Friday, March 29, 2024
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नए साल पर छोटे निवेशकों को मोदी सरकार का उपहार: NSC और पोस्ट ऑफिस जमा पर अब अधिक मिलेंगे ब्याज, PPF और सुकन्या की दरों में बदलाव नहीं

लघु बजत योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याज दरों की समीक्षा के लिए श्यामला गोपीनाथ कमिटी द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले को अपनाया जाता है। कमिटी ने सुझाव दिया था कि विभिन्न बचत योजनाओं की ब्याज दर समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड्स की तुलना में 25 से 100 BPS पॉइन्ट्स अधिक होनी चाहिए।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi) ने देश के आम लोगों के हित में लघु बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला लिया है। छोटी बचत करने वाले लोगों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) और डाकघर बजत योजनाओं (Post Office Deposits) पर दी जाने वाली ब्याज दर में बढ़ोतरी की है।

हालाँकि, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि (Sukanya Samriddhi), सेविंग डिपॉजिट (Saving Deposit) और पाँच साल के रेकरिंग डिपॉजिट (Five Year Recurring Deposit) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, जिन योजनाओं के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की गई हैं, 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो जाएँगी।

राष्ट्रीय बचत पत्र यानी नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme) पर दिए जाने वाले ब्याज को 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है।

वहीं, एक से पाँच साल की अवधि की डाकघर सावधि जमा योजना (Post Office Fixed Deposit Scheme) पर ब्याज दर को बढ़ाया गया है। एक साल की सावधि जमा पर ब्याज दर को 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत, दो वर्ष की सावधि जमा पर ब्याज दर को 5.7 से 6.8 प्रतिशत, तीन वर्ष की सावधि जमा पर ब्याज दर 5.8 से 6.9 प्रतिशत औरप पाँच साल की सावधि जमा पर ब्याज दर को 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है।

इसके अलावा, मासिक आय योजना (Post Office Monthly Income Scheme) में भी 6.7 प्रतिशत की जगह अब 7.1 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा, जबकि किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) पर 7 प्रतिशत ब्याज की जगह अब 7.2 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।

बता दें कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष के हर तिमाही में लघु बचत योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याज दरों की समीक्षा करती है। सरकार ने चार साल में पहली बार पिछली तिमाही में सिर्फ किसान विकास पत्र में बढ़ोतरी की थी। हालाँकि, उस दौरान भी PPF और सुकन्या योजना की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

लघु बजत योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याज दरों की समीक्षा के लिए श्यामला गोपीनाथ कमिटी द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले को अपनाया जाता है। कमिटी ने सुझाव दिया था कि विभिन्न बचत योजनाओं की ब्याज दर समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड्स की तुलना में 25 से 100 BPS पॉइन्ट्स अधिक होनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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