 75वें साल में भी वही मजहबी खतरे, किस ‘अवतार’ की प्रतीक्षा में हैं हिंदू: आखिर कब तक सरकार से सवाल को ही...

यह आवश्यक नहीं कि हिंदू किसी खास संगठन, दल के साथ खड़े हों। जरूरी है कि हिंदू के साथ हिंदू खड़े हों।

नाचो-गाओ, देह दिखाओ… सब मजहब को कबूल; लेकिन मंदिर जाना-फरमानी नाज का ‘हर-हर शंभू’ गाना गैर मजहबी: एक इस्लाम के दो पैमाने क्यों

फरमानी नाज की एक भजन वीडियो रिलीज होने के बाद कट्टरपंथी उन्हें मजहब का ज्ञान देने में लगे हैं जबकि फरमानी का कहना है कि कलाकार का कोई धर्म नहीं होता।

दरगाहों से हिंदुओं ने मोड़ा मुँह तो गैर इस्लामी हुआ ‘सिर तन से जुदा’, उस PFI की कुर्बानी भी कबूल जो भारत को मुस्लिम...

जिस आर्थिक बहिष्कार की बात होती है, वह हिंदू आज भी नहीं कर पाए हैं। लेकिन हिंदुओं के छिटपुट प्रयासों और दगाहो-मजारों पर सन्नाटे ने इनकी छटपटाहट बढ़ा दी है।

प्रवीण नेट्टारू की हत्या से लेकर प्रोफेसर का हाथ काटने तक: PFI और शरिया कोर्ट, इस्लामीकरण के विरोधी हिंदुओं के कत्लेआम का फरमान

कर्नाटक में BJYM नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या में PFI की भूमिका सामने आ रही है। इसकी शरिया कोर्ट के आदेश पर ही प्रोफेसर का हाथ काटा गया था।

प्राणघातक ‘पड़ोसी’, जानलेवा ‘पहचान’: प्रवीण हो या कन्हैया लाल या फिर उमेश कोल्हे… हर हिंदू की हत्या में कश्मीर वाला पैटर्न

हाल की घटनाओं ने लोगों को ध्यान दिलाया है कि मुस्लिम दोस्त, पड़ोसी और सहकर्मियों ने ही हिंदुओं की हत्याओं में भूमिका अदा की है।

40 में से 35 धरोहर हमारे, फिर धूर्त इतिहासकारों ने क्यों किया मुगलों का गुणगान? कुल्फी-समोसे से लेकर कुलचे तक का क्रेडिट, ‘काफिरों’ को...

वामपंथी इतिहासकारों ने मुगलों के नाम पर ऐसी कहानी रची कि लगा भारत में सब कुछ मुगलों की ही देन है। अगर मुगल नहीं होते तो भारत ही नहीं होता।

इस नंगई से डरना नहीं है, इसको मारते रहिए भाला… ठीक वैसे ही जैसे लक्ष्य भेदते हैं नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा वाले भारत को रणवीर सिंह जैसों की जरूरत नहीं। हमारे समय, प्रेम, पैसे से बनकर बॉलीवुड के भांड हमें ही दबंगई नहीं दिखा सकते। इनकी रस्सी जल चुकी है, बल भी जाएगा ही।

सिगरेट वाली ‘काली’, लक्ष्मी बम, गाड़ी को धक्का लगाते भगवान शंकर… मनोरंजन के नाम पर देवी-देवताओं का मजाक, इस हिंदू घृणा का इलाज क्या

भले 'काली' के पोस्टर पर विवाद ताजा हो, लेकिन मनोरंजन इंडस्ट्री की हिंदूफोबिया पुरानी है। आखिर इसका इलाज क्या है?

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